नदबई में 20 हजार के इनामी बदमाश की गिरफ्तारी: शराब रेट विवाद में फायरिंग कांड के तीन माह बाद पुलिस को मिली बड़ी सफलता
भरतपुर के नदबई थाना क्षेत्र के बेलारा गांव में शराब के रेट को लेकर हुए फायरिंग कांड के मुख्य आरोपी 20 हजार रुपये के इनामी अभिषेक कुमार उर्फ शूटर को तीन माह बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में अब तक कुल 12 आरोपी पकड़े जा चुके हैं, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है।
भरतपुर, 26 नवंबर 2025: राजस्थान के भरतपुर जिले के नंदबई थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बेलारा गांव में शराब के दामों को लेकर हुए हिंसक विवाद और फायरिंग के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। तीन माह से फरार चल रहे 20 हजार रुपये के इनामी आरोपी अभिषेक कुमार उर्फ शूटर को पुलिस ने दबोच लिया है। इस घटना के बाद पुलिस ने कुल 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है। यह कार्रवाई न केवल अपराधियों के मनोबल को तोड़ने वाली है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में शराब से जुड़े विवादों पर अंकुश लगाने के लिए एक सख्त संदेश भी दे रही है।
घटना का पूरा विवरण: शराब के रेट पर भड़का विवाद, चलीं गोलियां यह मामला अगस्त 2025 के मध्य में बेलारा गांव में घटित हुआ था। गांव के कुछ युवक शराब की दुकान पर सस्ती शराब की मांग कर रहे थे, लेकिन दुकानदार ने रेटों में वृद्धि का हवाला देते हुए इनकार कर दिया। बात बढ़ने पर मामला हाथापाई तक पहुंच गया और देखते ही देखते हवा में गोलियां चलने लगीं। फायरिंग में दो युवक घायल हो गए थे, जबकि कई अन्य को मामूली चोटें आईं। यह घटना गांव में दहशत फैला देने वाली थी, क्योंकि इलाके में शराब के अवैध कारोबार और इससे जुड़े विवाद पहले से ही एक समस्या बने हुए थे।घटना के तुरंत बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छानबीन शुरू की। प्रारंभिक जांच में पता चला कि फायरिंग में शामिल मुख्य आरोपी अभिषेक कुमार उर्फ शूटर (उम्र 19 वर्ष, पुत्र उदय सिंह, निवासी बेलारा) ने ही गोली चलाई थी। अभिषेक पर पहले से ही छोटे-मोटे अपराधों के मामले दर्ज थे, और इस घटना के बाद वह भरतपुर जिले के जंगलों और आसपास के इलाकों में छिपकर रहने लगा। पुलिस ने उसके खिलाफ 20 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था, ताकि मुखबिरों के माध्यम से उसकी लोकेशन ट्रैक की जा सके।
पुलिस की सतर्कता और अभियान: तीन माह की मशक्कत के बाद सफलता नंदबई थाना प्रभारी अरुण सिंह के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने इस मामले को प्राथमिकता दी। पुलिस ने अभिषेक के परिजनों, सहयोगियों और संदिग्ध ठिकानों पर निगरानी बढ़ा दी। मुखबिरों की सूचना पर लगातार छापेमारी की गई, लेकिन आरोपी बार-बार फरार होता रहा। आखिरकार, 25 नवंबर 2025 की देर रात को पुलिस को एक विश्वसनीय टिप मिली कि अभिषेक बेलारा गांव के ही एक सुनसान स्थान पर छिपा हुआ है। टीम ने तुरंत घेराबंदी की और आरोपी को सरेंडर करने पर मजबूर कर दिया।थानाधिकारी अरुण सिंह ने बताया, "अभिषेक कुमार उर्फ शूटर वारदात के बाद से फरार था। उसकी गिरफ्तारी से इस सनसनीखेज मामले में एक महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ गई है। हमने कुल 12 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया है, जिसमें एक नाबालिग भी शामिल है। नाबालिग को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश किया जाएगा।" पुलिस ने आरोपी के कब्जे से एक देशी पिस्तौल, कुछ कारतूस और मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जो जांच के दौरान महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
अन्य गिरफ्तारियां और जांच की दिशा इस फायरिंग कांड में कुल 12 नामजद आरोपी थे, जिनमें से अधिकांश को घटना के कुछ दिनों बाद ही पकड़ लिया गया था। शेष फरारों में अभिषेक सबसे कुख्यात था। गिरफ्तार अन्य आरोपियों में गांव के ही कुछ युवक शामिल हैं, जो विवाद में साथ थे। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या यह घटना शराब के अवैध तस्करी से जुड़ी हुई थी या फिर स्थानीय गुटबाजी का नतीजा। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया है कि फायरिंग डराने-धमकाने के इरादे से की गई थी, लेकिन घायलों की हालत गंभीर होने से मामला गैर-इरादतन हत्या के प्रयास के तहत दर्ज हो गया है।