मंत्री का बीजेपी प्रधान को नसीहत: ज्यादा बचपना नहीं करें, गहलोत को जवाब में कहा- रिफाइनरी पर राजनीति नहीं करनी चाहिए

राजस्थान के राज्य मंत्री के.के. विश्नोई ने बीजेपी प्रधान को बचकानी हरकतें न करने की नसीहत दी और अशोक गहलोत को पचपदरा रिफाइनरी पर राजनीति न करने की सलाह दी। बालोतरा में संत श्री राजाराम छात्रावास के नवनिर्मित राजेश्वर मंदिर के प्रतिष्ठा महोत्सव में शेखावत सहित कई बड़े नेता शामिल हुए।

Dec 7, 2025 - 11:51
मंत्री का बीजेपी प्रधान को नसीहत: ज्यादा बचपना नहीं करें, गहलोत को जवाब में कहा- रिफाइनरी पर राजनीति नहीं करनी चाहिए

बारमेर/जोधपुर, 7 दिसंबर 2025: राजस्थान के राजनीतिक माहौल में तनाव के बीच वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री डॉ. कन्हैया लाल कुमावत उर्फ के.के. विश्नोई ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने बीजेपी के स्थानीय प्रधान को नसीहत देते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों को बचकानी हरकतों से बचना चाहिए और धीरज व गंभीरता के साथ शासन व्यवस्था को मजबूत बनाना चाहिए। साथ ही, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हूडा रिफाइनरी को लेकर किए गए ट्वीट पर पलटवार करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह देश के युवाओं से जुड़ा एक राष्ट्रीय महत्व का विषय है। यह बयान गुड़ामालानी एसडीएम द्वारा बीजेपी प्रधान को इस्तीफा देने की सलाह के संदर्भ में आया है, जो स्थानीय स्तर पर विवाद का कारण बना हुआ है।यह बयान राज्य मंत्री विश्नोई ने बारमेर जिले के बालोतरा उपखंड में आयोजित एक धार्मिक समारोह के दौरान दिया। समारोह के.के. विश्नोई की उपस्थिति में और अधिक भव्य हो गया, जहां केंद्रीय और राज्य स्तर के कई प्रमुख नेता और संत शामिल हुए। विश्नोई ने कहा, "जनप्रतिनिधियों को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए परिपक्वता दिखानी चाहिए। बचकानी हरकतें शासन की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं। हमें धैर्य और गंभीरता से काम लेना होगा ताकि जनता का भरोसा बना रहे।" उन्होंने गुड़ामालानी एसडीएम के इस्तीफा संबंधी बयान का जिक्र करते हुए स्पष्ट किया कि प्रशासनिक अधिकारियों को भी अपनी भूमिका निभानी चाहिए, लेकिन जनप्रतिनिधियों को ऐसी स्थितियों में संयम बरतना अनिवार्य है।

रिफाइनरी विवाद पर तीखा प्रहार राज्य मंत्री विश्नोई ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हालिया ट्वीट का सीधा जवाब दिया, जिसमें गहलोत ने हूडा रिफाइनरी परियोजना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। गहलोत ने ट्वीट में आरोप लगाया था कि बीजेपी सरकार रिफाइनरी परियोजना को जानबूझकर लटका रही है, जो राजस्थान के विकास के लिए घातक है। विश्नोई ने इसका खंडन करते हुए कहा, "रिफाइनरी का मुद्दा राजस्थान या किसी एक राज्य तक सीमित नहीं है। यह पूरे देश के युवाओं के रोजगार और ऊर्जा सुरक्षा से जुड़ा है। कांग्रेस को इस पर सस्ती राजनीति करने से बचना चाहिए। हमारी सरकार विकास के प्रति प्रतिबद्ध है और ऐसी परियोजनाओं को गति देने के लिए कटिबद्ध है।" विश्नोई का यह बयान राजनीतिक दलों के बीच बढ़ते तनाव को और उजागर करता है, खासकर विधानसभा चुनावों के बाद राज्य में जारी सियासी जंग के बीच।विश्नोई ने आगे कहा कि रिफाइनरी जैसी मेगा प्रोजेक्ट्स में राजनीतिक हस्तक्षेप से विकास रुक जाता है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं से अपील की कि वे रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएं और विकास कार्यों का समर्थन करें। यह बयान न केवल स्थानीय मुद्दों को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य से जोड़ता है, बल्कि बीजेपी की

विकास-केंद्रित छवि को मजबूत करने का प्रयास भी करता दिखता है।

बालोतरा में भव्य मंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव राजनीतिक बयानों के बीच राज्य मंत्री के.के. विश्नोई 10 साल पुराने बालोतरा के समदड़ी रोड स्थित संत श्री राजाराम छात्रावास में नवनिर्मित राजेश्वर भगवान के मंदिर के तीन दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव में पहुंचे। यह महोत्सव शनिवार को धूमधाम से शुरू हुआ, जो स्थानीय स्तर पर एक बड़ा धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन साबित हुआ। मंदिर का निर्माण छात्रावास परिसर में किया गया है, जो क्षेत्र के निवासियों के लिए आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है।महोत्सव के मुख्य समारोह में विश्नोई के अलावा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री जोगाराम पटेल, पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री कैलाश चौधरी, साध्वी भगवती बाई, महंत दयाराम महाराज सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, स्थानीय नेता, संत-महात्मा और भक्तगण शामिल हुए। समारोह की शुरुआत ध्वजारोहण से हुई, उसके बाद कलश स्थापना का विधि-विधान से पालन किया गया। वैदिक मंत्रों के उच्चारण के बीच मूर्ति स्थापना की प्रक्रिया संपन्न हुई, जिसमें पंडितों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों का निर्वाह किया।मंदिर प्रतिष्ठा के दौरान विश्नोई ने संबोधन में कहा, "यह मंदिर न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। हमारी सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।" केंद्रीय मंत्री शेखावत ने भी मंदिर को क्षेत्र के विकास से जोड़ते हुए कहा कि ऐसे आयोजन समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। साध्वी भगवती बाई ने भक्तों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन दिया, जबकि महंत दयाराम महाराज ने मूर्ति स्थापना के महत्व पर प्रकाश डाला।तीन दिवसीय महोत्सव में भजन-कीर्तन, प्रवचन, भंडारे और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। पहले दिन की मुख्य झांकी में राजेश्वर भगवान की मूर्ति का विशेष श्रृंगार किया गया, जिसे देखने के लिए हजारों श्रद्धालु उमड़े। महोत्सव का समापन सोमवार को होगा, जिसमें विशेष पूजा-अर्चना और महाआरती का आयोजन होगा। स्थानीय प्रशासन ने समारोह के सुचारू संचालन के लिए विशेष सुरक्षा और यातायात व्यवस्था की है।