हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़: 6 की मौत, 29 घायल, CM धामी ने जताया दुख

हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह भगदड़ मचने से 6 लोगों की मौत और 29 लोग घायल हो गए। हादसे का कारण भीड़ का दबाव और करंट की अफवाह बताया जा रहा है।

Jul 27, 2025 - 11:30
हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़: 6 की मौत, 29 घायल, CM धामी ने जताया दुख

उत्तराखंड की धार्मिक नगरी हरिद्वार में रविवार सुबह एक दुखद हादसा हुआ। प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें 6 लोगों की जान चली गई और 29 लोग घायल हो गए। यह हादसा मंदिर के सीढ़ी मार्ग पर सुबह करीब 9:30 बजे हुआ, जब सैकड़ों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए एकत्र हुए थे।

गढ़वाल डिवीजन के कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि मंदिर में रविवार होने के कारण श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा थी। संकरे रास्ते और सीढ़ियों पर बढ़ते दबाव के कारण स्थिति बेकाबू हो गई। पुलिस के अनुसार, भगदड़ का मुख्य कारण सीढ़ियों पर बिजली के करंट की अफवाह थी। हरिद्वार के SSP प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने बताया, "सुबह 9 बजे के आसपास कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि मंदिर मार्ग पर भगदड़ मच गई है। प्रथम दृष्टया, यह अफवाह फैली कि सीढ़ियों पर करंट उतर रहा है, जिससे लोग डर गए और भागने लगे।" हालांकि, गढ़वाल डिवीजन के कमिश्नर ने करंट की बात को सिरे से खारिज किया और कहा कि हादसा भीड़ के दबाव के कारण हुआ।

तत्काल शुरू हुआ राहत और बचाव कार्य

हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, उत्तराखंड SDRF, और प्रशासन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। घायलों को तत्काल नजदीकी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। SSP डोभाल ने बताया, "हमें 35 लोगों के घायल होने की सूचना मिली थी, जिनमें से 6 लोगों की मौत हो गई। बाकी घायलों का इलाज चल रहा है।" कुछ गंभीर रूप से घायल लोगों को हायर सेंटर रेफर किया गया है। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा, "घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है।"

CM धामी ने जताया दुख, लिया स्थिति का जायजा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा दुख जताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में भगदड़ मचने का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ है। SDRF, स्थानीय पुलिस और अन्य बचाव दल मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। मैं स्थानीय प्रशासन के निरंतर संपर्क में हूं और स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा हूं।" CM धामी ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और प्रशासन को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए।

मंदिर में क्यों थी इतनी भीड़?

मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार के पंच तीर्थों में से एक, शिवालिक पहाड़ियों पर बिल्वा पर्वत पर 500 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदिर मां मनसा देवी को समर्पित है, जिन्हें भगवान शिव की पुत्री और नागराज वासुकी की बहन माना जाता है। रविवार होने और हाल ही में कांवड़ यात्रा के बाद रास्ते खुलने के कारण मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, मंदिर तक पहुंचने का रास्ता संकरा है और सीढ़ियां छोटी होने के कारण भीड़ बढ़ने पर स्थिति अनियंत्रित हो सकती है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया हादसे का मंजर

हादसे के समय मौके पर मौजूद एक श्रद्धालु ने बताया, "सुबह से ही मंदिर में भारी भीड़ थी। लोग जल्दी-जल्दी दर्शन करना चाहते थे। अचानक धक्का-मुक्की शुरू हुई और कुछ लोग सीढ़ियों पर गिर गए। इससे अफरा-तफरी मच गई और लोग एक-दूसरे पर चढ़ते चले गए।" एक अन्य घायल श्रद्धालु, जो बिहार से आए थे, ने कहा, "मैं दर्शन के लिए लाइन में था, तभी अचानक भीड़ ने धक्का देना शुरू किया। मैं गिर गया और मेरा हाथ टूट गया।"

भीड़ प्रबंधन पर उठे सवाल

इस हादसे ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन के मुद्दे को गरमा दिया है। X पर कई यूजर्स ने इस घटना पर दुख जताते हुए सरकार से धार्मिक स्थलों पर सख्त दिशा-निर्देश और बेहतर प्रबंधन की मांग की है। एक यूजर ने लिखा, "धार्मिक तीर्थ अब पिकनिक स्थल बन गए हैं। सरकार को तत्काल गाइडलाइंस जारी करने की जरूरत है।" गौरतलब है कि मनसा देवी मंदिर में हर साल खासकर सावन और नवरात्रि के दौरान लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

प्रशासन की ओर से आगे की कार्रवाई

हरिद्वार के डीएम मयूर दीक्षित ने बताया, "हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। हमारी प्राथमिकता घायलों का इलाज और स्थिति को सामान्य करना है।" मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में अब हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन प्रशासन ने श्रद्धालुओं से सावधानी बरतने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।

मनसा देवी मंदिर हरिद्वार के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मंदिर में मां की दो मूर्तियां स्थापित हैं- एक पंचभुजा और एक अष्टभुजा। भक्त अपनी मुराद के साथ एक पेड़ पर धागा बांधते हैं और इच्छा पूरी होने पर उसे खोलने आते हैं।

Yashaswani Journalist at The Khatak .