"मासूम बच्ची की करंट से दर्दनाक मौत: घर में अकेलेपन और पुराने चार्जर ने छीनी जिंदगी"

मासूम बच्ची की दर्दनाक मौत: मोबाइल चार्जर से करंट लगने का हादसा, घर में अकेली होने से निपट न सकी बाड़मेर शहर में रहने वाली एक मासूम बच्ची भावना पुत्री विक्रम माली का जीवन मात्र कुछ पलों की लापरवाही ने हमेशा के लिए छीन लिया। यह घटना तब घटी जब वह अपने घर में अकेली थी और उसके माता पिता खेत गए हुए थे।मोबाइल फोन चार्ज करने के प्रयास में विद्युत करंट का शिकार हो गई। बच्ची को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों की सारी कोशिशों के बावजूद वह जिंदगी की जंग हार गई। यह हृदयविदारक घटना न केवल परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि घरेलू सुरक्षा को लेकर एक कड़ी चेतावनी भी बन गई है। घटना का विवरण: रविवार के दिन का विपरीत मोड़घटना रविवार दोपहर के आसपास की बताई जा रही है, जब बच्ची के माता-पिता काम पर गए हुए थे। महज 8-10 साल की उम्र की यह बच्ची घर पर अकेली खेल-कूद कर रही थी। उसके पास उसका प्यारा स्मार्टफोन था, जो बैटरी खत्म होने के कारण चार्जिंग की जरूरत महसूस हो रही थी। उत्सुकता और बच्ची की उम्र की सहजता में उसने वॉल सॉकेट में चार्जर का प्लग लगाने की कोशिश की। लेकिन दुर्भाग्य से, चार्जर का तार पुराना या क्षतिग्रस्त था, जिससे करंट सीधे उसके शरीर में प्रवेश कर गया। बच्ची ने चीखने की कोशिश की, लेकिन घर में कोई होने के कारण मदद तुरंत न मिल सकी। कुछ मिनटों बाद, जब करंट का असर कम हुआ, तो वह फर्श पर बेहोश पड़ी मिली। उसके हाथों में अभी भी चार्जर की ग्रिप थी, और शरीर पर जलने के निशान साफ दिखाई दे रहे थे। पड़ोसियों ने शोर-शराबा सुनकर दौड़ लगाई और बच्ची को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। चिकित्सा प्रयास: अस्पताल में संघर्ष, लेकिन अंतिम सांसअस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने बच्ची की हालत को गंभीर बताते हुए इमरजेंसी उपचार शुरू कर दिया। प्राथमिक जांच में पता चला कि करंट के कारण उसके हृदय और फेफड़ों पर गहरा असर पड़ा था। इलेक्ट्रिक शॉक से उत्पन्न जटिलताओं, जैसे कि हृदय गति अनियमित होना और श्वास संबंधी समस्या, ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। डॉक्टरों ने करीब दो घंटे तक जीवन रक्षा प्रक्रिया चलाई, जिसमें ऑक्सीजन सप्लाई, डिफिब्रिलेटर का उपयोग और अन्य आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का सहारा लिया गया।फिर भी, बच्ची ने अस्पताल के आईसीयू में ही अंतिम सांस ली। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में करंट लगने को ही मौत का मुख्य कारण बताया गया है। चिकित्सकों का कहना है कि यदि मदद कुछ मिनट पहले मिल जाती, तो शायद परिणाम अलग होता, लेकिन अकेलेपन ने सब कुछ बदल दिया। परिवार का दुख: अपूरणीय क्षति और सवालों का सिलसिलाबच्ची के माता-पिता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मां ने आंसुओं भरी आवाज में कहा, "हमने कभी सोचा नहीं था कि एक साधारण चार्जर ही उसके लिए घातक साबित होगा। अब हम खुद को कभी माफ नहीं कर पाएंगे।" परिवार ने बताया कि बच्ची अक्सर अकेली रहती थी, क्योंकि दोनों कामकाजी हैं, लेकिन यह कभी इतना खतरनाक नहीं लगा।पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने परिवार के प्रति संवेदना जताई है। स्थानीय प्रशासन ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है, जिसमें चार्जर की गुणवत्ता और घरेलू विद्युत सिस्टम की जांच शामिल है। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में लापरवाही का कोई आपराधिक पहलू न पाए जाने की बात कही है, लेकिन सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाए हैं। ऐसी त्रासदियों से बचाव के उपायइस घटना ने एक बार फिर घरेलू विद्युत सुरक्षा पर बहस छेड़ दी है। ज्यादातर ऐसे हादसे पुराने या घटिया चार्जरों के कारण होते हैं। वे सलाह देते हैं: चार्जर की जांच: हमेशा प्रमाणित और नई क्वालिटी के चार्जर का उपयोग करें। तारों में कटाव या क्षति होने पर तुरंत बदल दें। बच्चों की सुरक्षा: बच्चों को अकेला न छोड़ें, खासकर जब वे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। सॉकेट पर कवर लगाएं। आपातकालीन तैयारी: घर में फर्स्ट एड किट रखें और करंट लगने पर तुरंत बिजली काटकर व्यक्ति को सूखे लकड़ी या प्लास्टिक से छुएं। जागरूकता: स्कूलों और समुदायों में ऐसी घटनाओं पर कार्यशालाएं आयोजित करें।

Oct 13, 2025 - 12:02
"मासूम बच्ची की करंट से दर्दनाक मौत: घर में अकेलेपन और पुराने चार्जर ने छीनी जिंदगी"