कच्छ की 70 वर्षीय जीवुनबेन ने रचा इतिहास 45 साल बाद IVF से बनीं मां, दुनिया में बना चर्चा का विषय.

गुजरात के कच्छ में 70 वर्षीय जीवुनबेन रबारी ने 45 साल के इंतज़ार के बाद आईवीएफ तकनीक से अपने पहले बच्चे को जन्म दिया। 75 वर्षीय पति के साथ उनका यह सपना बुढ़ापे में पूरा हुआ। विशेष चिकित्सकीय तैयारी और निगरानी में पूरी प्रक्रिया सम्पन्न हुई। उम्र के इस पड़ाव में मां बनने की उनकी कहानी दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी हुई है, जो साबित करती है कि उम्मीद कभी उम्र नहीं देखती।

Dec 5, 2025 - 16:06
कच्छ की 70 वर्षीय जीवुनबेन ने रचा इतिहास 45 साल बाद IVF से बनीं मां, दुनिया में बना चर्चा का विषय.

गुजरात के कच्छ जिले से एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी सामने आई है, जिसने दुनिया भर में उम्मीद और इच्छाशक्ति की नई मिसाल कायम कर दी है। 70 वर्षीय जीवुनबेन रबारी ने 45 साल लंबे इंतज़ार के बाद आईवीएफ तकनीक के जरिए अपने पहले बच्चे को जन्म दिया है। उनकी उम्र और परिस्थितियों को देखते हुए यह मामला चिकित्सा जगत में भी एक असाधारण उपलब्धि माना जा रहा है।

जीवुनबेन और उनके 75 वर्षीय पति ने वर्षों से संतान का सुख पाने की तमन्ना संजो रखी थी, लेकिन प्राकृतिक रूप से गर्भधारण संभव नहीं हो पाया। उम्र बढ़ने के बाद उन्होंने इसे सिर्फ किस्मत समझकर मान भी लिया था, लेकिन आधुनिक चिकित्सा तकनीक ने उनकी उम्मीदों को फिर से जगा दिया।

डॉक्टरों के मुताबिक, गर्भधारण से पहले जीवुनबेन को विशेष चिकित्सीय परीक्षण, स्वास्थ्य मूल्यांकन और कई हफ्तों की तैयारी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। इसके बाद आईवीएफ तकनीक के माध्यम से प्रेग्नेंसी सुनिश्चित की गई। पूरी निगरानी के साथ नौ महीनों तक उनका उपचार और देखभाल जारी रही।

अस्पताल के विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला मेडिकल साइंस के लिए चुनौतीपूर्ण तो था, लेकिन टीम ने हर चरण को बेहद सावधानीपूर्वक पूरा किया। आखिरकार, जीवुनबेन ने सुरक्षित रूप से बच्चे को जन्म दिया, जिसे डॉक्टरों ने “आशा का चमत्कार” बताया है।

सोशल मीडिया पर कई लोग इसे माता-पिता के प्रेम और धैर्य की मिसाल कह रहे हैं। वहीं कुछ विशेषज्ञों ने इतनी अधिक उम्र में गर्भधारण के जोखिमों को लेकर चिंताएं भी जताई हैं। इसके बावजूद यह घटना यह साबित करती है कि उम्मीद की कोई उम्र नहीं होती—और जीवन कभी भी नया मोड़ ले सकता है।

जीवुनबेन और उनके पति अब अपने बच्चे के साथ नए जीवन की शुरुआत कर रहे हैं। परिवार और गांव के लोग इस अनोखी खुशखबरी पर बधाइयां दे रहे हैं और इसे किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे।