DGP से RPSC चेयरमैन: यू.आर. साहू का बड़ा कदम, युवाओं का भविष्य चमकाएगा!
राजस्थान पुलिस मुख्यालय में पूर्व DGP यू.आर. साहू को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विदाई दी गई। 1988 बैच के IPS अधिकारी साहू अब RPSC के अध्यक्ष बनेंगे। 37 साल के करियर में उन्होंने पेपर लीक मामलों में सख्ती दिखाई, विशेषकर 2021 SI भर्ती मामले में। उनकी नई भूमिका से अभ्यर्थियों में पारदर्शी भर्ती की उम्मीद जगी है।

जयपुर: राजस्थान पुलिस मुख्यालय (PHQ) में मंगलवार, 10 जून 2025 को पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) उत्कल रंजन साहू (यू.आर. साहू) को भावपूर्ण विदाई दी गई। 1988 बैच के इस वरिष्ठ IPS अधिकारी ने 37 वर्षों तक पुलिस सेवा में अपनी निष्ठा और कर्तव्यपरायणता से एक अमिट छाप छोड़ी। अब वे राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के अध्यक्ष के रूप में नई जिम्मेदारी संभालेंगे। विदाई समारोह में गार्ड ऑफ ऑनर और स्मृति चिन्ह भेंट के साथ उनकी सेवाओं को सम्मानित किया गया, जिसमें कार्यवाहक डीजीपी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा, जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
पुलिस सेवा में साहू का शानदार सफर
यू.आर. साहू, जो मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले हैं, ने 18 नवंबर 1991 को जोधपुर में सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। अपने 37 साल के कार्यकाल में उन्होंने धौलपुर, बाड़मेर, हनुमानगढ़, सीकर, बांसवाड़ा, श्रीगंगानगर, भीलवाड़ा और जोधपुर जैसे आठ जिलों में पुलिस अधीक्षक (SP) के रूप में सेवाएं दीं। 2005 में जोधपुर SP के रूप में उन्हें पुलिस पदक और 2016 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। जनवरी 2014 से दिसंबर 2018 तक वे इंटेलिजेंस में अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) रहे। फरवरी 2024 में डीजीपी बनने के बाद उन्होंने पेपर लीक मामलों में सख्ती बरती और विशेष जांच दल (SIT) के तहत 2021 SI भर्ती पेपर लीक मामले में 66 गिरफ्तारियां सुनिश्चित कीं। उन्होंने इस भर्ती को रद्द करने की सिफारिश भी की थी, जिसे उनकी निगरानी में लागू किया गया।
RPSC अध्यक्ष के रूप में नई जिम्मेदारी
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने 10 जून 2025 को यू.आर. साहू को RPSC का नया अध्यक्ष नियुक्त किया। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब RPSC की साख पेपर लीक, पक्षपात और भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण दांव पर है। पिछले 10 महीनों से यह पद रिक्त था, और पूर्व अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय का कार्यकाल अगस्त 2024 में समाप्त होने के बाद कैलाश मीणा कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहे थे। साहू की नियुक्ति से अभ्यर्थियों में नई उम्मीद जगी है। X पर यूजर्स ने उनकी निष्पक्षता और अनुशासित कार्यशैली की सराहना करते हुए भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की उम्मीद जताई है।.....साहू ने पदभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से कहा, “मैं RPSC में भी युवाओं के भविष्य के लिए निष्ठा से काम करूंगा। सभी परीक्षाएं निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित होंगी। हम समझते हैं कि अभ्यर्थी किस मानसिक दबाव से गुजरते हैं, इसलिए हमारा फोकस साफ-सुथरी भर्ती प्रक्रिया पर रहेगा।”
चुनौतियां और उम्मीदें
साहू के सामने RPSC की खोई साख को पुनर्स्थापित करने की बड़ी चुनौती है। गहलोत सरकार के कार्यकाल में हुए पेपर लीक मामलों ने आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे। RPSC के पूर्व सदस्यों पर कार्रवाई और भर्ती प्रक्रियाओं में अनियमितताओं के कारण विपक्ष ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। साहू की सख्त और ईमानदार छवि को देखते हुए सरकार को उम्मीद है कि वे RAS 2023-24 जैसी भर्तियों को समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पूरा करेंगे।
राजस्थान पुलिस में बदलाव की शुरुआत
साहू के RPSC अध्यक्ष बनने के बाद डीजीपी का पद रिक्त हो गया है। उनकी जगह डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा को कार्यवाहक डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए राज्य सरकार जल्द ही तीन-चार नामों का पैनल केंद्र को भेजेगी, जिस पर UPSC की मौजूदगी में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। संजय अग्रवाल और राजीव शर्मा जैसे वरिष्ठ IPS अधिकारियों के नाम इस रेस में आगे चल रहे हैं।