रोडवेज बस में बैठे सवारी की मौत: पीबीएम अस्पताल से इलाज करवाकर अनूपगढ़ लौट रहे 80 वर्षीय बुजुर्ग ने तोड़ा दम

बीकानेर के पुगल फांटा बस स्टैंड पर रोडवेज बस में बैठे 80 वर्षीय गिरधारी जाट की अचानक मौत हो गई। वे पत्नी के साथ पीबीएम अस्पताल से इलाज करवाकर अनूपगढ़ लौट रहे थे। हृदय रोग से पीड़ित बुजुर्ग ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया, जिससे बस स्टैंड पर हड़कंप मच गया। पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया।

Dec 6, 2025 - 17:52
रोडवेज बस में बैठे सवारी की मौत: पीबीएम अस्पताल से इलाज करवाकर अनूपगढ़ लौट रहे 80 वर्षीय बुजुर्ग ने तोड़ा दम

बीकानेर, 6 दिसंबर 2025: राजस्थान के बीकानेर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने लोगों को सदमे में डाल दिया है। पुगल फांटा बस स्टैंड पर रोडवेज बस में बैठे-बैठे एक बुजुर्ग यात्री की अचानक मौत हो गई, जिससे पूरे स्टैंड पर हड़कंप मच गया। मृतक की पत्नी उनके साथ मौजूद थीं और यह दर्दनाक हादसा देखकर वे सदमे में आ गईं। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर मामले को संभाला और शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया।मृतक का नाम गिरधारी जाट (80 वर्ष) बताया जा रहा है। वे बीकानेर के प्रसिद्ध पीबीएम अस्पताल में पिछले दो दिनों से गंभीर बीमारी का इलाज करवा रहे थे। इलाज के बाद वे अपनी पत्नी के साथ अनूपगढ़ (अनूपगढ़ तहसील, बीकानेर जिला) लौट रहे थे। अनूपगढ़ बीकानेर से लगभग 120 किलोमीटर दूर स्थित एक छोटा कस्बा है, जहां गिरधारी जी का पैतृक निवास है। वे रोडवेज बस से यात्रा कर रहे थे, जो सामान्यतः इस रूट पर चलती रहती है।

घटना का विवरण प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस पुगल फांटा बस स्टैंड पर पहुंची ही थी कि गिरधारी जी अचानक अपनी सीट पर ही गिर पड़े। बस में सवार अन्य यात्रियों ने चीख-पुकार मचाई और चालक को रोका। स्टैंड पर मौजूद कर्मचारियों और यात्रियों ने तुरंत सहायता की कोशिश की, लेकिन तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं। यह घटना दोपहर के समय घटी, जब बस स्टैंड पर यात्रियों की भीड़ उमड़ी हुई थी। हड़कंप के कारण कुछ देर के लिए स्टैंड पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया।गिरधारी जी की पत्नी, जिनका नाम अभी स्पष्ट नहीं हो सका है, बस में उनके बगल में बैठी हुई थीं। वे इलाज के दौरान भी पति के साथ अस्पताल में रहीं और अब इस अचानक मौत से बुरी तरह टूट गई हैं। परिजनों ने बताया कि गिरधारी जी को हृदय संबंधी पुरानी बीमारी थी, जिसके कारण वे पीबीएम अस्पताल में भर्ती थे। डॉक्टरों ने उन्हें डिस्चार्ज तो कर दिया था, लेकिन यात्रा के दौरान ही उनका निधन हो गया। यह हादसा रोडवेज बसों की सुरक्षा और यात्रियों के स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है। क्या बुजुर्ग यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं होनी चाहिए? यह चर्चा का विषय बन गया है।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई घटना की सूचना मिलते ही नया शहर थाना पुलिस की टीम तुरंत पुगल फांटा बस स्टैंड पर पहुंची। थानाध्यक्ष ने मौके का मुआयना किया और प्रारंभिक जांच में इसे प्राकृतिक मौत करार दिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की बजाय, परिजनों की इच्छा पर सीधे सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस ने बस चालक और कंडक्टर के बयान दर्ज किए, लेकिन किसी प्रकार की लापरवाही की कोई शिकायत नहीं मिली। परिजन अनूपगढ़ ले जाएंगे, जहां अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही है।

परिजनों का शोक गिरधारी जी अनूपगढ़ के एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे और सामाजिक रूप से सक्रिय व्यक्ति थे। पड़ोसियों ने बताया कि वे हमेशा हंसमुख स्वभाव के थे और गांव में बुजुर्गों के लिए एक प्रेरणा थे। इस दुखद घटना पर अनूपगढ़ और बीकानेर के स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया पर शोक संदेश साझा किए हैं। एक परिजन ने कहा, "वे बस दो दिन पहले ही घर लौटने को तैयार थे, लेकिन किस्मत ने साथ दे दिया।"