राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव: छठे राउंड में कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया मजबूत बढ़त पर, 5049 वोटों से आगे

अंता विधानसभा उपचुनाव के छठे राउंड में कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया 23,693 वोटों के साथ 5,049 वोटों से आगे चल रहे हैं, जबकि नरेश मीणा 18,644 और भाजपा के मोरपाल सुमन 15,981 वोटों पर हैं।

Nov 14, 2025 - 10:35
राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव: छठे राउंड में कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया मजबूत बढ़त पर, 5049 वोटों से आगे

बारां, 14 नवंबर 2025 : राजस्थान की राजनीति में हलचल मचाने वाली अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव की मतगणना आज सुबह 8 बजे से कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हुई। शुरुआती रुझानों में उतार-चढ़ाव के बाद छठे राउंड की गिनती पूरी होने पर कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया ने फिर से मजबूत बढ़त हासिल कर ली है। उनके नाम 23,693 वोट दर्ज हो चुके हैं, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा को 18,644 वोट और भाजपा के मोरपाल सुमन को 15,981 वोट मिले हैं। इस तरह, प्रमोद जैन भाया अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी नरेश मीणा से 5,049 वोटों की बढ़त बनाए हुए हैं।यह उपचुनाव न केवल राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है, बल्कि भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवार के बीच त्रिकोणीय मुकाबले ने इसे और रोमांचक बना दिया है। मतगणना के दौरान पोस्टल बैलट (डाक मतपत्र) की गिनती पहले पूरी हुई, जिसमें कांग्रेस को शुरुआती बढ़त मिली। उसके बाद ईवीएम मशीनों से वोटों की गिनती 20 राउंड में चल रही है। पहले कुछ राउंडों में निर्दलीय नरेश मीणा और भाजपा के मोरपाल सुमन ने कड़ी टक्कर दी, लेकिन छठे राउंड तक कांग्रेस ने फिर से पकड़ मजबूत कर ली।

उपचुनाव का पृष्ठभूमि और महत्व;  अंता विधानसभा सीट बारां जिले में स्थित आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जो राजस्थान की कुल 200 विधानसभा सीटों में से एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह सीट तब खाली हुई जब पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता प्रमोद जैन भाया को राज्यसभा सदस्य चुने जाने के बाद उन्होंने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। प्रमोद जैन भाया पहले ही इस सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं और स्थानीय स्तर पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। उपचुनाव 11 नवंबर को हुआ था, जिसमें कुल 15 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे। कुल 2.5 लाख से अधिक मतदाताओं में से करीब 65-70 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।कांग्रेस के लिए यह उपचुनाव राज्य सरकार की लोकप्रियता का आईना है। वहीं, भाजपा इसे सत्ताधारी दल को घेरने का मौका मान रही थी। एग्जिट पोल में भाजपा को हल्की बढ़त दिखाई गई थी, लेकिन वास्तविक रुझान कुछ अलग कहानी बयां कर रहे हैं। निर्दलीय नरेश मीणा का उभार स्थानीय मुद्दों—जैसे कृषि संकट, बेरोजगारी और आदिवासी कल्याण योजनाओं—पर आधारित है, जो इस मुकाबले को अप्रत्याशित बना रहा है।

उम्मीदवारों का प्रोफाइल;  प्रमोद जैन भाया (कांग्रेस): 60 वर्षीय वरिष्ठ नेता, जो 1998, 2003 और 2018 में इस सीट से विधायक चुने जा चुके हैं। वे राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। उनकी रणनीति स्थानीय विकास कार्यों और आदिवासी वोट बैंक पर केंद्रित रही। भाया ने चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अन्य वरिष्ठ नेताओं का जमकर सहारा लिया। 

नरेश मीणा (निर्दलीय): 45 वर्षीय युवा नेता, जो पूर्व में भाजपा से जुड़े रहे लेकिन इस बार स्वतंत्र मैदान में उतरे। मीणा का फोकस ग्रामीण मुद्दों और युवा वोट पर है। शुरुआती राउंडों में उनकी बढ़त ने सबको चौंका दिया, लेकिन अब वे दूसरे स्थान पर खिसक गए हैं। उनके समर्थक दावा कर रहे हैं कि बाद के राउंडों में वापसी संभव है।

मोरपाल सुमन (भाजपा): 55 वर्षीय आदिवासी नेता, जो पार्टी की कोर वोटर बेस पर भरोसा कर रहे थे। सुमन ने प्रचार में केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं को प्रमुखता दी, लेकिन अभी तक तीसरे स्थान पर बने हुए हैं। भाजपा कार्यकर्ता आशावादी हैं कि ईवीएम के बाद के राउंडों में सुधार होगा।

मतगणना का ताजा अपडेट;  बारां के बॉयज पीजी कॉलेज के सेमिनार हॉल में हो रही मतगणना पर पूरे जिले की नजरें टिकी हैं। निर्वाचन आयोग ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तैनाती शामिल है। अब तक के रुझानों के अनुसार:पहले-पांचवें राउंड: उतार-चढ़ाव देखने को मिला। निर्दलीय नरेश मीणा ने एक समय 150 वोटों की पतली बढ़त भी बनाई, जबकि भाजपा के मोरपाल सुमन ने पोस्टल बैलट में अच्छा प्रदर्शन किया। 

छठा राउंड: कांग्रेस की वापसी। प्रमोद जैन भाया के पक्ष में आदिवासी और ग्रामीण वोटों का झुकाव साफ दिखा।कुल 20 राउंड पूरे होने तक स्थिति स्पष्ट हो सकती है, लेकिन कांग्रेस की बढ़त बरकरार रहने की संभावना है।