छात्र नेता ने डीएसपी को थमाया मानहानि नोटिस, 7 दिन में माफी की मांग

राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी ने सांगोद के डीएसपी अनिल जोशी को झालावाड़ अंडरटेकिंग बयान पर मानहानि नोटिस भेजा, सात दिन में माफी मांगने की मांग की।

Jul 27, 2025 - 12:18
छात्र नेता ने डीएसपी को थमाया मानहानि नोटिस, 7 दिन में माफी की मांग

राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और युवा नेता निर्मल चौधरी ने सांगोद के डिप्टी एसपी अनिल जोशी को मानहानि का कानूनी नोटिस भेजकर एक अभूतपूर्व कदम उठाया है। यह संभवतः पहला मौका है जब किसी छात्र नेता ने किसी पुलिस अधिकारी के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की हो। नोटिस में डीएसपी अनिल जोशी से सात दिनों के भीतर सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की गई है, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

यह विवाद झालावाड़ से जुड़ा है, जहां डीएसपी अनिल जोशी द्वारा दिए गए एक बयान में दावा किया गया था कि निर्मल चौधरी ने झालावाड़ न जाने की एक 'अंडरटेकिंग' दी थी। इस बयान को निर्मल चौधरी ने उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला और भ्रामक बताया है। उनके वकील विमल त्यागी के माध्यम से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि इस बयान ने न केवल उनकी छवि को धूमिल किया, बल्कि उनके सामाजिक और राजनीतिक जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला।

नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि डीएसपी अनिल जोशी सात दिनों के भीतर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तो उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया जाएगा। यह नोटिस भारतीय दंड संहिता की धारा 499 के तहत मानहानि को दंडनीय अपराध मानते हुए तैयार किया गया है, जो किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाले झूठे बयानों को गंभीरता से लेता है।

निर्मल चौधरी का पक्ष

निर्मल चौधरी, जो राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं, ने इस मामले में अपनी बात रखते हुए कहा, "मेरे खिलाफ झूठे और आधारहीन बयान दिए गए हैं, जो मेरी छवि को खराब करने की साजिश का हिस्सा हैं। मैंने कभी ऐसी कोई अंडरटेकिंग नहीं दी, जैसा कि दावा किया जा रहा है। यह मेरे और मेरे समर्थकों के साथ अन्याय है। मैं लोकतांत्रिक मर्यादाओं और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए यह कदम उठा रहा हूं।"

उन्होंने यह भी कहा कि यह नोटिस न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए है, बल्कि यह उन सभी युवा नेताओं के लिए एक मिसाल है, जो अपने हक के लिए लड़ रहे हैं।

झालावाड़ हादसे का पृष्ठभूमि

यह मामला उस समय और भी चर्चा में आया जब हाल ही में झालावाड़ में एक स्कूल की इमारत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। इस हादसे के बाद निर्मल चौधरी और अन्य छात्र नेता पीड़ित परिवारों से मिलने झालावाड़ पहुंचे थे। इस दौरान कनवास पुलिस ने निर्मल चौधरी को हिरासत में लिया था, जब वे घायल बच्चों और उनके परिजनों से मिलने जा रहे थे। कनवास SHO श्यामाराम ने स्पष्ट किया था कि केवल निर्मल चौधरी को हिरासत में लिया गया था, जबकि विधायक सुरेश गुर्जर अपनी मर्जी से उनके साथ आए थे।

इस हादसे के बाद निर्मल चौधरी और अन्य छात्र नेताओं ने सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़ित परिवारों को मुआवजे की मांग की थी। इसी दौरान डीएसपी अनिल जोशी का वह बयान सामने आया, जिसे अब निर्मल चौधरी ने मानहानिकारक बताया है।

कानूनी पहलू और विशेषज्ञों की राय

कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, मानहानि का नोटिस भेजना मुकदमेबाजी की दिशा में पहला कदम है। भारतीय दंड संहिता की धारा 499 के तहत, यदि कोई बयान किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से दिया जाता है और वह झूठा साबित होता है, तो उसे मानहानि माना जाता है।

वकील विमल त्यागी ने बताया, "हमने नोटिस में सभी तथ्यों को स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है। डीएसपी का बयान न केवल भ्रामक है, बल्कि यह निर्मल चौधरी की सामाजिक और राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचाने वाला है। हमने सात दिन का समय दिया है, और यदि माफी नहीं मांगी गई, तो हम कोर्ट में जाएंगे।"

सोशल मीडिया पर चर्चा

इस घटना ने सोशल मीडिया, खासकर एक्स पर खूब सुर्खियां बटोरी हैं। कई यूजर्स ने निर्मल चौधरी के इस कदम को साहसिक बताया है। एक यूजर ने लिखा, "निर्मल चौधरी का यह कदम युवा नेताओं के लिए एक मिसाल है। झूठे बयानों का जवाब कानूनी तरीके से देना सही रास्ता है।"

वहीं, कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक स्टंट भी करार दिया, लेकिन निर्मल चौधरी के समर्थकों का कहना है कि यह कदम उनकी छवि को बचाने और अन्याय के खिलाफ लड़ाई का प्रतीक है।

अब तक डीएसपी अनिल जोशी की ओर से इस नोटिस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस नोटिस का जवाब कैसे देते हैं और क्या वे माफी मांगते हैं या मामला अदालत तक जाता है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .