नाबालिग भतीजे के यौन शोषण के आरोप में चाची गिरफ्तार, पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई

एक 24 वर्षीय विवाहित महिला को अपने नाबालिग भतीजे के यौन उत्पीड़न के आरोप में पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया। महिला ने नाबालिग के खिलाफ झूठा रेप केस दर्ज कराया था, जो जांच में फर्जी पाया गया, जबकि नाबालिग के परिवार ने उसके खिलाफ यौन शोषण और लूट का केस दर्ज कराया।

Sep 26, 2025 - 18:43
नाबालिग भतीजे के यौन शोषण के आरोप में चाची गिरफ्तार, पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई

राजस्थान के बीकानेर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने रिश्तों की पवित्रता को तार-तार कर दिया। नापासर थाना पुलिस ने एक 24 वर्षीय विवाहित महिला को अपने नाबालिग भतीजे के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी महिला ने अपने कृत्यों को छिपाने और नाबालिग को डराने के लिए उसके खिलाफ झूठा रेप का केस दर्ज कराया था, जो पुलिस जांच में पूरी तरह से फर्जी पाया गया। इसके बाद नाबालिग के परिवार ने महिला के खिलाफ यौन उत्पीड़न और अन्य अपराधों का मामला दर्ज कराया, जिसके आधार पर उसे पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

चाची की करतूत आई सामने

नापासर थानाधिकारी लक्ष्मण सुथार ने बताया कि आरोपी महिला और पीड़ित नाबालिग आपस में चाची-भतीजे के रिश्ते में हैं। महिला लंबे समय से नाबालिग का यौन शोषण कर रही थी। जब नाबालिग ने इसका विरोध किया और उसके पास जाने से इनकार कर दिया, तो महिला ने नाराज होकर उसे धमकाने और बदनाम करने के लिए नाल थाने में उसके खिलाफ रेप का झूठा केस दर्ज करा दिया। पुलिस ने मामले की गहन जांच की, जिसमें महिला की कहानी पूरी तरह से झूठी साबित हुई।

नाबालिग के परिवार ने दर्ज कराया मामला

25 सितंबर को नाबालिग के माता-पिता ने नापासर थाने में आरोपी महिला के खिलाफ यौन उत्पीड़न का केस दर्ज कराया। परिवार ने महिला पर न केवल यौन शोषण, बल्कि नाबालिग से रुपये और मोबाइल छीनने का भी आरोप लगाया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की और महिला को गिरफ्तार कर लिया। मामले को पॉक्सो एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेज एक्ट) के तहत दर्ज किया गया, जो नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों से संबंधित एक सख्त कानून है।

पॉक्सो कोर्ट में पेशी, जेल भेजी गई आरोपी

आरोपी महिला को गिरफ्तारी के बाद पॉक्सो कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच अभी भी जारी है और सभी तथ्यों की गहन पड़ताल की जा रही है। नापासर थानाधिकारी लक्ष्मण सुथार ने कहा, "यह एक गंभीर और संवेदनशील मामला है। हमने पॉक्सो एक्ट के तहत त्वरित कार्रवाई की है और पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।"

नाबालिगों की सुरक्षा का मजबूत कानून

पॉक्सो एक्ट, जिसका पूरा नाम "प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेज एक्ट" है, 2012 में लागू किया गया था। इसका उद्देश्य 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यौन उत्पीड़न, यौन शोषण, और अन्य संबंधित अपराधों से बचाना है। इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा का प्रावधान है, जिसमें सात साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा शामिल हो सकती है। इस मामले में भी पुलिस ने इसी कानून के तहत कार्रवाई की है।

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