क्या मैनचेस्टर टेस्ट में खेलेंगे जसप्रीत बुमराह? गंभीर की रणनीति पर टिकी नजरें

जसप्रीत बुमराह का मैनचेस्टर टेस्ट में खेलना अनिश्चित है, क्योंकि वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत वह पांच में से केवल तीन टेस्ट खेलेंगे। गौतम गंभीर की रणनीति और बुमराह की फिटनेस पर सबकी नजरें टिकी हैं।

Jul 19, 2025 - 16:37
क्या मैनचेस्टर टेस्ट में खेलेंगे जसप्रीत बुमराह? गंभीर की रणनीति पर टिकी नजरें

भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का मैनचेस्टर में 23 जुलाई से शुरू होने वाले चौथे टेस्ट में खेलना अभी तक तय नहीं है। इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की इस रोमांचक सीरीज में भारत 1-2 से पीछे चल रहा है, और ऐसे में बुमराह जैसे धाकड़ गेंदबाज की मौजूदगी टीम के लिए बेहद अहम मानी जा रही है। लेकिन, टीम मैनेजमेंट और हेड कोच गौतम गंभीर ने पहले ही साफ कर दिया है कि बुमराह इस सीरीज में केवल तीन टेस्ट खेलेंगे, ताकि उनके वर्कलोड को मैनेज किया जा सके। अब तक बुमराह दो टेस्ट (लीड्स और लॉर्ड्स) खेल चुके हैं, जिसके बाद उनके पास मैनचेस्टर या फिर ओवल टेस्ट में से केवल एक मैच खेलने का मौका है। यह फैसला क्रिकेट प्रशंसकों और विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।

बुमराह का वर्कलोड मैनेजमेंट: जरूरत या रणनीति?

जसप्रीत बुमराह, जिन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में गिना जाता है, ने इस सीरीज में अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया है। लीड्स टेस्ट की पहली पारी में 5 विकेट और लॉर्ड्स टेस्ट में 7 विकेट लेकर उन्होंने दिखाया कि क्यों वह भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की रीढ़ हैं। उनके टेस्ट करियर की बात करें तो 47 टेस्ट में 217 विकेट के साथ उनका औसत 19.48 है, जो 200 से ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में सबसे बेहतर है। लेकिन, 2024 में बुमराह ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा 410.4 ओवर गेंदबाजी की है, जो किसी भी अन्य गेंदबाज से अधिक है। इस भारी कार्यभार को देखते हुए, गौतम गंभीर और टीम मैनेजमेंट ने उनके लिए वर्कलोड मैनेजमेंट को प्राथमिकता दी है।

गंभीर ने सीरीज शुरू होने से पहले ही स्पष्ट किया था कि बुमराह को सभी पांच टेस्ट खेलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उनकी रणनीति थी कि बुमराह को महत्वपूर्ण मैचों के लिए तरोताजा रखा जाए, ताकि वह पूरे दमखम के साथ प्रदर्शन कर सकें। इस रणनीति के तहत, बुमराह को एजबेस्टन टेस्ट में आराम दिया गया था, जहां आकाश दीप और मोहम्मद सिराज ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को 336 रनों से जीत दिलाई। लेकिन, लॉर्ड्स टेस्ट में बुमराह की वापसी के बावजूद भारत को 22 रनों से हार का सामना करना पड़ा। अब, मैनचेस्टर टेस्ट के लिए बुमराह का खेलना अनिश्चित है, और फैसला मैनचेस्टर पहुंचने के बाद ही लिया जाएगा।

मैनचेस्टर टेस्ट: बुमराह खेलेंगे या नहीं?

मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में होने वाला चौथा टेस्ट भारत के लिए करो या मरो का मुकाबला है। सीरीज में 1-2 से पीछे चल रही भारतीय टीम को सीरीज बराबर करने के लिए यह मैच जीतना जरूरी है। ऐसे में, बुमराह जैसे गेंदबाज की मौजूदगी भारत की जीत की संभावनाओं को और मजबूत कर सकती है। सहायक कोच रयान टेन डोशेट ने हाल ही में कहा, "हम मैनचेस्टर में ही यह फैसला लेंगे। हमारे पास आखिरी दो टेस्ट में से एक के लिए बुमराह हैं, और सीरीज जीतने के लिए मैनचेस्टर में उन्हें खिलाने की संभावना है। लेकिन हमें सभी पहलुओं को देखना होगा, जैसे कि वहां कितने दिन का क्रिकेट खेला जाएगा और ओवल टेस्ट के लिए हमारी रणनीति क्या होगी।"

