उदयपुर: हत्या के मामले में 4 आरोपी गिरफ्तार, 4 नाबालिग हिरासत में; जंगलों में छिपे थे अपराधी, 6 माह की मशक्कत के बाद पुलिस को मिली सफलता
उदयपुर के गोगुंदा में 6 महीने पहले बाइक सवारों को रोककर की गई मारपीट में हत्या के चार मुख्य आरोपियों को पुलिस ने ओगणा जंगलों से गिरफ्तार किया, 4 नाबालिग भी हिरासत में।
उदयपुर, 7 दिसंबर 2025: राजस्थान के उदयपुर जिले के गोगुंदा थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। लगभग 6 माह की अथक मशक्कत के बाद गोगुंदा थाना पुलिस ने चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि चार नाबालिगों को भी हिरासत में ले लिया गया। यह घटना तब की है जब बाइक पर सवार कुछ लोगों को रास्ते में रोका गया और उन पर क्रूरता से मारपीट की गई, जो बाद में हत्या में तब्दील हो गई। आरोपी लंबे समय से फरार चल रहे थे और पुलिस की सतर्कता से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदलते रहते थे। अंततः तकनीकी निगरानी और मुखबिरों की मदद से उन्हें गोगुंदा-ओगणा के घने जंगलों में घेर लिया गया।
घटना का पृष्ठभूमि: मारपीट से हत्या तक का क्रूर कृत्य पुलिस के अनुसार, यह मामला करीब 6 माह पूर्व का है। गोगुंदा थाना क्षेत्र में कुछ आरोपी बाइक पर सवार लोगों को रास्ते में रोक लेते थे। वे इन लोगों से छोटे-मोटे विवादों को लेकर झगड़ पड़ते थे, जो जल्द ही मारपीट में बदल जाता। इस दौरान एक घटना में मारपीट इतनी हिंसक हो गई कि पीड़ित की मौत हो गई, जिससे यह मामला हत्या का बन गया। पीड़ित की पहचान अभी स्पष्ट रूप से सामने नहीं आई है, लेकिन स्थानीय सूत्रों के अनुसार यह एक सड़क पर हुई सामान्य सी लगने वाली घटना थी जो अपराधियों की गुंडागर्दी का शिकार बनी। आरोपी, जो ज्यादातर स्थानीय स्तर के गुंडे माने जाते हैं, ने इस अपराध को अंजाम देकर फरार हो गए थे। घटना के बाद से ही पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया और विशेष जांच टीम गठित की गई।
पुलिस की 6 माह लंबी मशक्कत: 100 से ज्यादा ठिकानों पर दबिश गोगुंदा थाना प्रभारी श्याम सिंह ने बताया कि अपराध के बाद से ही पुलिस मुखबिरों के नेटवर्क और आधुनिक तकनीकी संसाधनों का सहारा ले रही थी। "हमने लगातार 6 माह तक आरोपी का पता लगाने के लिए मेहनत की। उनके करीब 100 से ज्यादा ठिकानों पर दबिशें दी गईं, लेकिन वे चालाकी से बचते रहे," सिंह ने कहा। आरोपी किसी एक स्थान पर ज्यादा देर रुकते ही नहीं थे। वे रातोंरात ठिकाने बदल लेते, जिससे पुलिस की राह मुश्किल हो जाती। स्थानीय खुफिया तंत्र के अनुसार, आरोपी गोगुंदा और ओगणा के आसपास के घने जंगलों में छिपे हुए थे, जहां पहुंचना और निगरानी रखना बेहद चुनौतीपूर्ण था। जंगलों की घनी झाड़ियां और दुर्गम इलाके ने उन्हें अस्थायी आश्रय प्रदान कर दिया था।अंततः, एक विशेष ऑपरेशन के तहत पुलिस ने जंगलों में घेराबंदी की। मुखबिरों से मिली टिप्स और ड्रोन निगरानी की मदद से आरोपी के ठिकाने का सटीक पता लगाया गया। रविवार रात को चली इस कार्रवाई में चार मुख्य आरोपी हाथों के हत्थे चढ़ गए, जबकि उनके साथ मौजूद चार नाबालिगों को भी हिरासत में ले लिया गया। नाबालिगों की उम्र 16 से 18 वर्ष के बीच बताई जा रही है, और उनके खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम और विवरण पकड़े गए मुख्य चार आरोपियों के नाम इस प्रकार हैं:वरदा पुत्र होना: मुख्य आरोपी, जिस पर मारपीट का नेतृत्व करने का आरोप। थावराराम पुत्र लिंबा: सह-आरोपी, घटना में सक्रिय भूमिका। गणेश लाल पुत्र मोतीलाल: हत्या में सहयोगी। शंकर लाल पुत्र खेमाराम: फरारी के दौरान अन्य अपराधों में संलिप्त। ये सभी आरोपी स्थानीय निवासी हैं और पहले भी छोटे-मोटे आपराधिक मामलों में नामजद हो चुके हैं। पुलिस ने उनके कब्जे से कुछ हथियार और मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच की जा रही है। पूछताछ में आरोपी ने अपराध कबूल लिया है और बताया कि वे आर्थिक तंगी और नशे की लत के चलते ऐसे कृत्यों को अंजाम देते थे।
आगे की कार्रवाई और संदेश थाना प्रभारी श्याम सिंह ने कहा, "यह गिरफ्तारी अपराधियों के लिए एक कड़ी चेतावनी है। हमारी टीम ने साबित कर दिया कि अपराधी कितना भी छिप जाए, कानून का दायरा उसे घेर ही लेगा।" पुलिस अब मामले की गहन जांच कर रही है, जिसमें पीड़ित परिवार से बातचीत और अन्य संभावित गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। चारों मुख्य आरोपी को न्यायालय में पेश किया जाएगा, जबकि नाबालिगों को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष भेजा जाएगा।