तालिबान का धमाकेदार पलटवार: पाक एयरस्ट्राइक के बाद दुर्लभ लाइन पर कब्जा, 12 पाक सैनिक शहीद, हथियार लूटे!

पाकिस्तान के 9 अक्टूबर को अफगानिस्तान पर हवाई हमलों के जवाब में तालिबान सेना ने दुर्लभ लाइन पर पलटवार किया। नांगरहार, कुनार, हेलमंद और पक्तिया में तीन पाकिस्तानी चौकियों पर कब्जा, 12 सैनिक शहीद, हथियार लूटे गए। यह जंग तब भड़की जब अफगान विदेश मंत्री मुत्तकी भारत दौरे पर थे। तालिबान ने पाक पर संप्रभुता उल्लंघन का आरोप लगाया, जबकि पाकिस्तान तालिबान पर टीटीपी को पनाह देने का इल्जाम लगाता है। क्षेत्रीय तनाव चरम पर, शांति की राह मुश्किल।

Oct 12, 2025 - 19:43
Oct 12, 2025 - 19:43
तालिबान का धमाकेदार पलटवार: पाक एयरस्ट्राइक के बाद दुर्लभ लाइन पर कब्जा, 12 पाक सैनिक शहीद, हथियार लूटे!

नई दिल्ली/काबुल, 12 अक्टूबर 2025: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच दुर्लभ लाइन पर रातोंरात भयंकर गोलीबारी ने सीमा को रक्तरंजित कर दिया। पाकिस्तान की तरफ से काबुल पर किए गए हवाई हमलों के जवाब में तालिबान सेना ने 'बदला अभियान' चला दिया। नतीजा? अफगान बलों ने कुनार, हेलमंद, नांगरहार और पक्तिया प्रांतों में कम से कम तीन पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर कब्जा जमा लिया, जबकि 12 पाक सैनिक मारे गए और कई घायल हो गए। यह संघर्ष तब भड़का जब अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी भारत दौरे पर थे, जिससे क्षेत्रीय तनाव और गहरा गया।

घटना की पूरी समयरेखा: कैसे भड़की आग?

यह तनाव नई नहीं, बल्कि लंबे समय से सुलग रही आग का विस्फोट है। 9 अक्टूबर की रात को पाकिस्तानी वायुसेना ने अफगानिस्तान के काबुल, खोस्त, जलालाबाद और पक्तिका प्रांतों में हवाई हमले किए। इनकी निशाना थी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के सरगना नूर वली मेहसूद, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी घोषित है। पाकिस्तान का दावा था कि टीटीपी अफगान मिट्टी से ही उसके खिलाफ हमले की साजिश रच रहा है, और इन हमलों में दो वरिष्ठ टीटीपी कमांडर मारे गए। हालांकि, मेहसूद ने एक वीडियो जारी कर खुद को जिंदा बताया और बदला लेने की धमकी दी। 

 अफगान तालिबान सरकार ने इसे 'संप्रभुता का घोर उल्लंघन' करार दिया। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता एनायत ख्वाराजमी ने कहा, "पाकिस्तान ने हमारे हवाई क्षेत्र का अतिक्रमण किया। हमारा जवाब कड़ा होगा।" इसके ठीक दो दिन बाद, 11 अक्टूबर की रात को अफगान सेना ने दुर्लभ लाइन (डुरंड लाइन) के साथ लगे इलाकों में जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी। नांगरहार और कुनार प्रांतों में अफगान 201 खालिद बिन वलीद आर्मी कोर ने पाकिस्तानी चौकियों पर जोरदार हमला बोला। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, स्पिना शागा, गीवी, मणि जाभा और आरयूब जाजी जैसे इलाकों में हल्के और भारी हथियारों से लड़ाई चली, जिसमें पाकिस्तानी सैनिकों के हथियार और वाहन अफगानों के हाथ लग गए।

अफगान रक्षा मंत्रालय ने टोलो न्यूज को बताया कि कुनार और हेलमंद में एक-एक पाकिस्तानी चौकी को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया, जबकि पक्तिया के आरयूब जाजी जिले में जबरदस्त झड़पें हुईं। कुल मिलाकर, अफगान दावे के अनुसार 58 पाक सैनिक मारे गए और 30 घायल, लेकिन स्वतंत्र स्रोतों ने 12 मौतों की पुष्टि की है। पाकिस्तानी पक्ष ने इसे 'अकारण आक्रमण' बताते हुए भारी तोपखाने से जवाब दिया, जिसमें तीन अफगान क्वाडकॉप्टर गिराए गए। वीडियो फुटेज में रात के आसमान में गोलाबारी की चमक साफ दिख रही है।  

पाकिस्तान को भारी नुकसान: क्या कहते हैं आंकड़े?

