भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ियों ने रचा इतिहास, एशिया जूनियर चैंपियनशिप में जीते दो कांस्य पदक
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी तन्वी शर्मा और वेन्नला कालागोटला ने इंडोनेशिया के सोलो में आयोजित एशिया जूनियर चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा। यह पहली बार है जब भारतीय महिला खिलाड़ियों ने इस टूर्नामेंट के एक संस्करण में दो पदक हासिल किए।

इंडोनेशिया के सोलो में आयोजित एशिया जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारत की दो होनहार महिला खिलाड़ियों, तन्वी शर्मा और वेन्नला कालागोटला ने इतिहास रच दिया। यह पहली बार है जब भारतीय महिला खिलाड़ियों ने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में एक ही संस्करण में दो पदक अपने नाम किए। दोनों खिलाड़ियों को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन टूर्नामेंट के नियमों के अनुसार, सेमीफाइनल में हारने वाले खिलाड़ियों को कांस्य पदक से सम्मानित किया जाता है। इस उपलब्धि ने भारतीय बैडमिंटन के उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद जगाई है।
वेन्नला कालागोटला की शानदार वापसी की कोशिश
वेन्नला कालागोटला ने सेमीफाइनल में चीन की लियू सी या के खिलाफ कड़ा मुकाबला खेला। 37 मिनट तक चले इस रोमांचक मुकाबले में वेन्नला को 15-21, 18-21 से हार का सामना करना पड़ा। दूसरी गेम में 15-20 से पिछड़ने के बावजूद, वेन्नला ने हार नहीं मानी। उन्होंने जबरदस्त जज्बा दिखाते हुए तीन मैच पॉइंट बचाए और वापसी की उम्मीद जगाई। हालांकि, आखिरी क्षणों में एक छोटी-सी गलती ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया, और लियू ने सीधे गेम में जीत हासिल कर फाइनल में प्रवेश किया।
इससे पहले, क्वार्टर फाइनल में वेन्नला ने थाईलैंड की जान्यापोर्न मीपैंथॉन्ग के खिलाफ 58 मिनट तक चले कठिन मुकाबले में जीत दर्ज की थी। पहला गेम 21-18 से जीतने के बाद वेन्नला ने दूसरा गेम 17-21 से गंवा दिया। लेकिन निर्णायक तीसरे गेम में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए 21-17 से जीत हासिल की और सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की।
तन्वी शर्मा का दमदार प्रदर्शन
दूसरी ओर, दूसरी वरीयता प्राप्त तन्वी शर्मा को सेमीफाइनल में टूर्नामेंट की आठवीं वरीयता प्राप्त चीनी खिलाड़ी यिन यी चिंग के खिलाफ 35 मिनट के मुकाबले में 13-21, 14-21 से हार का सामना करना पड़ा। पहली गेम में पिछड़ने के बाद तन्वी ने दूसरी गेम में शानदार वापसी की कोशिश की और 6-1 की बढ़त हासिल की। लेकिन यिन ने धीरे-धीरे स्कोर को बराबर किया और 8-8 के बाद अपनी लय बनाए रखते हुए जीत अपने नाम कर ली।
तन्वी ने क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया की पांचवीं वरीयता प्राप्त थालिता रमाधानी को 35 मिनट में 21-19, 21-14 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था। तन्वी का यह प्रदर्शन उनकी हालिया फॉर्म को दर्शाता है, क्योंकि वह पिछले महीने यूएस ओपन सुपर 300 टूर्नामेंट में उपविजेता रही थीं।
भारतीय बैडमिंटन के लिए गर्व का पल
तन्वी और वेन्नला की इस उपलब्धि ने न केवल भारतीय बैडमिंटन प्रशंसकों का दिल जीता, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत की युवा प्रतिभाएं वैश्विक मंच पर अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं। दोनों खिलाड़ियों ने अपने दमदार प्रदर्शन और जुझारूपन से साबित कर दिया कि वे भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकती हैं।
एशिया जूनियर चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक जीतना भारतीय बैडमिंटन के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह उपलब्धि न केवल तन्वी और वेन्नला की मेहनत और लगन का परिणाम है, बल्कि यह भारतीय बैडमिंटन के बढ़ते स्तर को भी दर्शाती है। इन युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने देश को गर्व का एक और मौका दिया है, और अब सभी की निगाहें इनके भविष्य के प्रदर्शन पर टिकी हैं।