जयपुर में लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती: सिविल लाइंस में भव्य उद्यान और प्रतिमा लोकार्पण के साथ उत्सव की धूम
जयपुर में 31 मई 2025 को लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। सिविल लाइंस में अहिल्याबाई उद्यान और उनकी 8 फीट ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण हुआ। विधायक गोपाल शर्मा और महापौर कुसुम यादव ने सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में प्रतिमा का अनावरण किया। वाराणसी के संत रविदास जन्मस्थली से आए महंत आचार्य भारत भूषण दास महाराज के मार्गदर्शन में भव्य कलश यात्रा निकली, जिसमें महिलाओं ने मंगल कलश उठाए और संत रथों-बग्घियों में सवार हुए। 40 साल पुरानी पार्क की मांग को भाजपा सरकार ने पूरा किया, जिसके लिए लोगों ने शर्मा और यादव को लड्डुओं से तौलकर धन्यवाद दिया। यह आयोजन अहिल्याबाई के शासन और समाजसेवा की विरासत को यादगार बनाया।

जयपुर, राजस्थान की गुलाबी नगरी, ने 31 मई 2025 को लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती को ऐतिहासिक और भव्य उत्सव के साथ मनाया। सिविल लाइंस क्षेत्र में नवनिर्मित अहिल्याबाई उद्यान और उनकी 8 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा का लोकार्पण सैकड़ों उत्साहित नागरिकों की उपस्थिति में हुआ। इस समारोह में स्थानीय विधायक गोपाल शर्मा और जयपुर की महापौर कुसुम यादव ने संयुक्त रूप से प्रतिमा का अनावरण किया, जिसने न केवल लोकमाता के गौरवशाली इतिहास को जीवंत किया, बल्कि शहरवासियों के बीच एकता और उत्साह का संचार भी किया।
इस अवसर को और भी खास बनाने के लिए संत रविदास जन्मस्थली, वाराणसी से पधारे महंत आचार्य भारत भूषण दास महाराज के सान्निध्य में एक भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया। इस यात्रा में सैकड़ों महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में मंगल कलश धारण किए, जो भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक बना। रथों और बग्घियों में सवार संत वृंद ने यात्रा को और भी आकर्षक बनाया, जिसमें ढोल-नगाड़ों की गूंज और भक्ति भजनों ने वातावरण को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया। सिविल लाइंस की सड़कों पर यह यात्रा एक अनूठा दृश्य प्रस्तुत कर रही थी, जिसमें हर आयु वर्ग के लोग उत्साहपूर्वक शामिल हुए।
इस आयोजन की एक और खास बात थी 40 साल पुरानी मांग का पूरा होना। सिविल लाइंस के निवासियों ने लंबे समय से एक पार्क की मांग की थी, जिसे भाजपा सरकार ने अहिल्याबाई उद्यान के रूप में साकार किया। इस उद्यान को न केवल हरा-भरा और सुंदर बनाया गया है, बल्कि यह लोकमाता अहिल्याबाई के आदर्शों और समाजसेवा के प्रति उनके समर्पण का भी प्रतीक है। उद्यान में स्थापित 8 फीट ऊंची प्रतिमा उनकी शौर्य, धर्मनिष्ठा और प्रशासनिक कुशलता को दर्शाती है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
लोकार्पण समारोह के दौरान स्थानीय लोगों का उत्साह देखते ही बनता था। उन्होंने विधायक गोपाल शर्मा और महापौर कुसुम यादव का इस ऐतिहासिक कार्य के लिए लड्डुओं से तौलकर धन्यवाद दिया। यह अनूठा सम्मान न केवल उनकी मेहनत और समर्पण का प्रतीक था, बल्कि समुदाय के बीच उनके प्रति गहरे विश्वास और स्नेह को भी दर्शाता था।
लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर, जिन्हें 18वीं सदी में मराठा साम्राज्य की कुशल शासिका और समाज सुधारक के रूप में जाना जाता है, ने अपने प्रशासनिक कौशल और धर्मनिष्ठा से इतिहास में अमर स्थान बनाया। उनके इस जयंती समारोह ने न केवल उनकी विरासत को जीवंत किया, बल्कि जयपुरवासियों को उनके आदर्शों पर चलने की प्रेरणा भी दी। यह आयोजन सामाजिक एकता, सांस्कृतिक गौरव और ऐतिहासिक महत्व का एक शानदार संगम रहा, जो जयपुर के इतिहास में एक स्वर्णिम पृष्ठ के रूप में दर्ज हो गया।