" अलकनंदा की लहरों में बिखरा सफर: लापता यात्रियों की तलाश,

रुद्रप्रयाग के बद्रीनाथ हाईवे पर एक दिल दहलाने वाला हादसा! चारधाम यात्रा पर निकली टेंपो ट्रैवलर बस घोलतीर के पास अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी की उफनती लहरों में समा गई। चार यात्रियों की मौत, आठ घायल, और आठ अब भी लापता। शुक्रवार को उदयपुर के संजय सोनी (55) का शव रतूड़ा के पास मिला, मगर बाकी की तलाश में रेस्क्यू टीमें जुटकर दिन-रात मेहनत कर रही हैं। बोट, सोनार, और गोताखोरों के साथ अलकनंदा की लहरों से जिंदगियों को बचाने की जंग जारी है। क्या बाकी यात्री सुरक्षित मिल पाएंगे? सवालों के बीच उम्मीद बरकरार!

Jun 27, 2025 - 17:26
Jun 27, 2025 - 20:32
" अलकनंदा की लहरों में बिखरा सफर: लापता यात्रियों की तलाश,

रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड में गुरुवार (26 जून 2025) को बद्रीनाथ हाईवे पर घोलतीर के पास हुए दिल दहला देने वाले बस हादसे ने झकझोर दिया। एक टेंपो ट्रैवलर बस, जिसमें 20 यात्री सवार थे, अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी की तेज धार में समा गई। इस हादसे में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, आठ यात्री लापता हैं, और आठ अन्य घायल हुए हैं। दूसरे दिन भी लापता यात्रियों की तलाश में सघन सर्च और रेस्क्यू अभियान जारी है, जिसमें जिला पुलिस, फायर सर्विस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, और जल पुलिस दिन-रात जुटी हुई हैं। 

हादसे का भयावह मंजर

हादसा सुबह करीब 7:45 बजे रुद्रप्रयाग से 12-18 किलोमीटर दूर घोलतीर के पास स्टेट बैंक मोड़ पर हुआ। 31 सीटों वाली यह मिनी बस (वाहन नंबर UK08 PA 7444) चारधाम यात्रा पर निकले तीर्थयात्रियों को लेकर केदारनाथ से बद्रीनाथ जा रही थी। बस में राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के यात्री सवार थे, जिनमें उदयपुर के सोनी परिवार के 18 लोग शामिल थे। प्रारंभिक जांच में चालक की लापरवाही और संभावित तकनीकी खराबी को हादसे का कारण माना जा रहा है। घायल चालक सुमित कुमार (23, हरिद्वार) ने बताया कि एक ट्रक ने बस को पीछे से टक्कर मारी, जिससे वह अनियंत्रित होकर नदी में जा गिरी।

हादसे के दौरान बस के साथ कई यात्री नदी की तेज धार में बह गए, जबकि कुछ यात्री बस से छिटककर पहाड़ी पर गिरे, जिन्हें स्थानीय लोगों और रेस्क्यू टीमों ने तुरंत बचाया। बस का मलबा अब तक नहीं मिला है, जिससे लापता यात्रियों की खोज और कठिन हो गई है। अलकनंदा नदी का तेज बहाव और हालिया बारिश ने रेस्क्यू कार्य में बड़ी चुनौती खड़ी की है।

रेस्क्यू अभियान: दिन-रात जारी खोज

दूसरे दिन (27 जून 2025) भी रेस्क्यू टीमें अलकनंदा नदी में बोट और सोनार तकनीक की मदद से लापता यात्रियों और बस की तलाश कर रही हैं। घटनास्थल से श्रीनगर तक विभिन्न स्थानों पर वॉचर तैनात किए गए हैं। शुक्रवार को रतूड़ा के पास नदी किनारे एक शव बरामद हुआ, जिसकी पहचान उदयपुर, राजस्थान के शास्त्री सर्किल निवासी संजय सोनी (55 वर्ष) के रूप में हुई। शव को जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग भेजा गया, जहां पोस्टमार्टम के बाद इसे परिजनों को सौंपा जाएगा।

अब तक चार शव बरामद हो चुके हैं, जिनमें मध्य प्रदेश के राजगढ़ के विशाल सोनी (42), गौरी सोनी (41), और गुजरात के सूरत की ड्रिमी (17) शामिल हैं। आठ यात्री अभी भी लापता हैं, जिनमें उदयपुर के रवि भावसर (28), चेतना सोनी (52), सुशीला सोनी (77), गुजरात की मौली सोनी (19), चेष्टा (12), मयूरी (24), राजस्थान के गोगुंदा के ललित कुमार सोनी (48), और महाराष्ट्र की कट्टा रंजना अशोक (54) शामिल हैं।

घायलों की स्थिति

हादसे में आठ यात्री घायल हुए हैं, जिनमें चार महिलाएं, दो पुरुष, और दो बच्चे शामिल हैं। घायलों की पहचान इस प्रकार है:

दीपिका सोनी (42, सिरोही मीना, राजस्थान)

हेमलता सोनी (45, गोगुंडा, राजस्थान)

ईश्वर सोनी (46, गुजरात)

भावना ईश्वर (43, गुजरात)

इस हादसे ने उदयपुर के सोनी परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। परिवार के 18 लोग इस यात्रा पर थे, जो 10 दिन पहले चारधाम यात्रा के लिए निकले थे। उदयपुर के वकील कुंदन सिंह सोनी ने बताया कि उनके रिश्तेदार संजय सोनी और उनके परिवार सहित अन्य लोग इस हादसे का शिकार हुए। ललित सोनी, जो सूरत में ज्वैलरी व्यवसायी हैं, अपनी पत्नी, चार बच्चों, बहनों, दामाद, और अन्य रिश्तेदारों के साथ इस यात्रा पर थे। हादसे में संजय सोनी की पत्नी चेतना सोनी और मां सुशीला सोनी भी लापता हैं, जबकि उनकी दो बेटियां, मयूरी और मौली, सूरत से हैं और अभी भी गायब हैं।

प्रशासन और सरकार का रुख

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और सोशल मीडिया पर लिखा, "रुद्रप्रयाग में टेंपो ट्रैवलर के नदी में गिरने का समाचार अत्यंत दुखद है। SDRF सहित अन्य बचाव दलों द्वारा युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है।" उन्होंने परिवहन विभाग को पहाड़ी सड़कों पर सुरक्षा उपाय बढ़ाने के निर्देश दिए और यात्रियों से सावधानी बरतने की अपील की। पुलिस ने चालक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 125, 106, और 281 के तहत मुकदमा दर्ज किया है, और हादसे के कारणों की गहन जांच की जा रही है।

चुनौतियां और आगे की राह

अलकनंदा नदी में हालिया बारिश के कारण तेज बहाव रेस्क्यू कार्य को और जटिल बना रहा है। श्रीनगर गढ़वाल बांध के पास तक सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, जहां सोनार डिवाइस और गोताखोरों की मदद ली जा रही है। प्रशासन ने लोगों से भ्रामक जानकारी पर विश्वास न करने की अपील की है। यह हादसा पहाड़ी सड़कों पर यात्रा के जोखिमों को फिर से रेखांकित करता है, और प्रशासन द्वारा सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की जरूरत महसूस की जा रही है।

लापता यात्रियों के परिवारों का दर्द असहनीय है, और सभी की नजरें रेस्क्यू टीमों पर टिकी हैं, जो कठिन परिस्थितियों में भी उम्मीद नहीं छोड़ रही हैं।