फिल्ममेकर विक्रम भट्ट गिरफ्तार: 30 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में मुंबई से उदयपुर ले जाएंगे, डॉक्टर ने लगाए थे ठगी के गंभीर इल्जाम
बॉलीवुड निर्देशक विक्रम भट्ट को उदयपुर के डॉ. अजय मुर्डिया से फिल्म बनाने के नाम पर 30 करोड़ रुपये ठगने के आरोप में रविवार को मुंबई के यारी रोड स्थित साली के घर से गिरफ्तार कर लिया गया। राजस्थान पुलिस उन्हें उदयपुर ले जा रही है।
मुंबई/उदयपुर, 7 दिसंबर 2025: बॉलीवुड के प्रसिद्ध फिल्ममेकर विक्रम भट्ट को रविवार को मुंबई और राजस्थान पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार कर लिया। उन पर उदयपुर के प्रमुख आईवीएफ विशेषज्ञ और इंडिरा ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक डॉ. अजय मुर्डिया से 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप है। पुलिस ने भट्ट को मुंबई के अंधेरी स्थित यारी रोड इलाके के गंगा भवन अपार्टमेंट से हिरासत में लिया, जो उनकी साली का निवास स्थान है। गिरफ्तारी के बाद राजस्थान पुलिस अब बांद्रा कोर्ट में ट्रांजिट रिमांड के लिए आवेदन करेगी, ताकि भट्ट को उदयपुर ले जाकर पूछताछ की जा सके। यह मामला फिल्म प्रोडक्शन के नाम पर निवेश की ठगी का है, जिसमें भट्ट के परिवार के सदस्य और सहयोगी भी आरोपी बनाए गए हैं।
मामले की शुरुआत: अप्रैल 2024 से चला आ रहा विवाद डॉ. अजय मुर्डिया ने अपनी दिवंगत पत्नी पर आधारित एक बायोपिक फिल्म बनाने के लिए विक्रम भट्ट से संपर्क किया। उदयपुर के निवासी डॉ. मुर्डिया, जो इंडिरा आईवीएफ चेन के संस्थापक हैं, ने स्थानीय निवासी दिनेश कटारिया के माध्यम से मुंबई के वृंदावन स्टूडियो में भट्ट से मुलाकात की। दोनों पक्षों के बीच एक समझौता हुआ, जिसमें मुर्डिया ने फिल्म निर्माण के लिए भारी निवेश का वादा किया।फिल्ममेकर भट्ट और उनकी टीम ने डॉ. मुर्डिया को आकर्षित करने के लिए एक आकर्षक प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने दावा किया कि डॉ. मुर्डिया की पत्नी पर आधारित बायोपिक के अलावा अन्य तीन फिल्में और डॉक्यूमेंट्री बनाई जाएंगी, जो कुल मिलाकर 200 करोड़ रुपये तक की कमाई कर सकती हैं। इस लालच में डॉ. मुर्डिया ने कथित तौर पर 30 करोड़ रुपये से अधिक की राशि भट्ट की प्रोडक्शन कंपनी को विभिन्न किस्तों में हस्तांतरित कर दी। लेकिन, आरोप है कि यह राशि फिल्म निर्माण में उपयोग न होकर गबन कर ली गई।
FIR में लगे गंभीर आरोप: 8 लोग नामजद, परिवार समेत सहयोगी फंसे 17 नवंबर 2025 को उदयपुर के भूपालपुरा थाने में डॉ. अजय मुर्डिया ने विक्रम भट्ट समेत 8 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का एफआईआर दर्ज कराया। एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4) और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है। नामजद आरोपी इस प्रकार हैं,विक्रम भट्ट (मुख्य आरोपी, फिल्ममेकर) श्वेतांबरी भट्ट (विक्रम की पत्नी) कृष्णा भट्ट(विक्रम की बेटी)दिनेश कटारिया (उदयपुर निवासी, मध्यस्थ)मुदीत बुट्टन (दिल्ली निवासी, सहयोगी)गंगेश्वरलाल श्रीवास्तव (सहयोगी)अशोक दुबे (फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉयी के महासचिव)मेहबूब