जयपुर: एसएमएस हॉस्पिटल की पार्किंग बनी सुरक्षा का खतरा, सालों से खड़े लावारिस वाहनों ने बढ़ाई मुश्किलें

जयपुर के सबसे बड़े एसएमएस हॉस्पिटल की पार्किंग में सालों से खड़े 32 लावारिस वाहनों (16 बाइक, 5 ऑटो, 5 स्कूटी, 1 टेंपो, 1 जीप) ने सुरक्षा को खतरा बना दिया है। पार्किंग प्रभारी डॉ. प्रवीण जोशी ने ट्रैफिक पुलिस से वाहन हटाने के लिए मदद मांगी है।

Dec 7, 2025 - 12:59
जयपुर: एसएमएस हॉस्पिटल की पार्किंग बनी सुरक्षा का खतरा, सालों से खड़े लावारिस वाहनों ने बढ़ाई मुश्किलें

जयपुर, 7 दिसंबर 2025: राजस्थान की राजधानी जयपुर का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल, एसएमएस मेडिकल कॉलेज और अटैच्ड ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स (एसएमएस हॉस्पिटल), जहां रोजाना हजारों मरीज और उनके तीमारदार पहुंचते हैं, वहां की पार्किंग व्यवस्था खुद एक बड़ा सुरक्षा खतरा बन चुकी है। अस्पताल परिसर में सालों से खड़े लावारिस वाहनों ने न केवल जगह की कमी पैदा कर दी है, बल्कि ये वाहन चोरी, आग लगने या अन्य दुर्घटनाओं का कारण बन सकते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए अस्पताल प्रशासन ने ट्रैफिक पुलिस से आधिकारिक तौर पर मदद की गुहार लगाई है।

लावारिस वाहनों की लंबी फेहरिस्त एसएमएस हॉस्पिटल की पार्किंग में अनगिनत वाहन ऐसे हैं जो वर्षों से जंग खा रहे हैं। इनमें पुरानी बाइकें, स्कूटर, ऑटो रिक्शा, टेंपो और यहां तक कि जीप जैसी बड़ी गाड़ियां भी शामिल हैं। इन वाहनों के मालिकों का कोई पता नहीं चल पाया है, और ये पार्किंग एरिया को अवैध रूप से कब्जा कर बैठे हैं। अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, ये वाहन न केवल पार्किंग स्पेस को ब्लॉक कर रहे हैं, बल्कि मरीजों और स्टाफ के लिए आने-जाने में बाधा भी डाल रहे हैं।पार्किंग प्रभारी डॉ. प्रवीण जोशी ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए ट्रैफिक पुलिस को एक औपचारिक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने पार्किंग में खड़े सभी लावारिस वाहनों की विस्तृत सूची संलग्न की है। ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि डॉ. जोशी ही एसएमएस अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी (पार्किंग प्रभारी) के पद पर तैनात हैं। उनकी ओर से भेजी गई जानकारी के आधार पर, हाल ही में एक सर्वेक्षण किया गया, जिसमें कुल 32 लावारिस वाहन सामने आए। इनकी ब्रेकअप इस प्रकार है:16 बाइक: ज्यादातर पुरानी और जंग लगी हुई। 5 ऑटो रिक्शा: शहर की भीड़भाड़ वाली सड़कों पर चलने वाले ये वाहन अब पार्किंग में धूल फांक रहे हैं।5 स्कूटी: छोटे दोपहिया वाहन जो युवाओं के बीच लोकप्रिय हैं।1 टेंपो: माल ढुलाई के लिए इस्तेमाल होने वाला यह वाहन भी अब बेकार पड़ा है। 1 जीप गाड़ी: बड़ी एसयूवी जैसी यह गाड़ी पार्किंग के एक कोने में सालों से खड़ी है। ट्रैफिक पुलिस ने इस सूची को प्राप्त करने की पुष्टि करते हुए बताया कि ये वाहन न केवल सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि ये अवैध कब्जे के दायरे में भी आते हैं। पुलिस अब इन वाहनों को हटाने की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी में है।

समस्या की जड़ें और प्रभाव एसएमएस हॉस्पिटल जयपुर का प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र है, जहां प्रतिदिन सैकड़ों आपातकालीन मरीज भर्ती होते हैं। अस्पताल परिसर में पार्किंग की कमी लंबे समय से एक समस्या रही है, लेकिन लावारिस वाहनों ने इसे और जटिल बना दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे वाहन चोरी के गिरोहों के लिए आसान शिकार बन सकते हैं, या इनमें से कोई भी वाहन अगर क्षतिग्रस्त हो जाए तो आग लगने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, ये वाहन मच्छरों और अन्य कीटाणुओं के लिए भी उपजाऊ जमीन प्रदान कर रहे हैं, जो महामारी के दौर में संक्रमण फैलाने का कारण बन सकते हैं।अस्पताल प्रशासन का कहना है कि पार्किंग एरिया को व्यवस्थित करने के लिए कई प्रयास किए गए, लेकिन मालिकों का पता न लगने के कारण वाहन हटाना मुश्किल हो गया। डॉ. प्रवीण जोशी ने पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि "ये लावारिस वाहन अस्पताल की सुरक्षा और सुचारू संचालन के लिए गंभीर खतरा हैं। ट्रैफिक पुलिस से तत्काल सहायता की आवश्यकता है ताकि इन्हें हटाया जा सके।"

ट्रैफिक पुलिस की प्रतिक्रिया ट्रैफिक पुलिस ने पत्र प्राप्त करने के बाद तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "हम डॉ. जोशी से प्राप्त सूची के आधार पर जल्द ही टीम भेजेंगे। लावारिस वाहनों को जब्त करने और नीलामी की प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। एसएमएस हॉस्पिटल जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर ऐसी समस्याओं को प्राथमिकता दी जाती है।" पुलिस का यह कदम न केवल पार्किंग स्पेस को मुक्त करेगा, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त निगरानी की व्यवस्था भी सुनिश्चित करेगा।