19 साल की दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, FIDE महिला विश्व कप फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला

19 वर्षीय दिव्या देशमुख FIDE महिला विश्व कप फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं, उन्होंने सेमीफाइनल में तान झोंगयी को हराकर पहला ग्रैंडमास्टर नॉर्म और 2026 कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह हासिल की। थकान के बावजूद, वह अब 26 जुलाई, 2025 को होने वाले फाइनल की तैयारी कर रही हैं।

Jul 24, 2025 - 17:30
19 साल की दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, FIDE महिला विश्व कप फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला

भारतीय शतरंज की उभरती सितारा, 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने इतिहास रचते हुए FIDE महिला विश्व कप 2025 के फाइनल में जगह बना ली है। वह इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। गुरुवार को एक रोमांचक और थकाऊ सेमीफाइनल मुकाबले में दिव्या ने पूर्व विश्व चैंपियन तान झोंगयी को हराकर यह उपलब्धि हासिल की। इस जीत के साथ ही उन्होंने अपना पहला ग्रैंडमास्टर नॉर्म हासिल किया, 2026 महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह पक्की की और 35,000 डॉलर का पुरस्कार भी जीता।

पांच घंटे का रोमांचक मुकाबला

दिव्या और तान के बीच यह मुकाबला पांच घंटे तक चला, जिसमें दोनों खिलाड़ियों ने कई गलतियां कीं, लेकिन आखिरकार दिव्या ने अपनी सूझबूझ और धैर्य से बाजी मारी। 98वीं चाल में उन्होंने एक प्यादे को प्रमोट कर बढ़त हासिल की, और 101वीं चाल में तान को हार माननी पड़ी। इस जीत ने न केवल दिव्या की प्रतिभा को दुनिया के सामने ला दिया, बल्कि भारतीय शतरंज के लिए एक नया अध्याय भी लिखा।

"बस अब खाना और सोना चाहिए"

लंबे और तनावपूर्ण मुकाबले के बाद थकान से चूर दिव्या ने अपनी सादगी से सबका दिल जीत लिया। जब उनसे जीत के बाद की भावनाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने हंसते हुए कहा, "बस अब मुझे खाना चाहिए और सोना चाहिए।" उनकी यह बात न केवल उनकी मेहनत और थकान को दर्शाती है, बल्कि एक युवा खिलाड़ी की ज़मीनी सोच को भी दिखाती है।

कठिन सफर और बड़ी जीत

दिव्या का विश्व कप में यह सफर आसान नहीं रहा। उन्होंने टूर्नामेंट में कई मजबूत खिलाड़ियों को हराया, जिनमें चीन की झू जीनर और भारत की ही अनुभवी खिलाड़ी हरिका द्रोणवल्लि शामिल हैं। दोनों ही मुकाबले टाई-ब्रेक तक गए, जहां दिव्या ने अपनी प्रतिभा और दबाव में बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता का परिचय दिया।

फाइनल में होगा कड़ा मुकाबला

अब फाइनल में दिव्या का सामना कोनेरू हम्पी और लेई तिंगजी के बीच होने वाले सेमीफाइनल की विजेता से होगा। फाइनल मुकाबला 26 जुलाई, 2025 को शुरू होगा, और इसके लिए खिलाड़ियों को एक दिन का आराम भी मिलेगा। यह फाइनल न केवल दिव्या के लिए, बल्कि पूरे भारतीय शतरंज के लिए एक ऐतिहासिक पल होगा।

भारतीय शतरंज का गौरव

दिव्या की इस उपलब्धि ने भारतीय शतरंज को गौरवान्वित किया है। उनकी मेहनत, लगन और सादगी ने न केवल शतरंज प्रेमियों का दिल जीता है, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा भी स्थापित की है। अब सभी की निगाहें फाइनल पर टिकी हैं, जहां दिव्या के पास विश्व कप का खिताब जीतकर इतिहास में अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखने का मौका होगा।

Yashaswani Journalist at The Khatak .