भारत-पाकिस्तान डीजीएमओ बैठक: समय परिवर्तन, महत्व, त्रि-सैन्य भागीदारी और ऑपरेशन सिंदूर के निर्णय

भारत और पाकिस्तान के बीच 12 मई 2025 को दोपहर 12 बजे डीजीएमओ (महानिदेशक सैन्य अभियान) स्तर की बैठक हुई, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद युद्धविराम समझौते को मजबूत करने के लिए आयोजित की गई।ठक में युद्धविराम की शर्तों को लागू करने, सीमा पर स्थिरता सुनिश्चित करने और त्रि-सैन्य (थल, वायु, नौसेना) समन्वय पर चर्चा हुई। भारत ने स्पष्ट किया कि कश्मीर और सिंधु जल समझौते पर बात नहीं होगी, और ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है।

May 12, 2025 - 15:31
भारत-पाकिस्तान डीजीएमओ बैठक: समय परिवर्तन, महत्व, त्रि-सैन्य भागीदारी और ऑपरेशन सिंदूर के निर्णय

DGMO की बैठक और प्रेस ब्रीफिंग: एक विस्तृत विश्लेषण

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव और सीजफायर समझौते के बाद, डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) की बैठक और तीनों सेनाओं (थल सेना, वायु सेना, नौसेना) के डीजी ऑपरेशंस की संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग ने सुर्खियां बटोरीं। यह घटनाक्रम 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुए "ऑपरेशन सिंदूर" का हिस्सा है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे। इस हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। 

DGMO की बैठक क्या है?

DGMO, यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस, भारतीय सेना में एक वरिष्ठ और रणनीतिक पद है, जिसे लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का अधिकारी संभालता है। वर्तमान में भारत के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई हैं, जिन्होंने अक्टूबर 2024 में यह पद संभाला। DGMO का मुख्य कार्य सैन्य अभियानों की योजना बनाना, निगरानी करना और उनका संचालन करना है। यह अधिकारी युद्ध, आतंकवाद-विरोधी अभियानों, और शांति स्थापना मिशनों के लिए रणनीति तैयार करता है।

DGMO की बैठक आमतौर पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति में हॉटलाइन के जरिए होती है। यह बैठक दोनों देशों के DGMO के बीच संवाद का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, जो सीमा पर शांति बनाए रखने, तनाव कम करने, या युद्धविराम (सीजफायर) जैसे फैसलों के लिए आयोजित की जाती है। 10 मई, 2025 को भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच हुई बातचीत के बाद सीजफायर की घोषणा की गई, जिसका असर 10 मई की शाम 5 बजे से देखने को मिला। हालांकि, पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों में इस समझौते का उल्लंघन किया, जिसके बाद भारत ने कड़ा जवाब दिया।

12 मई, 2025 को एक और DGMO बैठक निर्धारित थी, जिसका समय शुरू में दोपहर 12 बजे था, लेकिन बाद में इसे बदलकर शाम को कर दिया गया। इस बैठक का उद्देश्य सीजफायर को मजबूत करने और आगे की शांति प्रक्रिया पर चर्चा करना था।

प्रेस ब्रीफिंग: शिव तांडव से शुरूआत, आतंकियों को सजा का ऐलान

11 और 12 मई, 2025 को दिल्ली में तीनों सेनाओं के डीजी ऑपरेशंस—लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई (DGMO, थल सेना), एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती (DG एयर ऑपरेशंस, वायु सेना), और वाइस एडमिरल एएन प्रमोद (DG नेवल ऑपरेशंस, नौसेना)—ने संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग की। इस ब्रीफिंग की शुरुआत बेहद नाटकीय और प्रभावशाली थी। शिव तांडव स्तोत्र की धुन के साथ शुरू हुए इस सम्मेलन में एक वीडियो प्रस्तुति दिखाई गई, जिसमें मुंबई हमले, पुलवामा हमले, और पहलगाम हमले के दृश्यों के साथ ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई को प्रदर्शित किया गया। यह प्रस्तुति भारत के दृढ़ संकल्प और सैन्य शक्ति का प्रतीक थी।

प्रेस ब्रीफिंग की प्रमुख बातें:

  1. ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य:
    • ऑपरेशन सिंदूर को पहलगाम हमले के जवाब में शुरू किया गया, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। इसका मुख्य उद्देश्य सीमा पार आतंकी ठिकानों को नष्ट करना और आतंकवादियों को सजा देना था। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, "हमारा लक्ष्य आतंकवादियों और उनके योजनाकारों को खत्म करना था, न कि पाकिस्तानी सेना से युद्ध करना।"
    • 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें से कुछ PoK में और कुछ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में (मुरीदके और बहावलपुर) थे। मुरीदके लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय था, जहां अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे आतंकियों ने प्रशिक्षण लिया था।
  2. आतंकियों का सफाया:
    • ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ, और मुदस्सिर अहमद जैसे हाई-वैल्यू टारगेट शामिल थे। ये आतंकी IC-814 अपहरण और पुलवामा हमले में शामिल थे।
    • एयर मार्शल भारती ने मुरीदके और बहावलपुर के आतंकी शिविरों पर सटीक मिसाइल हमलों के वीडियो सबूत पेश किए, जो कोलैटरल डैमेज को न्यूनतम रखते हुए लक्ष्यों को नष्ट करने में सफल रहे।
  3. पाकिस्तानी सेना की प्रतिक्रिया:
    • पाकिस्तानी सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को अपनी लड़ाई मान लिया और जवाबी कार्रवाई में ड्रोन और मिसाइल हमले किए। इन हमलों को भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने नाकाम कर दिया।
    • पाकिस्तान के 35-40 सैनिक और 11 एयरबेस को नुकसान पहुंचा। लाहौर का रडार सिस्टम भी तबाह हो गया।

    • पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलीबारी और ड्रोन हमले किए, जिनमें नागरिकों और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया, जिसे भारत ने "घबराहट भरी प्रतिक्रिया" करार दिया।
  4. भारतीय सेना की उपलब्धियां:
    • भारतीय वायु सेना ने सटीक हवाई हमलों के जरिए आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जबकि नौसेना ने कराची बंदरगाह पर नजर रखकर पाकिस्तानी नौसेना को रक्षात्मक स्थिति में मजबूर किया।
    • सभी भारतीय पायलट सुरक्षित लौटे, हालांकि LoC पर गोलीबारी में 5 भारतीय जवान शहीद हुए।
  5. पाकिस्तान को चेतावनी:
    • वाइस एडमिरल प्रमोद ने कहा, "पाकिस्तान अब जानता है कि अगर उसने कोई और हरकत की, तो हमारा जवाब और भी कड़ा होगा।"
    • भारत ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है और किसी भी उल्लंघन का "कठोर और स्पष्ट" जवाब दिया जाएगा।

DGMO बैठक का समय परिवर्तन

12 मई, 2025 को भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच होने वाली बैठक का समय दोपहर 12 बजे से बदलकर शाम को किया गया। इसके बाद दोपहर 2:30 बजे निर्धारित प्रेस ब्रीफिंग भी प्रभावित हुई, और इसकी नई समय-सारिणी की जानकारी बाद में दी गई। यह बैठक सीजफायर को लागू करने और दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की दिशा में अगले कदम तय करने के लिए महत्वपूर्ण थी।

ऑपरेशन सिंदूर: भारत की रणनीतिक जीत

ऑपरेशन सिंदूर को भारत ने आत्मरक्षा और नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक आवश्यक कदम बताया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को संरक्षण देता रहा है, और ऑपरेशन सिंदूर ने इसके खिलाफ भारत के दृढ़ रुख को दुनिया के सामने रखा।

खुफिया जानकारी का उपयोग: भारतीय खुफिया एजेंसियों ने 9 आतंकी ठिकानों की सटीक जानकारी दी, जिनमें से कुछ को पाकिस्तान ने डर से पहले ही खाली कर दिया था।

  • सटीक हमले: भारत ने एयर-टू-सरफेस मिसाइलों का उपयोग किया ताकि नागरिकों को नुकसान न पहुंचे।
  • राजनीतिक समर्थन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, NSA अजीत डोवाल, और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा हुई।

पाकिस्तान को चेतावनी

  • कड़ा जवाब: सीजफायर उल्लंघन पर "कठोर और स्पष्ट" प्रतिक्रिया।

  • ऑपरेशन जारी: ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ।

प्रेस ब्रीफिंग का प्रभाव और जनता की प्रतिक्रिया

प्रेस ब्रीफिंग ने न केवल ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को उजागर किया, बल्कि भारत की सैन्य ताकत और एकजुटता का भी प्रदर्शन किया।

निष्कर्ष

DGMO की बैठक और तीनों सेनाओं की प्रेस ब्रीफिंग ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की रणनीतिक और सैन्य जीत के रूप में स्थापित किया। यह न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत शांति के लिए तैयार है, बशर्ते पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आए।  

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