हालांकि, कई दिग्गज क्रिकेटरों ने बुमराह को हर हाल में मैनचेस्टर टेस्ट में खिलाने की सलाह दी है। सुनील गावस्कर, अनिल कुंबले, और दिलीप वेंगसरकर जैसे पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि बुमराह की मौजूदगी भारत की जीत की गारंटी हो सकती है। इसके अलावा, इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर डेविड लॉयड ने भी बुमराह को मैनचेस्टर टेस्ट में खेलने की वकालत की है। दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान एबी डिविलियर्स ने गंभीर की वर्कलोड मैनेजमेंट रणनीति पर सवाल उठाए हैं। डिविलियर्स का कहना है कि टेस्ट क्रिकेट सबसे महत्वपूर्ण प्रारूप है, और बुमराह जैसे गेंदबाज को कम महत्वपूर्ण टी20 और वनडे मैचों में आराम देना चाहिए, न कि टेस्ट सीरीज में।

अगर बुमराह नहीं खेले तो कौन लेगा उनकी जगह?

अगर बुमराह मैनचेस्टर टेस्ट में नहीं खेलते, तो भारतीय टीम के पास अर्शदीप सिंह और प्रसिद्ध कृष्णा के रूप में दो विकल्प हैं। अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने सुझाव दिया है कि बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह को मौका दिया जाना चाहिए। हालांकि, खबरें हैं कि प्रैक्टिस सेशन के दौरान अर्शदीप को चोट लगी है, और उनकी उपलब्धता पर भी सवालिया निशान है। ऐसे में, प्रसिद्ध कृष्णा को मौका मिल सकता है, लेकिन उनकी हालिया फॉर्म कुछ खास नहीं रही है।

गंभीर की कोचिंग पर सवाल

गौतम गंभीर की कोचिंग और उनकी रणनीतियां इस सीरीज में लगातार चर्चा का विषय बनी हुई हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार प्लेइंग इलेवन में बदलाव और बुमराह जैसे प्रमुख खिलाड़ी को आराम देना टीम के आत्मविश्वास को कमजोर कर सकता है। पूर्व कोच रवि शास्त्री ने भी बुमराह के वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर गंभीर की आलोचना की है। इसके अलावा, न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की 0-3 की हार के बाद गंभीर और टीम मैनेजमेंट के बीच मतभेद की खबरें भी सामने आई थीं।

हालांकि, गंभीर ने बुमराह को "दुर्लभ गेंदबाज" बताते हुए कहा है कि उनकी फिटनेस और लंबे करियर को ध्यान में रखते हुए वर्कलोड मैनेजमेंट जरूरी है। गंभीर का मानना है कि बुमराह जैसे खिलाड़ी को महत्वपूर्ण मौकों पर तरोताजा रखना टीम के लिए फायदेमंद होगा।

मैनचेस्टर में भारत का रिकॉर्ड

मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में भारत का टेस्ट रिकॉर्ड ज्यादा अच्छा नहीं रहा है। भारत ने यहां 9 टेस्ट खेले हैं, लेकिन एक भी जीत हासिल नहीं की है। ऐसे में, बुमराह की मौजूदगी भारत के लिए इस मैदान पर इतिहास रचने का मौका हो सकती है। बुमराह की यॉर्कर और सटीक लाइन-लेंथ इंग्लैंड के बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं।

क्रिकेट प्रशंसकों के बीच बुमराह का मैनचेस्टर टेस्ट में खेलना एक बड़ा सवाल बना हुआ है। सोशल मीडिया पर कई फैंस ने अपनी राय रखी है, जिसमें ज्यादातर का मानना है कि बुमराह को इस अहम मुकाबले में जरूर खेलना चाहिए। एक प्रशंसक ने लिखा, "बुमराह के बिना भारत का गेंदबाजी आक्रमण अधूरा है। गंभीर को इस बार रिस्क नहीं लेना चाहिए।" वहीं, कुछ फैंस गंभीर की रणनीति का समर्थन करते हुए कहते हैं कि बुमराह की फिटनेस लंबे समय तक बनाए रखना जरूरी है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .