बांग्लादेशी रिटायर्ड जनरल का विवादास्पद बयान: 'भारत के टुकड़े-टुकड़े होने पर ही बांग्लादेश में शांति आएगी'

बांग्लादेश के रिटायर्ड जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी ने ढाका में कहा कि बांग्लादेश में शांति तभी आएगी जब भारत टुकड़ों में बंट जाएगा। उन्होंने भारत को बांग्लादेश की सारी अशांति का जिम्मेदार ठहराया। यह भड़काऊ बयान दोनों देशों के बीच नए तनाव का कारण बन गया है।

Dec 5, 2025 - 18:48
बांग्लादेशी रिटायर्ड जनरल का विवादास्पद बयान: 'भारत के टुकड़े-टुकड़े होने पर ही बांग्लादेश में शांति आएगी'

ढाका, 5 दिसंबर 2025 : बांग्लादेशी सेना के पूर्व जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी ने भारत के खिलाफ बेहद भड़काऊ और विवादास्पद बयान दिया है, जिसने दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव को और गहरा कर दिया है। आजमी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बांग्लादेश में स्थायी शांति तभी संभव है जब भारत अपने टुकड़ों में बंट जाए। यह बयान ढाका के प्रतिष्ठित नेशनल प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया गया, जहां आजमी ने भारत को बांग्लादेश की मौजूदा अशांति का मुख्य जिम्मेदार ठहराया।

कार्यक्रम का संदर्भ और बयान का पूरा विवरण नेशनल प्रेस क्लब में गुरुवार को एक सेमिनार का आयोजन किया गया था, जिसमें बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता, सीमा विवाद और पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर चर्चा हो रही थी। पूर्व जनरल आजमी, जो बांग्लादेश आर्मी में लंबे समय तक उच्च पदों पर रहे हैं, मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित थे। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति से की, जहां हाल के वर्षों में राजनीतिक उथल-पुथल, आर्थिक संकट और सीमा पर तनाव ने देश को परेशान किया है।आजमी ने कहा, "बांग्लादेश में जो भी अशांति और अस्थिरता है, उसका मूल कारण भारत है। भारत की विस्तारवादी नीतियां और हस्तक्षेप ने हमें हमेशा परेशान किया है। जब तक भारत अपने अहंकार को नहीं छोड़ता और टुकड़ों में नहीं बंट जाता, तब तक बांग्लादेश को सच्ची शांति नहीं मिलेगी।" उनके इन शब्दों ने मंच पर मौजूद पत्रकारों और विश्लेषकों के बीच हंगामा मचा दिया। आजमी ने आगे कहा, "भारत का विभाजन ही हमारी मुक्ति का रास्ता है। हमने 1971 में आजादी हासिल की, लेकिन भारत की छाया अभी भी हमारे ऊपर मंडरा रही है। रोहिंग्या संकट से लेकर सीमा घुसपैठ तक, सब कुछ भारत की साजिश का हिस्सा है।"आजमी का यह बयान न केवल भारत के खिलाफ आक्रामक है, बल्कि यह बांग्लादेश की वर्तमान सरकार और सेना के आधिकारिक रुख से भी अलग प्रतीत होता है। बांग्लादेश सरकार ने हमेशा भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों पर जोर दिया है, खासकर व्यापार, सुरक्षा और जल संसाधन साझेदारी के क्षेत्र में। हालांकि, विपक्षी दलों और कुछ राष्ट्रवादी समूहों में आजमी के विचारों का समर्थन मिल सकता है।

पूर्व जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी का पृष्ठभूमि अब्दुल्लाहिल अमान आजमी बांग्लादेश आर्मी के एक वरिष्ठ रिटायर्ड अधिकारी हैं, जिन्होंने 1990 के दशक में ब्रिगेडियर के पद पर सेवा की। वे 1971 के मुक्ति संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए जाने जाते हैं और बाद में सेना की खुफिया इकाई में काम किया। रिटायरमेंट के बाद वे राजनीतिक टिप्पणीकार और लेखक के रूप में सक्रिय हो गए हैं। आजमी की किताबें और लेख अक्सर भारत-बांग्लादेश संबंधों पर आलोचनात्मक दृष्टिकोण रखते हैं। वे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) से जुड़े माने जाते हैं और अतीत में सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों में भाग ले चुके हैं।उनके इस बयान से पहले भी वे कई विवादों में रहे हैं। 2023 में उन्होंने एक इंटरव्यू में भारत को "क्षेत्रीय साम्राज्यवादी" कहकर संबोधित किया था, जिसकी निंदा बांग्लादेश सरकार ने की थी। आजमी के समर्थक उन्हें "राष्ट्रवादी आवाज" मानते हैं, जबकि आलोचक उन्हें "भड़काऊ तत्व" कहते हैं।

भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव के कारण आजमी के बयान का पृष्ठभूमि में बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति और दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे हैं। 2024 के आम चुनावों के बाद बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद सत्ता में आई अंतरिम सरकार के नेतृत्व में देश में अस्थिरता बढ़ी है। विपक्षी नेता खालिदा जिया की रिहाई और आर्थिक सुधारों को लेकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन आम हो गए हैं।भारत के साथ संबंधों में मुख्य विवाद जल बंटवारा (फरक्का बैराज), सीमा पर घुसपैठ, अवैध प्रवास और रोहिंग्या शरणार्थियों का मुद्दा है। भारत ने बांग्लादेश को हमेशा सहयोगी के रूप में देखा है, लेकिन बांग्लादेश के कुछ वर्गों में "भारतीय हस्तक्षेप" की धारणा मजबूत है। हाल ही में, 2025 में सीमा सुरक्षा बल (BSF) और बांग्लादेश राइफल्स (BDR) के बीच हुई गोलीबारी में दो बांग्लादेशी नागरिकों की मौत ने तनाव बढ़ाया था। आजमी ने अपने बयान में इसी घटना का जिक्र किया और इसे "भारतीय आक्रमण" करार दिया।

प्रतिक्रियाएं और संभावित प्रभाव भारतीय विदेश मंत्रालय ने आजमी के बयान की निंदा की है। एक प्रवक्ता ने कहा, "ऐसे भड़काऊ बयान क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं। भारत हमेशा बांग्लादेश के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व चाहता है।" बांग्लादेश सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, सेना ने आजमी को "निजी राय" बताकर किनारे करने की कोशिश की है।