सोशल मीडिया का 'बाहुबली' जेल में! जोधपुर में एक साल से फरार किडनैपर को पुलिस ने धराया.

जोधपुर ग्रामीण पुलिस ने एक साल से फरार किडनैपर गणपत साटिया को गिरफ्तार किया। वह सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ फोटो डालकर लोगों को डराता था। एक युवक को धोखे से बुलाकर किडनैप और मारपीट करने के मामले में वांछित था। पुलिस की सतर्कता से अपराधी पकड़ा गया, इलाके में राहत।

Oct 12, 2025 - 18:50
सोशल मीडिया का 'बाहुबली' जेल में! जोधपुर में एक साल से फरार किडनैपर को पुलिस ने धराया.

जोधपुर, 12 अक्टूबर 2025: राजस्थान के जोधपुर ग्रामीण क्षेत्र में अपराध की दुनिया में एक बड़ा झटका लगा है। सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ 'बाहुबली' स्टाइल में फोटो और वीडियो अपलोड कर लोगों को खौफजदा करने वाला कुख्यात अपराधी गणपत साटिया आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। एक साल से फरार चल रहा यह आरोपी किडनैपिंग और मारपीट के गंभीर आरोपों में वांछित था। जोधपुर ग्रामीण पुलिस की सतर्क टीम ने गहन जांच और मुखबिरों की मदद से उसे धर दबोचा। यह गिरफ्तारी न सिर्फ पीड़ितों के लिए न्याय की उम्मीद जगाती है, बल्कि सोशल मीडिया पर अपराध को बढ़ावा देने वालों के लिए भी चेतावनी का संदेश है।

अपराध की पूरी कड़ियां: धोखे से किडनैप, बेरहमी से मारपीट

घटना की जड़ें एक साल पहले की हैं, जब गणपत साटिया ने एक युवक को चालाकी से फंसाया। आरोपी ने पीड़ित को किसी निजी काम के बहाने बुलाया और उसे अकेले में फंसाकर किडनैप कर लिया। इसके बाद, गणपत ने युवक के साथ क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं। उसे घसीटकर ले जाकर बुरी तरह पीटा, जिससे पीड़ित को गंभीर चोटें आईं। यह सब कथित रूप से पुरानी रंजिश या व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया था। पीड़ित ने तुरंत जोधपुर ग्रामीण थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें किडनैपिंग (IPC धारा 363), मारपीट (IPC धारा 323) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ।पुलिस जांच में सामने आया कि गणपत साटिया कोई साधारण अपराधी नहीं था। वह स्थानीय स्तर पर छोटे-मोटे गुंडे के रूप में जाना जाता था और अपनी 'पावर' दिखाने के लिए सोशल मीडिया का खुलकर दुरुपयोग करता था। उसके इंस्टाग्राम और फेसबुक अकाउंट्स पर तमाम फोटो और रील्स भरी पड़ी थीं, जिनमें वह पिस्टल, तलवार और अन्य अवैध हथियारों के साथ पोज देता नजर आता। ये पोस्ट्स न सिर्फ उसके फॉलोअर्स को डराती थीं, बल्कि इलाके के युवाओं को भी गलत रास्ते पर भटकाने का काम कर रही थीं। एक पोस्ट में तो वह खुद को 'डॉन' बताते हुए लिखा था, "कोई मेरे खिलाफ बोलेगा तो अंजाम वही होगा जो इस हथियार का होता है!" पुलिस का मानना है कि ये पोस्ट्स उसके अपराधी मनोविज्ञान को उजागर करती हैं और इसी वजह से पीड़ित जैसे लोग उसके जाल में फंस जाते थे।

पुलिस की सतर्कता: एक साल की फरारी का अंत

मामला दर्ज होने के बाद गणपत साटिया भूमिगत हो गया। वह जोधपुर से बाहर निकलकर विभिन्न ठिकानों पर छिपता-फिरता रहा, लेकिन जोधपुर ग्रामीण पुलिस ने हार नहीं मानी। एसपी (ग्रामीण) के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जो लगातार उसके सोशल मीडिया एक्टिविटी, कॉल डिटेल्स और संभावित ठिकानों पर नजर रखे हुए थी। मुखबिरों से मिली टिप्स पर छापेमारी की गई और आखिरकार एक गुप्त ऑपरेशन में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के समय उसके पास से कुछ संदिग्ध सामान भी बरामद हुआ, हालांकि हथियारों की तलाश जारी है।पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गणपत की गिरफ्तारी से न सिर्फ यह केस सुलझेगा, बल्कि उसके अन्य संभावित अपराधों की भी परतें खुलेंगी। "सोशल मीडिया अपराध का नया हथियार बन गया है। हम ऐसे तत्वों को बख्शेंगे नहीं," एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा। पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल लिया है और अब कोर्ट में पेश किया जाएगा।

सोशल मीडिया का अंधेरा पहलू: डराने का नया तरीका

यह मामला सोशल मीडिया के दोहरे चेहरे को उजागर करता है। जहां एक तरफ यह कनेक्टिविटी का माध्यम है, वहीं अपराधी इसे अपनी 'इमेज' बनाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। गणपत जैसे लोग फेक पावर दिखाकर न सिर्फ लोगों को धमकाते हैं, बल्कि युवाओं को भी अपराध की ओर धकेलते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे अकाउंट्स को तुरंत रिपोर्ट करना चाहिए, ताकि प्लेटफॉर्म्स उन्हें ब्लॉक कर सकें। राजस्थान पुलिस पहले भी ऐसे कई मामलों में कार्रवाई कर चुकी है, जहां सोशल मीडिया पोस्ट्स ने अपराध की साजिश रचने में मदद की।

इलाके में राहत की लहर, लेकिन सतर्कता जरूरी

गणपत की गिरफ्तारी से जोधपुर ग्रामीण के निवासियों में राहत की सांस बही है। पीड़ित परिवार ने पुलिस को धन्यवाद देते हुए कहा, "एक साल की त्रासदी के बाद न्याय मिला, लेकिन ऐसे अपराधियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।" पुलिस ने अपील की है कि कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत हेल्पलाइन 100 पर कॉल करें। यह घटना अपराधियों के लिए साफ संदेश देती है—फरार भले ही चलें, लेकिन कानून की लंबी बांह उन्हें जरूर पकड़ लेगी।जोधपुर ग्रामीण पुलिस की यह सफलता निश्चित रूप से अन्य थानों के लिए प्रेरणा बनेगी। अपराध मुक्त समाज की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।