दिल्ली कार ब्लास्ट केस: NIA कोर्ट ने आरोपी जासिर बिलाल वानी की कस्टडी 7 दिन और बढ़ाई

दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार बम धमाके के मामले में NIA की विशेष अदालत ने दूसरे आरोपी जासिर बिलाल वानी की रिमांड 7 दिन और बढ़ा दी। जासिर पर ड्रोन को हथियार बनाने, रॉकेट तैयार करने और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा होने के गंभीर आरोप हैं। उसे 17 नवंबर को श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था।

Dec 3, 2025 - 18:11
दिल्ली कार ब्लास्ट केस: NIA कोर्ट ने आरोपी जासिर बिलाल वानी की कस्टडी 7 दिन और बढ़ाई

नई दिल्ली, 3 दिसंबर 2025: दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में स्थित विशेष NIA अदालत ने बुधवार को दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए विस्फोटक कार ब्लास्ट मामले के दूसरे गिरफ्तार आरोपी जासिर बिलाल वानी उर्फ दानिश की NIA कस्टडी को सात दिन और बढ़ा दिया। यह फैसला आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बाद लिया गया, जहां भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुनवाई हुई। जासिर पर ड्रोन को संशोधित कर आतंकी हमलों में इस्तेमाल करने, रॉकेट बनाने की कोशिश करने और अन्य गंभीर आरोप लगे हुए हैं। NIA की जांच के अनुसार, वह इस साजिश का एक प्रमुख सहयोगी था।

घटना का पृष्ठभूमि: लाल किले के पास खौफनाक कार ब्लास्ट 10 नवंबर 2025 को दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के निकट एक सफेद रंग की ह्युंडई i20 कार में विस्फोट हो गया था, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और 32 अन्य घायल हो गए। यह विस्फोट इतना जबरदस्त था कि आसपास के वाहनों और इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि यह एक सुसाइड बॉम्बिंग का मामला था, जिसमें मुख्य आरोपी डॉ. उमर उन नबी ने खुद को उड़ा लिया। NIA ने इसे एक बड़े आतंकी साजिश का हिस्सा बताते हुए जांच अपने हाथ में ले ली। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया और राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए।

आरोपी जासिर बिलाल वानी: गिरफ्तारी और आरोप जासिर बिलाल वानी, जो जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के काजीगुंड का निवासी है, को NIA ने 17 नवंबर 2025 को श्रीनगर से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के तुरंत बाद, 18 नवंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने उसे 10 दिनों की NIA कस्टडी में भेज दिया। इसके बाद, 27 नवंबर को कोर्ट ने इस कस्टडी को सात दिन और बढ़ाया था, जो आज (3 दिसंबर) समाप्त हो रही थी। आज की सुनवाई में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (विशेष NIA जज) अंजू बाजाज चंदना ने NIA की ओर से पेश की गई अर्जी पर विचार करते हुए कस्टडी को फिर से सात दिन के लिए बढ़ा दिया।NIA के अनुसार, जासिर इस आतंकी मॉड्यूल का एक सक्रिय सदस्य था, जो प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ था।

जांच एजेंसी ने दावा किया है कि:जासिर ने ड्रोन को संशोधित कर आतंकी हमलों के लिए तैयार किया था। वह रॉकेट बनाने की कोशिश कर रहा था, जो इस ब्लास्ट से पहले की साजिश का हिस्सा था। वह मुख्य आतंकी उमर उन नबी के करीबी सहयोगी था, जो डॉक्टर होने के बावजूद कट्टरपंथी विचारों से प्रभावित हो गया था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहले जासिर को हिरासत में लिया था, जहां पूछताछ के दौरान पता चला कि मॉड्यूल के अन्य सदस्य उसे ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) के रूप में भर्ती करना चाहते थे, जबकि उमर ने उसे सुसाइड बॉम्बर बनने के लिए महीनों से ब्रेनवॉश कर रहा था।

परिवार का दर्द: पिता की त्रासदी जासिर की गिरफ्तारी की खबर सुनते ही उसके पिता बिलाल अहमद वानी ने श्रीनगर में आत्मदाह कर लिया था। 17 नवंबर को ही यह घटना हुई, और अस्पताल में इलाज के दौरान पिता की मौत हो गई। यह घटना मामले को और भावुक बना देती है, लेकिन NIA ने इसे साजिश का हिस्सा मानते हुए जांच जारी रखी।अन्य आरोपी और जांच की प्रगतियह विस्फोट मामले में जासिर दूसरा प्रमुख आरोपी है। इससे पहले:अमीर राशिद अली: कार का रजिस्टर्ड मालिक, जिसकी कस्टडी को मंगलवार (2 दिसंबर) को सात दिन बढ़ाया गया। कार ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई थी। सोयब: एक अन्य आरोपी, जिसे 10 दिनों की NIA कस्टडी में भेजा गया था। NIA की कई टीमें पूरे देश में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। एजेंसी विभिन्न एंगल्स की जांच कर रही है, जिसमें आतंकी फंडिंग, अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन और अन्य संभावित सहयोगियों की पहचान शामिल है। NIA का कहना है कि यह साजिश दिल्ली सहित अन्य शहरों में बड़े हमलों की योजना का हिस्सा थी। जांच में जम्मू-कश्मीर पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है।

सुरक्षा और कोर्ट प्रक्रिया आज की कोर्ट सुनवाई में जासिर को उसके चेहरे को ढककर पेश किया गया, और पूरे पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में भारी सुरक्षा तैनात की गई थी। NIA ने कोर्ट को बताया कि आरोपी से पूछताछ में महत्वपूर्ण सुराग मिल रहे हैं, इसलिए कस्टडी बढ़ाने की जरूरत है। अदालत ने NIA की दलीलों को स्वीकार करते हुए फैसला सुनाया।