मौतें: अफगान दावे- 58 मारे गए; पाकिस्तानी रिपोर्ट- 12 सैनिक शहीद। 

कब्जा: अफगान सेना ने कुनार, हेलमंद और नांगरहार में तीन चौकियां हथिया लीं। पाकिस्तान दावा करता है कि उसने कई अफगान चौकियां नष्ट कीं।

हथियार लूट: अफगान सैनिकों ने पाकिस्तानी हथियार, गोला-बारूद और वाहन छीन लिए।

क्षेत्र: झड़पें चित्राल, बाजौर, मोहमान, अंगूर अड्डा, कुर्रम, तीराह, खोस्त, पक्तिका और नांगरहार तक फैलीं।  

 पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने तालिबान पर 'नागरिकों पर गोलीबारी' का आरोप लगाते हुए कहा, "यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। अफगानिस्तान आग और खून का खेल खेल रहा है।" पाकिस्तानी सेना ने 'पूर्ण ताकत' से जवाब देने का वादा किया, लेकिन अभी तक कोई बड़ा काउंटर-अटैक नहीं हुआ।

पृष्ठभूमि: टीटीपी का साया और पुरानी दुश्मनी

यह संघर्ष टीटीपी के इर्द-गिर्द घूमता है। पाकिस्तान का आरोप है कि तालिबान सरकार टीटीपी को अफगान मिट्टी पर पनाह दे रही है, जो 2021 से अब तक 600 से ज्यादा हमलों का जिम्मेदार है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट भी तालिबान पर टीटीपी को लॉजिस्टिकल सपोर्ट देने का इल्जाम लगाती है। 2024-25 में पाकिस्तान ने कई बार अफगान प्रांतों (पक्तिका, खोस्त, नांगरहार, कुनार) में हवाई हमले किए, लेकिन तालिबान ने हमेशा इनकार किया। इस बार काबुल पर सीधा हमला होने से मामला और तूल पकड़ गया।  

भारत का एंगल: मुत्तकी का दौरा और क्षेत्रीय चिंता

यह सब तब हो रहा है जब मुत्तकी 2021 के बाद पहली बार किसी वरिष्ठ तालिबान नेता के रूप में भारत आए। उन्होंने नई दिल्ली में कहा, "हम पाकिस्तान के लोगों से कोई दुश्मनी नहीं रखते, लेकिन कुछ तत्व स्थिति बिगाड़ रहे हैं। अफगानिस्तान अपनी सीमाओं की रक्षा का हकदार है।" भारत ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की, लेकिन पाकिस्तान ने भारत को टीटीपी सपोर्ट का दोषी ठहराया, जिसे नई दिल्ली ने 'बेबुनियाद' बताया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तनाव भारत-अफगान संबंधों को मजबूत करने का मौका दे सकता है, खासकर चाबहार पोर्ट जैसे प्रोजेक्ट्स पर।  

अब आगे क्या? शांति की उम्मीद या बड़ा युद्ध?

12 अक्टूबर सुबह तक झड़पें थम गईं। तालिबान ने कहा कि कतर और सऊदी अरब की मध्यस्थता से अभियान रोका गया, लेकिन चेतावनी दी- "अगर फिर उल्लंघन हुआ, तो जवाब और कड़ा होगा।" ईरान ने 'तत्काल संयम' की अपील की, जबकि पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई। विशेषज्ञों का कहना है कि टीटीपी का बदला और सीमा पर तैनाती बढ़ने से स्थिति और बिगड़ सकती है। फिलहाल, 2,600 किमी लंबी दुर्लभ लाइन पर तनाव चरम पर है, और क्षेत्रीय शांति दांव पर लटक रही है।