सूरवाल बांध में नाव पलटने से 10 लोग बहे, 3 बचाए गए, 7 की तलाश में जुटी NDRF.
सवाई माधोपुर के सूरवाल बांध में भारी बारिश के बीच तेज बहाव में नाव पलटने से 8-10 लोग बहे। स्थानीय ग्रामीणों ने 3-4 लोगों को बचा लिया, जबकि 6-7 की तलाश में NDRF और SDRF की टीमें जुटी हैं। भारी बारिश ने जिले में जलभराव और यातायात बाधित किया। प्रशासन ने सतर्कता बरतने की अपील की।

राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में 22 अगस्त 2025 को सूरवाल बांध में एक दुखद हादसा हुआ, जब भारी बारिश के बीच तेज बहाव में एक नाव पलट गई। इस नाव में 8 से 10 लोग सवार थे, जिनमें से 3 से 4 लोगों को स्थानीय ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद बचा लिया। हालांकि, शेष 6 से 7 लोग अभी भी लापता हैं, और उनकी तलाश के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें दिन-रात सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। इस हादसे ने पूरे इलाके में दहशत और अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया है।
हादसे का विवरण
सवाई माधोपुर के सूरवाल बांध, जो बनास नदी से जुड़ा है, जिले का सबसे बड़ा बांध है। बीती रात हुई मूसलाधार बारिश के कारण बांध में पानी का स्तर अचानक बढ़ गया, जिससे नदी का बहाव तेज हो गया। इस दौरान एक देसी नाव, जिसमें 8 से 10 लोग सवार थे, बांध की चादर के तेज बहाव में फंस गई और पलट गई। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय ग्रामीणों ने बचाव कार्य शुरू किया और 3 से 4 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। लेकिन बाकी लोग और नाव तेज बहाव में बह गए, जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।
राहत और बचाव कार्य
हादसे की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस हरकत में आए। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और सर्च ऑपरेशन शुरू किया। जिला कलेक्टर काना राम के नेतृत्व में प्रशासनिक टीमें लगातार स्थिति पर नजर रख रही हैं। स्थानीय लोगों ने भी बचाव कार्य में सहयोग किया, लेकिन तेज बहाव और गहरे पानी ने सर्च ऑपरेशन को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। प्रशासन ने लोगों से नदी और बांधों के किनारे न जाने की अपील की है।
बारिश ने बढ़ाई मुसीबत
सवाई माधोपुर सहित राजस्थान के कई जिलों में मानसून की ट्रफ लाइन के कारण भारी बारिश हो रही है। कोटा, बूंदी, बारां, टोंक, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा जैसे जिलों में भी बारिश ने कहर बरपाया है। सवाई माधोपुर में चंबल, बनास, गलवा, मोरल और गंभीरा नदियां उफान पर हैं। सूरवाल बांध सहित जिले के कई बांध ओवरफ्लो हो रहे हैं, जिससे आसपास के गांवों में जलभराव की स्थिति है। रेलवे स्टेशन पर भी डेढ़ से दो फीट पानी भर गया, जिससे जयपुर को जोड़ने वाली रेल सेवाएं प्रभावित हुईं। कई गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है, और स्कूलों को रविवार तक बंद कर दिया गया है।
हादसे का प्रभाव
इस हादसे ने सवाई माधोपुर में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय लोग और प्रशासन लापता लोगों की सुरक्षित वापसी की उम्मीद में जुटे हैं। हादसे का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें नदी के तेज बहाव में लोग बहते नजर आ रहे हैं। यह दृश्य हादसे की भयावहता को दर्शाता है।प्रशासन की अपीलजिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बांधों, नदियों और नालों से दूर रहें। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिसके चलते सतर्कता बरतने की जरूरत है।
प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि राहत और बचाव कार्य पूरी तेजी से चल रहे हैं, और लापता लोगों को जल्द से जल्द खोजने की कोशिश की जा रही है।यह हादसा एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी और अपर्याप्त संसाधनों की समस्या को उजागर करता है। सवाई माधोपुर के लोग इस मुश्किल घड़ी में एकजुट होकर प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं, ताकि लापता लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकाला जा सके।