बधिर क्रिकेट लीग सीजन-10: सुनील बिश्नोई की टीम ने मारी बाजी, रवि बिश्नोई बने प्रेरणा.
जोधपुर में बधिर क्रिकेट लीग के 10वें सीजन का धमाकेदार शुभारंभ हुआ, जिसमें भारतीय क्रिकेटर रवि बिश्नोई ने मूक-बधिर खिलाड़ियों के उत्साह की सराहना की। सुनील बिश्नोई की कप्तानी वाली टीम ने ट्रॉफी जीती, जबकि हीराराम जाट की टीम उपविजेता रही। JDD समिति के नेतृत्व में आयोजित इस इवेंट में मुफ्त जल सुविधा और शानदार व्यवस्थाएं रहीं। खिलाड़ियों का जज्बा और समावेशिता का संदेश इस लीग को यादगार बनाता है।

जोधपुर, 13 अक्टूबर 2025: राजस्थान के सांस्कृतिक नगरी जोधपुर में क्रिकेट का एक अनोखा रंग जम गया, जहां विकलांगता को चुनौती देकर मूक-बधिर खिलाड़ियों ने मैदान पर अपनी प्रतिभा का ऐसा प्रदर्शन किया कि पूरा स्टेडियम तालियों और उत्साह से गूंज उठा। जोधपुर बधिर क्रिकेट लीग (Jodhpur Deaf Cricket League) के सीजन-10 का धूमधाम से शुभारंभ रविवार को हुआ, जिसमें भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार लेग-स्पिनर रवि बिश्नोई ने विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की। इस इवेंट ने न सिर्फ खेल की भावना को मजबूत किया, बल्कि समाज में दिव्यांगजनों के प्रति समर्पण और समावेशिता का संदेश भी दिया।यह लीग जोधपुर के बधिर समुदाय के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रही है, जो 10वें सीजन में पहुंच चुकी है। इस बार 16 से अधिक टीमें मैदान में उतरीं, जिन्होंने कड़े मुकाबलों के जरिए दर्शकों को रोमांचित किया। स्टार खिलाड़ी रवि बिश्नोई, जो खुद जोधपुर के बिरामी गांव के लाल हैं और IPL में लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए धमाल मचाते हैं, ने मूक-बधिर खिलाड़ियों की जोशपूर्ण भागीदारी देखकर गहरी खुशी जताई। उन्होंने कहा, "हमारे लिए यह गर्व की बात है कि जो बोल या सुन नहीं सकते, वे भी खेल के प्रति इतने उत्साहित हैं। यह देखकर मुझे बेहद प्रसन्नता हुई। ये खिलाड़ी न सिर्फ मैदान पर योद्धा हैं, बल्कि जीवन की हर चुनौती को पार करने की मिसाल भी हैं।" बिश्नोई ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उनका जज्बा युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा और वे भविष्य में राष्ट्रीय स्तर पर भी चमकेंगे।
फाइनल मुकाबला: सुनील बिश्नोई की रणनीति ने दिलाई जीत, हीराराम जाट की टीम रहीं शानदार उपविजेता
लीग का फाइनल मुकाबला जोधपुर के प्रमुख स्टेडियम में खेला गया, जहां सुनील बिश्नोई की कप्तानी वाली टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। सुनील बिश्नोई ने अपनी सधी हुई कप्तानी और आक्रामक बल्लेबाजी से टीम को विजेता बनाया, जबकि उपविजेता रही हीराराम जाट की अगुवाई वाली टीम ने भी कड़ा संघर्ष किया। दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने निशानेबाजी, फील्डिंग और रणनीतिक बल्लेबाजी से दर्शकों का दिल जीत लिया।
मैच के दौरान मूक-बधिर खिलाड़ियों ने साइन लैंग्वेज और इशारों से संवाद कर टीम वर्क का बेहतरीन नजारा पेश किया, जो देखने लायक था।इस लीग का आयोजन जोधपुर डेफ एंड डंब एसोसिएशन (JDD) द्वारा किया गया, जिसके अध्यक्ष ऋषभ जैन ने बताया कि यह इवेंट बधिर समुदाय को मुख्यधारा के खेल से जोड़ने का प्रयास है। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि ये खिलाड़ी न सिर्फ स्थानीय स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बधिर क्रिकेट टूर्नामेंट्स में भी भारत का प्रतिनिधित्व करें।" समिति के उपाध्यक्ष सूरज राठौड़ ने भी आयोजन की सफलता पर संतोष जताते हुए कहा कि खिलाड़ियों का उत्साह देखकर लगता है कि अगला सीजन और भी भव्य होगा।
विशेष सुविधाएं और सहयोग: फ्री वाटर सप्लाई से खिलाड़ियों को मिला सहारा
मैच के दौरान खिलाड़ियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया। फर्स्ट एड और मेडिकल सुविधाओं के अलावा, जल की मुफ्त व्यवस्था दिनेश जाट और जसपाल बिश्नोई ने सुनिश्चित की, जिससे खिलाड़ी बिना किसी परेशानी के पूरे जोश के साथ खेल सके। यह व्यवस्था न सिर्फ मैच को सुगम बनाई, बल्कि आयोजकों की संवेदनशीलता को भी उजागर करती है। दर्शकों ने इन प्रयासों की खूब सराहना की और सोशल मीडिया पर वीडियो व फोटोज शेयर कर इवेंट को वायरल कर दिया।
आयोजकों व खिलाड़ियों को बधाई: उज्जवल भविष्य की कामना
इस सफल आयोजन के पीछे JDD समिति के सभी सदस्यों का अहम योगदान रहा। ऋषभ जैन, सूरज राठौड़, फरसाराम बुद्धनगर, दिनेश जाट और जसपाल बिश्नोई जैसे समर्पित व्यक्तियों को हार्दिक धन्यवाद। सभी भाग लेने वाले मूक-बधिर खिलाड़ियों को रवि बिश्नोई की ओर से विशेष शुभकामनाएं मिलीं, जो उन्होंने साइन लैंग्वेज में व्यक्त कीं। आयोजकों ने घोषणा की कि अगले सीजन में और अधिक टीमों को शामिल किया जाएगा, साथ ही राष्ट्रीय स्तर के कोचिंग कैंप भी आयोजित होंगे।
यह लीग साबित करती है कि क्रिकेट की दीवानगी किसी सीमा से परे है। मूक-बधिर खिलाड़ियों का यह जज्बा न सिर्फ जोधपुर, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा बनेगा। जय हिंद, जय क्रिकेट!