सेना की वर्दी से तस्करी का रास्ता: गोधूराम का चौंकाने वाला सफर!
सेना का जवान गोधूराम, जो वर्दी में देश सेवा का दम भरता था, छुट्टी पर आते ही अपराध की गहरी खाई में क्यों उतर गया? सांचौर के तस्करों के साथ दोस्ती, जोधपुर के ड्रग माफिया श्रवण बिश्नोई का साथ, और मणिपुर से अफीम की खेप लाने का खतरनाक खेल! गर्लफ्रेंड देवी को 50 हजार रुपये देकर बनाया सुरक्षा कवच, मगर 7 जुलाई 2025 को दिल्ली पुलिस ने कालिंदी कुंज के पास SUV में छिपी 18 किलो अफीम के साथ गोधूराम, देवी और पीराराम को दबोच लिया। क्या इस ड्रग रैकेट का काला सच सामने आएगा?

भारतीय सेना की वर्दी में देश सेवा की शपथ लेने वाला एक जवान, गोधूराम, कैसे अपराध की दुनिया में उतर गया? यह कहानी न केवल हैरान करने वाली है, बल्कि यह भी दिखाती है कि लालच और ऐशो-आराम की चाह इंसान को किस हद तक गलत रास्ते पर ले जा सकती है। राजस्थान के बालोतरा जिले के सिणधरी थाना क्षेत्र के दुर्गुंडा कादानाड़ी गांव का रहने वाला गोधूराम, जो सेना में कॉन्स्टेबल था, अब ड्रग तस्करी के आरोप में सलाखों के पीछे है। उसके साथ उसकी गर्लफ्रेंड देवी और दोस्त पीराराम भी गिरफ्तार किए गए हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 7 जुलाई 2025 को कालिंदी कुंज के पास इन तीनों को 18 किलो 108 ग्राम अफीम के साथ धर दबोचा।
तस्कर बनने की शुरुआत: छुट्टी पर आया, वापस नहीं लौटा
गोधूराम गुजरात के कच्छ में सेना में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात था। फरवरी 2024 में वह तीन महीने की छुट्टी लेकर अपने गांव आया, लेकिन इसके बाद वह ड्यूटी पर वापस नहीं लौटा। छुट्टियों के दौरान उसकी मुलाकात सांचौर के तस्कर भागीरथ से हुई। भागीरथ की चमचमाती SUV गाड़ियां, शाही लाइफस्टाइल और मोटी कमाई ने गोधूराम को लालच के रास्ते पर धकेल दिया। भागीरथ ने उसे बताया कि वह जोधपुर के कुख्यात तस्कर श्रवण बिश्नोई के लिए काम करता है, जो मणिपुर से अफीम लाकर दिल्ली और जोधपुर में सप्लाई करता है। यह सुनकर गोधूराम ने सेना की वर्दी उतार दी और तस्करी की दुनिया में कदम रख दिया।
गर्लफ्रेंड को बनाया 'सुरक्षा कवच', हर ट्रिप में 50 हजार का
गोधूराम ने तस्करी को और सुरक्षित बनाने के लिए अपनी गर्लफ्रेंड देवी को इस धंधे में शामिल किया। उसे हर ट्रिप के लिए 50 हजार रुपये और मुफ्त यात्रा का लालच दिया। देवी का साथ होने से पुलिस की नजरों से बचना आसान हो जाता था, क्योंकि एक जोड़े के रूप में यात्रा करने से शक कम होता था। गोधूराम, देवी और उनके दोस्त पीराराम ने मिलकर मणिपुर से दिल्ली और जोधपुर तक अफीम की खेप पहुंचाने का रैकेट शुरू किया। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि मई 2025 में तीनों मणिपुर के सेनापति गए, जहां उन्होंने तस्कर रमेश मैती से 23 लाख रुपये में 18 किलो अफीम खरीदी। इस खेप में 8 किलो दिल्ली और 10 किलो जोधपुर पहुंचाने थे। हर ट्रिप के लिए गोधूराम को 3 लाख रुपये मिलते थे।
पकड़े जाने का ड्रामा: SUV की फुटमैट में छिपी थी अफीम
7 जुलाई 2025 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को गुप्त सूचना मिली कि मणिपुर से एक क्रेटा कार (रजिस्ट्रेशन नंबर 24BH4615C) कालिंदी कुंज की ओर आ रही है, जिसमें भारी मात्रा में अफीम है। पुलिस ने मेट्रो पिलर नंबर 193 के पास जाल बिछाया। गोधूराम ने कार से उतरकर टहलना शुरू किया, और देवी भी उसका साथ देने लगी। मुखबिर ने पुख्ता किया कि यही गोधूराम है, और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। तीनों ने तलाशी के दौरान कुछ न होने का दावा किया, लेकिन जब पुलिस ने कार की फुटमैट हटाई, तो उसके नीचे 18 किलो 108 ग्राम अफीम के पैकेट और एक लाइसेंसी पिस्तौल बरामद हुई। इसके बाद गोधूराम, देवी और पीराराम को गिरफ्तार कर लिया गया
सोशल मीडिया पर रुतबा और गांव में दिखावा
गोधूराम सोशल मीडिया पर 'जीआर फौजी' नाम से खासा सक्रिय था। उसने अपनी हुंडई कार पर 'आर्मी' लिखवाया था और SUV पर स्टंट करते हुए, स्थानीय नेताओं के साथ फोटो खिंचवाते हुए कई रील्स और पोस्ट शेयर किए थे। उसकी गर्लफ्रेंड देवी ने भी 'जिद्दी गर्ल' नाम से इंस्टाग्राम अकाउंट बनाया, जहां उसने बाइक और स्कॉर्पियो चलाते हुए फोटो डाले थे। गांव में भी गोधूराम ने अपनी बदली हुई लाइफस्टाइल से सबको चौंका दिया था। फरवरी 2025 में अपने छोटे भाई की शादी में उसने समाज के नियम तोड़कर 51,000 रुपये का जुर्माना भरकर DJ बजवाया, जो उसके समाज में प्रतिबंधित था। यह कदम उसने अपने रुतबे को दिखाने के लिए उठाया था
श्रवण बिश्नोई का कनेक्शन और पुलिस की जांच
पुलिस पूछताछ में गोधूराम ने खुलासा किया कि भागीरथ की गिरफ्तारी के बाद वह श्रवण बिश्नोई के लिए काम करने लगा। श्रवण जोधपुर का कुख्यात तस्कर है, जो समय पर पैसे देता था और मणिपुर से ड्रग्स मंगवाता था। गोधूराम पिछले 17 महीनों से इस धंधे में था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उसने कितने ट्रिप किए और कितनी कमाई की। दिल्ली पुलिस अब श्रवण बिश्नोई और रमेश मैती के नेटवर्क को खंगाल रही है ताकि इस ड्रग कार्टेल के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सके। गोधूराम को पुलिस रिमांड में भेजा गया है, जबकि देवी और पीराराम को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
क्या कहता है यह मामला?
गोधूराम की कहानी एक चेतावनी है कि लालच और गलत संगत इंसान को देश सेवा से अपराध की दुनिया तक ले जा सकती है। सेना की वर्दी, जो सम्मान और देशभक्ति का प्रतीक है, गोधूराम के लिए केवल एक आवरण बन गई थी। उसका यह कदम न केवल उसके लिए, बल्कि उसके परिवार और समाज के लिए भी शर्मिंदगी का कारण बना। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल अब इस रैकेट के पूरे नेटवर्क को तोड़ने में जुटी है, और यह देखना बाकी है कि इस मामले में और क्या खुलासे होते हैं।