मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पचपदरा रिफाइनरी का दौरा कर ,कंट्रोल रूम का उद्घाटन किया.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पचपदरा (बालोतरा) में एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी का दौरा किया। दोनों ने कंट्रोल रूम का उद्घाटन किया और ड्यूल फीड क्रेकर यूनिट सहित परियोजना की प्रगति का जायजा लिया। 74,000 करोड़ की यह रिफाइनरी राजस्थान के आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। परियोजना 2025 तक पूरी होने की उम्मीद है, जो पेट्रोल, डीजल और पेट्रोकेमिकल्स का उत्पादन करेगी।

जयपुर, 24 अगस्त 2025: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को बालोतरा जिले के पचपदरा में एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी का दौरा किया। इस दौरान दोनों नेताओं ने रिफाइनरी की प्रगति का जायजा लिया और एक महत्वपूर्ण कंट्रोल रूम का उद्घाटन किया। यह रिफाइनरी राजस्थान के औद्योगिक और आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होने की उम्मीद है।
दौरा और उद्घाटन की मुख्य बातें
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जोधपुर हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद पचपदरा रिफाइनरी के लिए रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने रिफाइनरी परिसर में हाईटेंशन मोटर के माध्यम से स्थापित 'कम्प्रेस्ड एयर नाइट्रोजन' संयंत्र का उद्घाटन किया। यह कंट्रोल रूम रिफाइनरी के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। दोनों नेताओं ने रिफाइनरी की विभिन्न इकाइयों, विशेष रूप से ड्यूल फीड क्रेकर यूनिट, का निरीक्षण किया, जो इस परियोजना का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस यूनिट के निर्माण में बुर्ज खलीफा से भी अधिक कंक्रीट का उपयोग किया गया है, और वर्तमान में लगभग 9,000 श्रमिक इस पर काम कर रहे हैं।मुख्यमंत्री ने रिफाइनरी के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को लंबित कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया और परियोजना के आसपास 'ग्रीन बेल्ट' विकसित करने का सुझाव दिया। साथ ही, उन्होंने पेट्रो जोन के विकास के लिए संबंधित कंपनियों से निरंतर संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए।केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पचपदरा रिफाइनरी अब अपने अंतिम चरण में है। उन्होंने जोधपुर हवाई अड्डे पर मीडिया से बातचीत में बताया कि रिफाइनरी में राज्य सरकार की हिस्सेदारी से जुड़े सभी विवाद सुलझा लिए गए हैं, और जल्द ही इसकी शुरुआत की तारीख तय की जाएगी। पुरी ने इस परियए को न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण बताया।
रिफाइनरी की विशेषताएं और महत्व
एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (एचआरआरएल) एक जॉइंट वेंचर है, जिसमें हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) की 74% और राजस्थान सरकार की 26% हिस्सेदारी है। इसकी स्थापना 18 सितंबर 2013 को हुई थी। परियोजना की कुल लागत, जो शुरू में 43,000 करोड़ रुपये थी, अब बढ़कर लगभग 74,000 करोड़ रुपये हो गई है। रिफाइनरी की वार्षिक क्षमता 9 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटीपीए) क्रूड ऑयल और 2.4 एमएमटीपीए पेट्रोकेमिकल्स को प्रोसेस करने की है। यह भारत का पहला एकीकृत ग्रासरूट रिफाइनरी-सह-पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स है।रिफाइनरी की 10 इकाइयों में से कई का निर्माण कार्य 90% से अधिक पूरा हो चुका है। इनमें क्रूड/वैक्यूम डिस्टिलेशन यूनिट (94%), हाइड्रोजन जनरेशन यूनिट (98%), और डीजल हाइड्रोजन यूनिट (98%) शामिल हैं। अनुमान है कि अप्रैल 2025 तक इसकी दो प्रमुख इकाइयां शुरू हो जाएंगी, जबकि पूरी परियोजना को दीपावली 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
रोजगार और आर्थिक प्रभाव
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि यह परियोजना पश्चिमी राजस्थान और पूरे राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी। वर्तमान में रिफाइनरी में 24,000 प्रत्यक्ष और 35,000 अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हो रहे हैं। परियोजना पूरी होने पर यह प्रतिवर्ष 6,000 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न करेगी और राजस्थान को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रमुख केंद्र बनाएगी। इसके अतिरिक्त, रिफाइनरी से पेट्रोल, डीजल और 35 से अधिक पेट्रोकेमिकल उत्पादों का उत्पादन होगा, जो औद्योगिक क्रांति को बढ़ावा देगा।
साथ में मौजूद रहे
इस दौरे के दौरान मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के साथ कई प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं। इनमें राजस्थान के प्रभारी मंत्री जोराराम कुमावत, उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री केके बिश्नोई, राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह जसोल, और एचपीसीएल के सीएमडी पुष्प जोशी व एचआरआरएल के सीईओ कमलाकर विखर शामिल थे। इसके अलावा, मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) अखिल अरोरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (ऊर्जा) आलोक, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
अन्य गतिविधियां
मुख्यमंत्री ने अपने दौरे के दौरान बाड़मेर के मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल (एमपीटी) का भी दौरा किया और तेल-गैस उत्पादन की समीक्षा की। उन्होंने मंगला वेलपैड 21 की आधारशिला रखी और बाड़मेर बेसिन को भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने स्थानीय स्तर पर पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा और चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने के निर्देश दिए।
भविष्य की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने रिफाइनरी के उत्पादों की प्रभावी मार्केटिंग के लिए कार्ययोजना बनाने और निवेशकों के साथ लॉन्ग-टर्म सप्लाई समझौते करने के निर्देश दिए। उन्होंने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग को परियोजना के लिए एक विशेषाधिकारी नियुक्त करने का आदेश दिया, जो हर 15 दिन में प्रगति की समीक्षा करेगा। साथ ही, रिफाइनरी के आसपास के क्षेत्र में पेट्रो जोन विकसित करने और बायो-प्रोडक्ट आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने की योजना पर जोर दिया।
पचपदरा रिफाइनरी राजस्थान के लिए एक गेम-चेंजर साबित होने वाली है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के इस दौरे और कंट्रोल रूम के उद्घाटन ने परियोजना की गति को और तेज कर दिया है। यह रिफाइनरी न केवल ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगी, बल्कि स्थानीय रोजगार और आर्थिक विकास को भी नई दिशा देगी।