अंसारी (को-प्रोड्यूसर), डॉ. मुर्डिया के मुताबिक, भट्ट की टीम ने फिल्मों का क्रेडिट सही तरीके से नहीं दिया और प्रोजेक्ट्स को पूरा नहीं किया। दो फिल्में तो बनाई गईं, लेकिन वे वादे के मुताबिक नहीं थीं। बाकी प्रोजेक्ट्स पर कोई प्रगति नहीं हुई। पुलिस ने बैंक स्टेटमेंट, कॉन्ट्रैक्ट्स और संचार रिकॉर्ड्स की जांच शुरू कर दी है। उदयपुर एसपी ने बताया, "शिकायतकर्ता ने कंपनी को कुछ राशि दी और चार फिल्मों के निर्माण का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया, लेकिन प्रोडक्शन हाउस ने वादे पूरे नहीं किए।"
पिछली गिरफ्तारियां: केस में दो अन्य आरोपी पहले ही हिरासत में इस मामले में विक्रम भट्ट पहला प्रमुख आरोपी नहीं हैं। 18 नवंबर 2025 को राजस्थान पुलिस ने भट्ट के को-प्रोड्यूसर मेहबूब अंसारी और मुंबई के एक वेंडर संदीप त्रिलोचन को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों को उदयपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया। पुलिस का दावा है कि बाकी आरोपी भी जल्द फरियाद में होंगे।विक्रम भट्ट का पक्ष: "FIR भ्रामक, दस्तावेज जाली; पुलिस को गुमराह किया गया"गिरफ्तारी से पहले विक्रम भट्ट ने आरोपों को सिरे से नकारा था। उन्होंने एएनआई को बताया, "मुझे आज पता चला कि एफआईआर दर्ज हुई है। राजस्थान पुलिस को गुमराह किया जा रहा है। मैंने न तो कोई नोटिस प्राप्त की है और न ही कोई पत्र। वे कहते हैं कि 200 करोड़ के लालच में मैंने 30 करोड़ की ठगी की। अगर ऐसा है तो उनके पास दस्तावेज होने चाहिए।" भट्ट ने काउंटर आरोप लगाया कि डॉ. मुर्डिया ने फिल्म 'विराट' के बीच में काम रोक दिया, जिससे क्रू मेंबर्स को 250 करोड़ रुपये का भुगतान बाकी है। उन्होंने ईमेल और कॉन्ट्रैक्ट्स का हवाला देते हुए कहा, "अगर मैंने उन्हें ठगा होता तो वे तीसरी फिल्म क्यों बना रहे? यह भुगतान न करने का बहाना लगता है। मेरे पास सबूत हैं, जांच में सहयोग करूंगा।" भट्ट ने एफआईआर को "जाली दस्तावेजों पर आधारित" करार दिया।
पुलिस की अगली कार्रवाई: ट्रांजिट रिमांड और गहन जांच गिरफ्तारी के तुरंत बाद मुंबई पुलिस ने भट्ट को स्थानीय थाने में रखा। राजस्थान पुलिस की टीम अब बांद्रा कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड प्राप्त करने की प्रक्रिया में है, जिसके बाद उन्हें उदयपुर ले जाया जाएगा। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच में फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन, फिल्म प्रोडक्शन के रिकॉर्ड्स और गवाहों के बयान शामिल हैं। यह मामला बॉलीवुड में फंडिंग और निवेश संबंधी विवादों को नई रोशनी डाल सकता है।
विक्रम भट्ट का फिल्मी सफर: हॉरर से ड्रामा तक का सफर विक्रम भट्ट बॉलीवुड के वेटरन डायरेक्टर हैं, जिन्होंने 1990 के दशक से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। वे मुकुल आनंद के असिस्टेंट रह चुके हैं और 1998 में 'मदहोश' से डेब्यू किया। हॉरर जॉनर में '1920', 'रागिनी एमएमएस' जैसी सुपरहिट फिल्मों के लिए मशहूर हैं। हाल ही में 'तुमको मेरी कसम' (मार्च 2025) जैसी फिल्में प्रोड्यूस कीं। लेकिन अब यह कानूनी विवाद उनके करियर पर सवालिया निशान लगा रहा है।