तीज महोत्सव 2025: राजस्थान की संस्कृति और महिला सशक्तिकरण का भव्य उत्सव
तीज महोत्सव 2025 का भव्य शुभारंभ उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने पोंड्रिक पार्क में किया, जो राजस्थान की संस्कृति, लोककलाओं और महिला सशक्तिकरण को समर्पित है। मेले में हस्तशिल्प, पारंपरिक व्यंजन, लोकनृत्य, और “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान प्रमुख आकर्षण रहे।

गुलाबी नगरी जयपुर आज तीज महोत्सव 2025 की रंगारंग छटा से सराबोर है। इस दो दिवसीय आयोजन का शुभारंभ आज सुबह 10:30 बजे पोंड्रिक पार्क में राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने किया। यह महोत्सव राजस्थान की समृद्ध संस्कृति, लोककलाओं और महिला सशक्तिकरण को समर्पित है, जो न केवल स्थानीय लोगों बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
तीज महोत्सव: एक ऐतिहासिक परंपरा का जीवंत उत्सव
298 साल पुरानी परंपरा को जीवंत रखते हुए, जयपुर में तीज माता की शाही सवारी आज शाम 5:45 बजे सिटी पैलेस के जनाना ड्योढ़ी से गाजे-बाजे के साथ रवाना होगी। इस सवारी में हाथी, ऊंट, घोड़े, बैंड, शहनाई और नगाड़ों का पारंपरिक लवाजमा शामिल होगा, जो राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को और भी भव्य बनाएगा। छोटी चौपड़ पर तीज माता की पहली बार भव्य महाआरती होगी, जिसमें राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित कई गणमान्य हस्तियां शामिल होंगी।
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने इस अवसर पर कहा, “जयपुर में तीज उत्सव का आयोजन इस बार और भी भव्य स्तर पर किया जा रहा है। यह आयोजन केवल एक पर्व नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपराओं और महिलाओं की ताकत का प्रतीक है। इस बार महिला पंडितों द्वारा तीज माता की पूजा और सभी स्टॉल्स पर महिला उद्यमियों की भागीदारी इस उत्सव को और खास बनाती है।”
पोंड्रिक पार्क में क्राफ्ट एंड फूड मेला: महिला सशक्तिकरण का उत्सव
पोंड्रिक पार्क में आयोजित क्राफ्ट एंड फूड मेले का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने किया। इस मेले में सभी स्टॉल्स महिला उद्यमियों द्वारा संचालित हैं, जो न केवल उनकी रचनात्मकता और उद्यमशीलता को प्रदर्शित करता है, बल्कि महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देता है। मेले में हस्तशिल्प, पारंपरिक राजस्थानी व्यंजन जैसे घेवर, दाल बाटी चूरमा, और लहसुन की चटनी, मेहंदी, और झूलों की व्यवस्था की गई है।
महिलाओं द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प जैसे लहरिया साड़ियां, बंधेज दुपट्टे, और पारंपरिक गहने मेले के मुख्य आकर्षण हैं। इसके अलावा, लोकनृत्य और कठपुतली शो जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम मेले में चार चांद लगा रहे हैं। पर्यटन विभाग ने इस बार हेलिकॉप्टर जॉय राइड की भी व्यवस्था की है, जिसके तहत पर्यटक जयपुर की ऐतिहासिक इमारतों और अरावली पहाड़ियों का हवाई नजारा ले सकेंगे।
“एक पेड़ माँ के नाम” अभियान: पर्यावरण संरक्षण की पहल
तीज महोत्सव का एक और विशेष आकर्षण है “हरियालो राजस्थान” अभियान के तहत “एक पेड़ माँ के नाम” वृक्षारोपण कार्यक्रम। इस अवसर पर पोंड्रिक पार्क में बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया गया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हरियाली तीज के अवसर पर 76वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ किया, जिसमें एक दिन में 2 करोड़ 50 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने भी इस अभियान में हिस्सा लिया और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को प्रेरित किया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और आधुनिक तकनीक का संगम
इस बार तीज उत्सव को और भी खास बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लिया गया है। उत्सव का लाइव प्रसारण जयपुर शहर की स्क्रीनों और पूरे राजस्थान में डीओआईटी के माध्यम से किया जाएगा। बीकानेर से मशक वादन, शहनाई वादन, और भपंग की थाप जैसे पारंपरिक प्रदर्शन सांस्कृतिक माहौल को और भी रंगीन बनाएंगे।
पीएम मोदी के “मन की बात” का सामूहिक श्रवण
महोत्सव के दौरान उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने पोंड्रिक पार्क में उपस्थित लोगों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मन की बात” कार्यक्रम का सामूहिक श्रवण किया। यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक उत्सव का हिस्सा था, बल्कि सामाजिक जागरूकता और एकता को भी बढ़ावा देने वाला रहा।
तीज: नारी शक्ति और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक
तीज महोत्सव राजस्थान की संस्कृति और परंपराओं का जीवंत प्रदर्शन है। यह आयोजन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है, जो इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और मेहंदी, झूलों, और लहरिया परिधानों के साथ उत्सव का आनंद लेती हैं। इस बार मेले में “नारी तू नारायणी” सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया, जिसमें शहर की प्रतिभाशाली महिलाओं को सम्मानित किया गया।
जयपुर का तीज महोत्सव 2025 न केवल एक सांस्कृतिक आयोजन है, बल्कि यह राजस्थान की आत्मा को दर्शाता है। यह उत्सव हर उस महिला को समर्पित है, जो अपनी मेहनत और रचनात्मकता से समाज को नई दिशा दे रही है। दोपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक चलने वाले इस मेले में हर कोई इस रंगारंग उत्सव का हिस्सा बन सकता है।