'वोट अधिकार रैली' में राहुल गांधी ने लगाए गंभीर आरोप, कहा- "मोदी चोरी से बने पीएम"

राहुल गांधी ने बेंगलुरु की रैली में आरोप लगाया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में वोट चोरी के जरिए नरेंद्र मोदी तीसरी बार पीएम बने, और चुनाव आयोग पर भाजपा के साथ मिलीभगत का दावा किया। उन्होंने पारदर्शिता के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट और वीडियोग्राफी की मांग की।

Aug 8, 2025 - 14:24
Aug 8, 2025 - 14:26
'वोट अधिकार रैली' में राहुल गांधी ने लगाए गंभीर आरोप, कहा- "मोदी चोरी से बने पीएम"

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में शुक्रवार, 8 अगस्त 2025 को कांग्रेस की 'वोट अधिकार रैली' में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर 'वोट चोरी' हुई, जिसके चलते नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। इस रैली में उनके साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

राहुल गांधी ने कहा, "नरेंद्र मोदी 25 सीटों के मामूली अंतर से तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। ये 25 सीटें भाजपा ने 35,000 या उससे कम वोटों के अंतर से जीतीं। अगर हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट और वीडियोग्राफी का डेटा मिल जाए, तो हम साबित कर देंगे कि मोदी चोरी करके प्रधानमंत्री बने हैं।"

महादेवपुरा में 1 लाख वोटों की चोरी का दावा

राहुल गांधी ने कर्नाटक की बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र को अपनी बात का आधार बनाया। उन्होंने दावा किया कि इस सीट पर 6.5 लाख वोटों में से 1,00,250 वोट 'चोरी' किए गए। "यह मतलब है कि हर छह में से एक वोट फर्जी था," उन्होंने कहा।

उन्होंने पांच तरीकों से वोट चोरी होने का दावा किया:

  1. डुप्लीकेट वोटर: 11,965 वोटर ऐसे थे, जिन्होंने एक से ज्यादा पोलिंग बूथ पर वोट डाला। उदाहरण के तौर पर, राहुल ने गुरकीरत सिंह नाम के एक व्यक्ति का जिक्र किया, जिसका नाम चार अलग-अलग पोलिंग बूथ पर दर्ज था।

  2. फर्जी पते: 40,009 वोटरों के पते या तो गलत थे या 'शून्य' दर्ज थे। एक बेडरूम वाले घर में 80 वोटर और एक पते पर 46 वोटर दर्ज थे। जांच में पता चला कि कुछ पते बीयर बार जैसे असामान्य स्थानों के थे।

  3. बल्क वोटर: 10,452 वोटर एक ही पते पर दर्ज थे, जो संदिग्ध है।

  4. अमान्य फोटो: 4,132 वोटरों की तस्वीरें अमान्य थीं, जैसे कि एक ही नाम के साथ अलग-अलग तस्वीरें।

  5. फॉर्म 6 का दुरुपयोग: नए वोटरों के लिए इस्तेमाल होने वाले फॉर्म 6 का दुरुपयोग कर 33,692 वोटर जोड़े गए, जिनमें 60, 70 और 80 साल के बुजुर्ग शामिल थे, जो सामान्य रूप से नए वोटर नहीं होते।

राहुल ने कहा, "हमने छह महीने तक 40 लोगों की टीम के साथ महादेवपुरा की वोटर लिस्ट की जांच की। हर नाम को लाखों वोटरों के साथ क्रॉस-चेक किया। यह डेटा खुद चुनाव आयोग का है, हमारा नहीं।"

"चुनाव आयोग की मिलीभगत, संविधान पर हमला"

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग ने डिजिटल वोटर लिस्ट और वीडियोग्राफी देने से इनकार किया। "चुनाव आयोग ने सीसीटीवी फुटेज नष्ट करने की बात कही, जो हैरान करने वाला है। 21वीं सदी में, जब एक छोटी सी ड्राइव में ढेर सारा डेटा स्टोर हो सकता है, तो फुटेज क्यों डिलीट किए गए?" उन्होंने सवाल उठाया।

