महिलाओं की ढाल बनी कालिका टीम सिटी बसों में सवार ,राजकोप ऐप से दे रही महिलाओं को 'वन क्लिक' सुरक्षा का जादू......

जोधपुर पुलिस की कालिका टीम सिटी बसों में सवार होकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए राजकोप सिटीजन ऐप को बढ़ावा दे रही है। यह अनोखा अभियान स्मार्ट पुलिसिंग का हिस्सा है, जिसमें यात्रियों को ऐप के जरिए तुरंत मदद, आपातकालीन नंबर और सुरक्षित रूट मैपिंग की सुविधा बताई जा रही है। टीम का लक्ष्य है शहर को सुरक्षित बनाना और महिलाओं को डिजिटल सुरक्षा से जोड़ना।

Oct 12, 2025 - 12:20
Oct 12, 2025 - 12:47
महिलाओं की ढाल बनी कालिका टीम सिटी बसों में सवार ,राजकोप ऐप से दे रही महिलाओं को 'वन क्लिक' सुरक्षा का जादू......

जोधपुर, 12 अक्टूबर 2025: शहर की चहल-पहल भरी सड़कों पर महिलाओं की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए राजस्थान पुलिस ने एक अनोखा और प्रभावी अभियान छेड़ा है। 'कालीका टीम' नामक विशेष महिला पेट्रोलिंग यूनिट अब सिटी बसों की सवारी कर रही है, जहां यात्रियों को न केवल 'राजकोप सिटीजन ऐप' डाउनलोड करने का आग्रह कर रही है, बल्कि ऐप के जरिए तत्काल मदद कैसे मिल सकती है, इसकी बारीकियां भी समझा रही है। यह अभियान न केवल स्मार्ट पुलिसिंग का प्रतीक है, बल्कि आमजन को डिजिटल सुरक्षा के जाल में जोड़ने का एक सशक्त प्रयास भी साबित हो रहा है।

अभियान की शुरुआत: बसों में उतरी कालिका योद्धाएं

जोधपुर पुलिस के इस नवीनतम कदम का उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं के खिलाफ अपराधों पर कड़ा अंकुश लगाना है। कालिका टीम, जो पूरी तरह महिला कांस्टेबलों से युक्त है, ने शहर की सिटी बसों को अपना नया मंच बना लिया है। इन बसों में सवार होकर टीम के सदस्य यात्रियों से सीधा संवाद कर रहे हैं। वे बस के अंदर ही छोटे-छोटे जागरूकता सत्र आयोजित कर रहे हैं, जहां महिलाओं, युवतियों और परिवारों को ऐप की उपयोगिता बताई जा रही है। पुलिस महकमे के अनुसार, यह अभियान हाल ही में शुरू हुआ है और इसका फोकस शहर के व्यस्त इलाकों जैसे रेलवे स्टेशन, बाजार, पार्क और कोचिंग सेंटर्स के आसपास है। कालिका टीम पूर्व और पश्चिम जिले की संयुक्त टुकड़ियों से सक्रिय है। बस यात्रियों को देखते ही वे आगे बढ़ती हैं और कहती हैं, "बहन, एक मिनट रुकिए! ये ऐप आपकी जान बचा सकता है।" बसों का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि ये शहर की लाइफलाइन हैं—हर दिन हजारों लोग इन्हें इस्तेमाल करते हैं, खासकर कामकाजी महिलाएं और छात्राएं।

राजकोप ऐप: सुरक्षा का 'ओला जैसा' जादुई बटन

अभियान का केंद्र बिंदु है 'राजकोप सिटीजन ऐप'—एक मुफ्त मोबाइल एप्लीकेशन जो राजस्थान पुलिस द्वारा विकसित की गई है। यह ऐप डिजिटल युग की सुरक्षा का सशक्त हथियार है। ऐप डाउनलोड करने के बाद उपयोगकर्ता को बस एक ही क्लिक पर 'नीड हेल्प' बटन मिलता है, जो ओला कैब बुक करने जितना सरल है। जैसे ही यह बटन दबाया जाता है, नजदीकी कालिका टीम या पुलिस यूनिट को लोकेशन के साथ अलर्ट चला जाता है। टीम 5-10 मिनट के अंदर मौके पर पहुंच जाती है। ऐप की खासियतें ऐसी हैं कि यह न केवल इमरजेंसी कॉल का काम करती है, बल्कि उपयोगकर्ता को महिला हेल्पलाइन नंबर 1090, इमरजेंसी नंबर 112 और कालिका टीम के डायरेक्ट मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराती है। इसके अलावा, ऐप में अपराध रिपोर्टिंग, सुरक्षित रूट मैपिंग और रीयल-टाइम पुलिस लोकेशन जैसी सुविधाएं भी हैं। कालिका टीम के सदस्य बसों में डेमो दे रही हैं—अपने फोन पर ऐप खोलकर दिखा रही हैं कि कैसे एक बटन दबाने से मदद आ जाती है। "ये आपकी जेब में पुलिस है," वे कहती हैं।

सफलता की कहानी: आंकड़े बयां कर रहे हैं प्रभाव

यह अभियान बिल्कुल नया नहीं है, लेकिन सिटी बसों में इसका विस्तार इसे और प्रभावी बना रहा है। हाल के आंकड़ों के मुताबिक, कालिका टीम ने पिछले कुछ महीनों में रेलवे स्टेशन, पार्क, लाइब्रेरी और बाजारों में गश्त के दौरान 1,380 से अधिक महिलाओं और पुरुषों को राजकोप ऐप के बारे में जागरूक किया। नतीजा? 868 लोगों ने तुरंत ऐप डाउनलोड किया। इसी तरह, स्पा सेंटर्स और संदिग्ध इलाकों में छापेमारी के दौरान भी टीम ने अवैध गतिविधियों पर नकेल कसी और 18 संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई की। एडिशनल एसपी कृष्णा सामरिया ने बताया, "कालिका यूनिट 24 घंटे सक्रिय रहेगी। हमारा मकसद है कि कोई महिला असुरक्षित महसूस न करे। बसों में अभियान से हम सीधे आमजन तक पहुंच रहे हैं।" एसएसपी जय यादव का कहना है कि यह स्मार्ट पुलिसिंग का हिस्सा है, जो अपराधों को रोकने के साथ-साथ रोकथाम पर जोर देता है। टीम केवल आरोपी को हिरासत में लेती है, जबकि पूर्ण गिरफ्तारी थाना पुलिस करती है।

क्यों है यह अभियान खास?

महिलाओं-केंद्रित: पूरी टीम महिला कांस्टेबलों से बनी है, जो पीड़ितों से सहज संवाद कर सकती है। 

डिजिटल एक्सेस: ऐप गूगल प्ले स्टोर और ऐप स्टोर पर आसानी से उपलब्ध, कोई शुल्क नहीं।

समुदाय भागीदारी: बस यात्रियों को शामिल कर अभियान वायरल हो रहा है—सोशल मीडिया पर भी वीडियो शेयर हो रहे हैं।

भविष्य की योजना: पुलिस अब स्कूलों और कॉलेजों में भी वर्कशॉप आयोजित करने की सोच रही है।

जोधपुर की ये 'बस वाली बहनें' न केवल सुरक्षा दे रही हैं, बल्कि शहर को एक सुरक्षित, स्मार्ट और जागरूक माहौल प्रदान कर रही हैं।