वसुंधरा राजे का अजमेर में जोरदार संदेश: 'मैं आपको काटूं, आप सबको काटो' वाली राजनीति छोड़ें, एकजुट होकर राजस्थान का विकास करें
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अजमेर में कहा – "मैं आपको काटूं, आप सबको काटो– वाली राजनीति छोड़ने की अपील की। उन्होंने 35 साल के अपने विधायी अनुभव का जिक्र करते हुए जोर दिया कि जात-पात में बंटने की बजाय सभी एक साथ मिलकर काम करें तभी राजस्थान और उसके हर क्षेत्र का विकास संभव है।
अजमेर, 5 दिसंबर 2025: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को अजमेर में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए राज्य के विकास और एकता पर गहन चिंतन व्यक्त किया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जाति-पात की राजनीति और आपसी कटुता से राज्य आगे नहीं बढ़ सकता। राजे ने जोर देकर कहा, "यह नहीं चलेगा कि मैं आपको काटूं और आप सबको काटो। ऐसे नहीं चलेगा। सब एक साथ मिलकर एक जुट होकर काम करेंगे तो ही क्षेत्र और राज्य का विकास संभव होगा।" उनका यह बयान राजस्थान की राजनीतिक मिसाल के तौर पर चर्चा का विषय बन गया है।
घटना का संदर्भ: अजमेर में विशेष सभा अजमेर, जो राजस्थान का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सांस्कृतिक केंद्र है, वहां आयोजित इस सभा में वसुंधरा राजे ने स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ राज्य स्तर की चुनौतियों पर प्रकाश डाला। सभा का आयोजन क्षेत्रीय विकास पर केंद्रित था, जिसमें स्थानीय विधायक, कार्यकर्ता, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आम नागरिक शामिल हुए। राजे ने अपने संबोधन की शुरुआत ही राज्य की प्रगति की दिशा से की, लेकिन जल्द ही राजनीतिक विभाजन की कड़वी सच्चाई पर आ गईं। उन्होंने कहा कि राज्य में लंबे समय से चली आ रही जातिगत राजनीति ने विकास की गति को पंगु बना दिया है। "जात-पात में बंटने से कुछ हासिल नहीं होगा। हमें एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा," राजे ने जोरदार स्वर में कहा।इस सभा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि अजमेर राजस्थान की राजनीति का एक प्रमुख केंद्र रहा है। वसुंधरा राजे स्वयं इस क्षेत्र से गहराई से जुड़ी हुई हैं और यहां की जनता के बीच उनकी मजबूत पकड़ है। सभा के दौरान मंच पर स्थानीय नेता भी मौजूद थे, जिन्होंने राजे के विचारों का समर्थन किया। आयोजकों के अनुसार, यह सभा 'एक राजस्थान, समृद्ध राजस्थान' थीम पर आधारित थी, जिसमें विकास योजनाओं, बुनियादी ढांचे और सामाजिक सद्भाव पर चर्चा हुई।
वसुंधरा राजे का लंबा राजनीतिक सफर: 35 वर्षों का अनुभव वसुंधरा राजे राजस्थान की राजनीति की एक प्रमुख शख्सियत हैं, जिन्होंने राज्य को दो बार मुख्यमंत्री के रूप में नेतृत्व प्रदान किया। सभा में उन्होंने अपने लंबे राजनीतिक सफर का जिक्र करते हुए कहा, "सबको पता है कि मैं राजस्थान में सालों से हूं। मुझे विधानसभा के अंदर लगभग 35 साल हो चुके हैं।" उनका यह कथन उनके समर्पण और अनुभव को रेखांकित करता है। राजे ने 1985 में राजस्थान विधानसभा में प्रवेश किया था और तब से वे लगातार राज्य की सेवा में जुटी रही हैं।उन्होंने 2003 से 2008 और फिर 2013 से 2018 तक मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिनमें जल संरक्षण, ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण योजनाएं शामिल हैं। राजे ने सभा में शायराना अंदाज में अपनी बात कही, "हिंदुस्तान में शायद ही कोई ऐसा हो जो एक क्षेत्र में इतने लंबे समय से सेवा करता हो।" उनका यह बयान न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष को दर्शाता है, बल्कि राजस्थान की राजनीति में महिलाओं की भूमिका को भी मजबूत करता है। राजे ने जोर दिया कि उनका अनुभव राज्य के विकास के लिए समर्पित है, न कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए।
मुख्य संदेश: एकता और विकास पर जोर वसुंधरा राजे का संबोधन मुख्य रूप से राज्य के विकास पर केंद्रित रहा। उन्होंने कहा, "यह नहीं कि मैं आपको काटूं और आप सबको काटो। ऐसे इस तरह से नहीं चलेगा। सब एक साथ मिलकर एक जुट होकर काम करेंगे तो क्षेत्र और राज्य में विकास होगा।" उनका यह बयान राजनीतिक दलों के बीच आपसी कटुता पर एक करारा प्रहार था। राजे ने उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे जातिगत समीकरणों ने राज्य के प्रगति पथ में बाधाएं खड़ी की हैं। "जात-पात की दीवारें तोड़नी होंगी। हमें एक परिवार की तरह सोचना होगा," उन्होंने अपील की।राजे ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, पर्यटन, उद्योग और शिक्षा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को विकास का आधार बनाकर ही राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकता है। सभा में उन्होंने वर्तमान चुनौतियों, जैसे जल संकट, बेरोजगारी और ग्रामीण पलायन का जिक्र किया और एकजुट प्रयासों से इन्हें हल करने का आह्वान किया। "हम सबको मिलकर काम करना होगा। कोई क्षेत्र पिछड़ना नहीं चाहिए," राजे ने निष्कर्ष में कहा।