उन्होंने आगे कहा, "वोटर लिस्ट इस देश की संपत्ति है। अगर चुनाव आयोग इसे नहीं देता, तो यह अपराध है। हमारी मांग है कि पिछले 10-15 साल की इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट और वीडियोग्राफी दी जाए। अगर यह डेटा मिले, तो हम पूरे देश में वोट चोरी का पर्दाफाश कर देंगे।"

महाराष्ट्र और हरियाणा में भी धांधली के आरोप

राहुल ने महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनावों में भी धांधली का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच पांच महीनों में एक करोड़ नए वोटर जोड़े गए। शाम 5 बजे के बाद मतदान में अचानक उछाल आया, लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं ने बताया कि बूथों पर ऐसी भीड़ नहीं थी।"

हरियाणा में उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस 8 सीटों पर केवल 22,779 वोटों से हारी, और एक विधानसभा में एक लाख वोट अचानक बढ़ गए। "हमारा आंतरिक सर्वे कह रहा था कि कर्नाटक में हम 16 सीटें जीतेंगे, लेकिन हमें केवल 9 मिलीं। यह सब संदेह पैदा करता है," उन्होंने कहा।

"लोकतंत्र की हत्या, संविधान पर खतरा"

राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि वोट चोरी केवल एक चुनावी घोटाला नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है। "हमारा संविधान कहता है कि हर व्यक्ति को एक वोट का अधिकार है। लेकिन अगर एक ही व्यक्ति कई बार वोट डाल रहा है, या फर्जी वोटर लिस्ट में शामिल हैं, तो यह लोकतंत्र की नींव को हिलाने वाला अपराध है।"

उन्होंने बेंगलुरु की रैली में भावुक अंदाज में कहा, "यह सिर्फ कांग्रेस की हार-जीत का सवाल नहीं है। यह हर उस भारतीय का सवाल है, जिसे वोट का अधिकार है। अगर आपका वोट चोरी हो रहा है, तो आपकी आवाज दबाई जा रही है।"

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का समर्थन

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राहुल के आरोपों का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "पहले चुनाव आयोग सवालों का जवाब देता था। अब वह सत्ता पक्ष के प्रवक्ता की तरह व्यवहार करता है। विपक्ष की मांगों को अनसुना कर, बेबुनियाद बयानबाजी करता है।"

चुनाव आयोग का जवाब

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को "निराधार और धमकाने वाला" करार दिया। आयोग ने 7 अगस्त को एक बयान में कहा, "कांग्रेस ने नवंबर 2024 के बाद भी ऐसे आरोप लगाए थे, जिनका जवाब 24 दिसंबर 2024 को दिया गया। चुनाव पूरी पारदर्शिता और कानून के अनुसार हुए। अगर कांग्रेस को आपत्ति थी, तो वह कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकती थी।"

आयोग ने यह भी कहा कि वह गैर-जिम्मेदार बयानों को नजरअंदाज करता है और सभी अधिकारियों से निष्पक्षता के साथ काम करने को कहा। कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने राहुल से शपथपत्र के साथ सबूत पेश करने की मांग की।

भाजपा का पलटवार

भाजपा ने राहुल के आरोपों को "हताशा और गुस्से" का परिणाम बताया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा, "राहुल गांधी अपनी हार का ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ रहे हैं। जब कांग्रेस जीतती है, तो सब ठीक है, लेकिन हारने पर आयोग दोषी हो जाता है। यह लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश है।"

रैली में गूंजा जोश

बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में आयोजित रैली में हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। "वोट हमारा, अधिकार हमारा" और "लोकतंत्र बचाओ" जैसे नारे गूंजे। राहुल ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे हर नागरिक तक यह मुद्दा पहुंचाएं। "यह लड़ाई सिर्फ कांग्रेस की नहीं, हर उस भारतीय की है, जो अपने वोट के अधिकार को बचाना चाहता है," उन्होंने कहा।

राहुल ने अपनी X पोस्ट में लिखा, "वोट चोरी सिर्फ एक चुनावी घोटाला नहीं, ये संविधान और लोकतंत्र के साथ किया गया बड़ा धोखा है। देश के गुनहगार सुन लें - वक्त बदलेगा, सजा जरूर मिलेगी।"

Yashaswani Journalist at The Khatak .