जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में हड़कंप: स्प्रे बोतल विस्फोट से मरीजों और परिजनों में दहशत
जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल के न्यू डायग्नोस्टिक विंग में 20 मई 2025 को एक स्प्रे बोतल (संभवतः पेपर स्प्रे) के नोजल फटने से गैस रिसाव हुआ, जिससे वार्ड में मौजूद मरीजों और परिजनों को खांसी और आंखों में जलन हुई। स्थिति नियंत्रित करने के लिए वार्ड खाली कराया गया और प्रभावित लोगों को प्राथमिक उपचार दिया गया। अस्पताल अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित ने जांच शुरू की। घटना ने आत्मरक्षा स्प्रे के उपयोग और अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए।

जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल के न्यू डायग्नोस्टिक विंग में मंगलवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक स्प्रे बोतल के नोजल फटने से गैस रिसाव की घटना सामने आई। यह स्प्रे बोतल, जिसे आमतौर पर लड़कियां आत्मरक्षा के लिए रखती हैं, जैसे कि पेपर स्प्रे, के फटने से वार्ड में मौजूद मरीजों और उनके परिजनों को खांसी और आंखों में जलन की शिकायत हुई। आनन-फानन में वार्ड को खाली कराया गया और सभी को सुरक्षित बाहर निकाला गया। अस्पताल अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच शुरू कर दी है।
मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे मथुरादास माथुर अस्पताल के न्यू डायग्नोस्टिक विंग में अचानक एक तेज आवाज के साथ स्प्रे बोतल का नोजल फट गया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह बोतल संभवतः आत्मरक्षा के लिए उपयोग होने वाला पेपर स्प्रे था, जिसके रिसाव से वार्ड में गैस फैल गई। गैस के प्रभाव से वहां मौजूद मरीजों, उनके परिजनों और कुछ स्टाफ सदस्यों को खांसी, सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायत होने लगी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत वार्ड को खाली कराया गया और प्रभावित लोगों को प्राथमिक उपचार दिया गया।
अस्पताल प्रशासन का त्वरित एक्शन
घटना की सूचना मिलते ही अस्पताल अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि गैस रिसाव की वजह से किसी को गंभीर चोट नहीं आई है, लेकिन सभी प्रभावित लोगों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। डॉ. राजपुरोहित ने कहा, "हम इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह स्प्रे बोतल वार्ड में कैसे आई और इसके नोजल के फटने का कारण क्या था। हमारी प्राथमिकता मरीजों और स्टाफ की सुरक्षा है।"
आत्मरक्षा स्प्रे: सुरक्षा या खतरा?
पेपर स्प्रे जैसी आत्मरक्षा सामग्री, जो खासकर महिलाओं द्वारा अपनी सुरक्षा के लिए उपयोग की जाती है, आमतौर पर सुरक्षित मानी जाती है। हालांकि, इस घटना ने ऐसे उपकरणों के रख-रखाव और उपयोग को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्प्रे बोतलों में उच्च दबाव वाली गैस होती है, और अगर इनका रख-रखाव सही तरीके से न हो या नोजल खराब हो, तो रिसाव या विस्फोट की स्थिति बन सकती है।
वार्ड में मौजूद एक मरीज के परिजन ने बताया, "अचानक एक तेज आवाज हुई और फिर गैस की गंध फैलने लगी। हम सभी को खांसी होने लगी और आंखों में जलन महसूस हुई। हम डर गए थे, लेकिन स्टाफ ने तुरंत हमें बाहर निकाला।" एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि गैस का प्रभाव कुछ मिनटों तक रहा, लेकिन समय रहते स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया।
मथुरादास माथुर अस्पताल हाल ही में अन्य कारणों से भी सुर्खियों में रहा है। नवंबर 2024 में अस्पताल के एक्यूट केयर वार्ड में आग लगने की घटना में एक 30 वर्षीय महिला मरीज गंभीर रूप से झुलस गई थी। उस घटना में मेडिकल स्टाफ की अनुपस्थिति को लेकर परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया था। इसके अलावा, राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की हालिया यात्रा के दौरान भी अस्पताल में अनियमितताओं की बात सामने आई थी।
अस्पताल प्रशासन ने इस घटना की जांच के लिए एक समिति गठित करने की बात कही है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। डॉ. राजपुरोहित ने बताया कि अस्पताल में ऐसी वस्तुओं को लाने पर सख्ती बरती जाएगी और सुरक्षा प्रोटोकॉल को और मजबूत किया जाएगा।
जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में हुई इस घटना ने एक बार फिर अस्पतालों में सुरक्षा और प्रबंधन की कमियों को उजागर किया है। आत्मरक्षा के लिए उपयोगी मानी जाने वाली स्प्रे बोतलें अगर सही तरीके से रख-रखाव न की जाएं, तो खतरा भी बन सकती हैं। इस घटना से सबक लेते हुए अस्पताल प्रशासन को अपनी सुरक्षा नीतियों को और मजबूत करना होगा ताकि मरीजों और स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।