कारगिल विजय दिवस: शहीदों को श्रद्धांजलि, जानें ऑपरेशन विजय का इतिहास

26 जुलाई 2025 को कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। ऑपरेशन विजय की सफलता को याद करते हुए देशभर में समारोह आयोजित किए गए।

Jul 26, 2025 - 10:42
Jul 26, 2025 - 10:45
कारगिल विजय दिवस: शहीदों को श्रद्धांजलि, जानें ऑपरेशन विजय का इतिहास

26 जुलाई 2025 को भारत ने कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ मनाई। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के साथ मिलकर कारगिल युद्ध के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। 1999 में कारगिल की बर्फीली चोटियों पर लड़े गए इस युद्ध में भारतीय सेना ने "ऑपरेशन विजय" को सफलतापूर्वक अंजाम देकर पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़कर देश की संप्रभुता की रक्षा की थी।

कारगिल विजय: एक ऐतिहासिक जीत

26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने लगभग तीन महीने तक चले भीषण युद्ध के बाद "ऑपरेशन विजय" की सफलता की घोषणा की थी। यह युद्ध जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के पास लड़ा गया था। पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कर ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना ने अदम्य साहस और बलिदान के साथ इन चोटियों को वापस हासिल किया, जिसने भारत की सैन्य शक्ति और दृढ़ संकल्प को विश्व के सामने प्रदर्शित किया।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल के शहीदों को याद करते हुए उनकी वीरता और बलिदान को नमन किया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,

"कारगिल विजय दिवस पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। यह अवसर हमें मां भारती के उन वीर सपूतों के अद्वितीय साहस और पराक्रम की याद दिलाता है, जिन्होंने राष्ट्र के गौरव की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। मातृभूमि के लिए उनका समर्पण और बलिदान की भावना हर पीढ़ी को प्रेरित करती रहेगी। जय हिंद!"

राष्ट्रपति मुर्मू ने भी अपने संदेश में शहीदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और कहा कि उनकी वीरता देश के लिए एक अमर गाथा है।

देशभर में श्रद्धांजलि समारोह

इस अवसर पर देशभर में विभिन्न समारोह आयोजित किए गए। रक्षा प्रमुख जनरल अनिल चौहान, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने भी कारगिल के वीरों को श्रद्धांजलि दी। इन समारोहों में युवाओं को शामिल करने और भारतीय सेना की पहल से जनता को जोड़ने के लिए विशेष आयोजन किए गए।

26 जुलाई 2025 को भारत ने कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ मनाई। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के साथ मिलकर कारगिल युद्ध के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। 1999 में कारगिल की बर्फीली चोटियों पर लड़े गए इस युद्ध में भारतीय सेना ने "ऑपरेशन विजय" को सफलतापूर्वक अंजाम देकर पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़कर देश की संप्रभुता की रक्षा की थी।

कारगिल विजय: एक ऐतिहासिक जीत

26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने लगभग तीन महीने तक चले भीषण युद्ध के बाद "ऑपरेशन विजय" की सफलता की घोषणा की थी। यह युद्ध जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के पास लड़ा गया था। पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कर ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना ने अदम्य साहस और बलिदान के साथ इन चोटियों को वापस हासिल किया, जिसने भारत की सैन्य शक्ति और दृढ़ संकल्प को विश्व के सामने प्रदर्शित किया।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल के शहीदों को याद करते हुए उनकी वीरता और बलिदान को नमन किया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,

"कारगिल विजय दिवस पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। यह अवसर हमें मां भारती के उन वीर सपूतों के अद्वितीय साहस और पराक्रम की याद दिलाता है, जिन्होंने राष्ट्र के गौरव की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। मातृभूमि के लिए उनका समर्पण और बलिदान की भावना हर पीढ़ी को प्रेरित करती रहेगी। जय हिंद!"

राष्ट्रपति मुर्मू ने भी अपने संदेश में शहीदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और कहा कि उनकी वीरता देश के लिए एक अमर गाथा है।

देशभर में श्रद्धांजलि समारोह

इस अवसर पर देशभर में विभिन्न समारोह आयोजित किए गए। रक्षा प्रमुख जनरल अनिल चौहान, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने भी कारगिल के वीरों को श्रद्धांजलि दी। इन समारोहों में युवाओं को शामिल करने और भारतीय सेना की पहल से जनता को जोड़ने के लिए विशेष आयोजन किए गए।

ऑपरेशन विजय: एक नजर में

ऑपरेशन विजय को कारगिल युद्ध के दौरान शुरू किया गया था, जब पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों ने 1999 में कारगिल की ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लिया था। यह घुसपैठ मई 1999 में सामने आई थी, जब स्थानीय चरवाहों ने भारतीय सेना को असामान्य गतिविधियों की सूचना दी थी। इसके बाद, भारतीय सेना ने कठिन परिस्थितियों में युद्ध लड़कर टाइगर हिल, तोलोलिंग और द्रास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को वापस अपने नियंत्रण में लिया। इस ऑपरेशन में 527 भारतीय सैनिक शहीद हुए, जबकि हजारों घायल हुए। उनकी वीरता ने भारत को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई।

कारगिल विजय दिवस न केवल शहीदों के बलिदान को याद करने का दिन है, बल्कि यह युवाओं को देशभक्ति और साहस की भावना से प्रेरित करने का भी अवसर है। इस वर्ष समारोहों में स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहां छात्रों को कारगिल युद्ध की गाथा और सैनिकों की वीरता के बारे में बताया गया।

एकजुट भारत की भावना

कारगिल विजय दिवस भारत की एकता और सैन्य शक्ति का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि देश की रक्षा के लिए हमारे सैनिक कितने बड़े बलिदान देने को तैयार रहते हैं। शहीदों के परिवारों के प्रति कृतज्ञता और उनके बलिदान को सम्मान देने के लिए देशभर में कई सामाजिक संगठनों ने भी कार्यक्रम आयोजित किए।

ऑपरेशन विजय को कारगिल युद्ध के दौरान शुरू किया गया था, जब पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों ने 1999 में कारगिल की ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लिया था। यह घुसपैठ मई 1999 में सामने आई थी, जब स्थानीय चरवाहों ने भारतीय सेना को असामान्य गतिविधियों की सूचना दी थी। इसके बाद, भारतीय सेना ने कठिन परिस्थितियों में युद्ध लड़कर टाइगर हिल, तोलोलिंग और द्रास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को वापस अपने नियंत्रण में लिया। इस ऑपरेशन में 527 भारतीय सैनिक शहीद हुए, जबकि हजारों घायल हुए। उनकी वीरता ने भारत को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई।

युवाओं के लिए प्रेरणा

कारगिल विजय दिवस न केवल शहीदों के बलिदान को याद करने का दिन है, बल्कि यह युवाओं को देशभक्ति और साहस की भावना से प्रेरित करने का भी अवसर है। इस वर्ष समारोहों में स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहां छात्रों को कारगिल युद्ध की गाथा और सैनिकों की वीरता के बारे में बताया गया।

एकजुट भारत की भावना

कारगिल विजय दिवस भारत की एकता और सैन्य शक्ति का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि देश की रक्षा के लिए हमारे सैनिक कितने बड़े बलिदान देने को तैयार रहते हैं। शहीदों के परिवारों के प्रति कृतज्ञता और उनके बलिदान को सम्मान देने के लिए देशभर में कई सामाजिक संगठनों ने भी कार्यक्रम आयोजित किए।

Yashaswani Journalist at The Khatak .