डीग में बच्चों से भरी स्कूल बस हादसे से बची: एक्सल टूटने से बेकाबू हुई बस सड़क किनारे गड्ढे में रुकी, नहर में गिरने से बचीं 35 जानें
भरतपुर के डीग में 35 बच्चों से भरी निजी स्कूल बस का एक्सल टूटने से बेकाबू होकर सड़क किनारे गड्ढे में फंस गई। बस नहर में गिरने से बाल-बाल बची, सभी बच्चे सुरक्षित हैं।
भरतपुर, 5 दिसंबर 2025: राजस्थान के भरतपुर जिले के डीग उपखंड में शुक्रवार सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा टल गया। 35 बच्चों को लेकर जा रही एक निजी स्कूल की बस अचानक एक्सल (अक्ष) टूटने के कारण बेकाबू हो गई। बस सड़क से उतरकर किनारे पर स्थित एक गड्ढे में जा अटकी, जहां पास ही खड़े पेड़ ने इसे और आगे बढ़ने से रोक लिया। यदि बस थोड़ी और आगे बढ़ जाती, तो यह सीधे नहर में गिरकर पलट जाती, जिससे सवार 35 मासूम बच्चों की जानें खतरे में पड़ सकती थीं। हादसे के दौरान बस में सवार बच्चों में चीख-पुकार मच गई, लेकिन किसी को चोट नहीं लगी। घटना के बाद स्थानीय लोगों और पुलिस ने तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया।
हादसे का पूरा विवरण: सुबह के वक्त सड़क पर ड्रामा घटना भरतपुर जिले के कामा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले डीग इलाके में शुक्रवार सुबह करीब 7:30 बजे हुई। बस निजी स्कूल के 35 बच्चों को लेकर डीग से भरतपुर की ओर जा रही थी। चालक ने बताया कि वे सामान्य गति से बस चला रहे थे, जब अचानक बस के अगले हिस्से का एक्सल (जिसे वाहन की मुख्य धुरी कहा जाता है) टूट गया। इससे बस का संतुलन बिगड़ गया और वह बेकाबू होकर सड़क से नीचे उतरने लगी।बस में सवार बच्चे, जो ज्यादातर कक्षा 1 से 5 तक के थे, डर के मारे चिल्लाने लगे। "मम्मी-पापा" और "बचाओ" की पुकार से पूरा वातावरण गूंज उठा। चालक ने पूरे जोर-शोर से ब्रेक लगाने की कोशिश की, लेकिन टूटे एक्सल के कारण बस पर उनका नियंत्रण नहीं रहा। खुशकिस्मती से बस सड़क किनारे एक गड्ढे में रुक गई, जहां एक बड़ा पेड़ खड़ा था। पेड़ की टहनियों ने बस को और आगे सरकने से रोक लिया। यदि पेड़ न होता या बस थोड़ी और तेज चल रही होती, तो यह सीधे पास बह रही नहर में समा जाती, जहां पानी की गहराई 10-12 फीट से अधिक बताई जा रही है।चालक ने बताया, "मैं बस को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रहा था, लेकिन एक्सल टूटते ही सब कुछ बेकाबू हो गया। बच्चों की चीखें सुनकर मेरा दिल बैठ गया। भगवान का शुक्र है कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।" चालक के अनुसार, बस की वार्षिक जांच हाल ही में हुई थी, लेकिन एक्सल की खराबी अचानक सामने आई।
बच्चों की हालत: डर के मारे बेहाल, लेकिन सुरक्षित बस में सवार 35 बच्चे विभिन्न उम्र के थे, जिनमें 20 लड़के और 15 लड़कियां शामिल थीं। अधिकांश बच्चे डीग के आसपास के गांवों के निवासी थे। हादसे के तुरंत बाद बच्चों में अफरा-तफरी मच गई। कई बच्चे रोने लगे, तो कुछ ने खिड़कियों से बाहर झांककर मदद की गुहार लगाई। एक 8 वर्षीय बच्चे ने बताया, "बस अचानक हिलने लगी और सब गिरने लगे। मुझे लगा कि हम सब मर जाएंगे।" सौभाग्य से, हादसे में किसी बच्चे या चालक को कोई चोट नहीं लगी। बस के अंदर का सस्पेंशन सिस्टम काम करता रहा, जिसने झटके को कम किया। स्थानीय ग्रामीणों ने शोर सुनकर तुरंत मौके पर पहुंचे और बच्चों को बस से सुरक्षित बाहर निकाला। बच्चों को पानी पिलाया गया और उनके अभिभावकों को सूचना दी गई। स्कूल प्रशासन ने भी जल्दी ही टीम भेजी, जो बच्चों को लेकर वापस स्कूल लौटी।
पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई घटना की सूचना मिलते ही कामा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। एसएचओ (स्टेशन हाउस ऑफिसर) ने बताया, "हमें सूचना मिलते ही टीम रवाना कर दी गई। बस को क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया और चालक का बयान दर्ज किया। प्रारंभिक जांच में एक्सल टूटना मुख्य कारण सामने आया है। हम बस मालिक के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज करने पर विचार कर रहे हैं।" ट्रैफिक पुलिस ने भी साइट का मुआयना किया और सड़क किनारे गड्ढे को चिह्नित कर सुरक्षित करने के निर्देश दिए। जिला प्रशासन ने स्कूल बसों की सुरक्षा जांच के लिए विशेष अभियान चलाने का फैसला लिया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। डीएम (जिला मजिस्ट्रेट) ने प्रभावित परिवारों से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
पृष्ठभूमि: स्कूल बसों की सुरक्षा पर सवाल यह हादसा राजस्थान में स्कूल बसों की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर रहा है। पिछले एक साल में राज्य में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जहां पुरानी बसों या खराब रखरखाव के कारण हादसे टले या हुए। विशेषज्ञों का कहना है कि एक्सल जैसी महत्वपूर्ण पार्ट्स की नियमित जांच जरूरी है। डीग जैसे ग्रामीण इलाकों में सड़कें संकरी और खतरनाक हैं, जहां नहरें और गड्ढे खतरे को बढ़ाते हैं।