‘मिसाइल मैन’ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर देश ने दी श्रद्धांजलि
भारत ने ‘मिसाइल मैन’ और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। शीर्ष नेताओं ने उनके वैज्ञानिक योगदान, सादगी और राष्ट्र निर्माण में प्रेरणादायी भूमिका को याद किया।

आज, रविवार को भारत अपने प्रिय पूर्व राष्ट्रपति, ‘मिसाइल मैन’ और भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर रहा है। इस अवसर पर देश के प्रमुख नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, उनके वैज्ञानिक योगदान, दूरदर्शी नेतृत्व और राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य कार्यों को स्मरण किया। डॉ. कलाम का जीवन और उनके विचार आज भी देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, “हमारे प्रिय, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि। उन्हें एक प्रेरक दूरदर्शी, उत्कृष्ट वैज्ञानिक, मार्गदर्शक और एक महान देशभक्त के रूप में याद किया जाता है। राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण अनुकरणीय था। उनके विचार भारत के युवाओं को एक विकसित और सशक्त भारत के निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संदेश में कहा, “एक दूरदर्शी नेता और जनता के राष्ट्रपति, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी की पुण्यतिथि पर उन्हें शत-शत नमन। विज्ञान प्रयोगशाला से लेकर राजनीतिक क्षेत्र तक, उनके व्यापक योगदान ने एक नए और उन्नत भारत की नींव रखी है। वे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रकाश स्तंभ बने रहेंगे।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर लिखा, “भारत के पूर्व राष्ट्रपति, ‘मिसाइल मैन’, भारत रत्न, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। सादगी, कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण उनका जीवन समूचे राष्ट्र के लिए एक दिव्य प्रेरणा है। विज्ञान, शिक्षा और नवाचार के क्षेत्र में प्रज्वलित उनके विचार-दीप हम सभी को आलोकित करते रहेंगे।”
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “पूर्व राष्ट्रपति, महान शिक्षाविद्, भारत रत्न से अलंकृत ‘मिसाइल मैन’ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी की पुण्यतिथि पर कोटिशः नमन। विज्ञान, शिक्षा और राष्ट्रनिर्माण के क्षेत्र में आपका योगदान अद्वितीय है। आपने युवाओं को न केवल बड़े सपने देखना सिखाया, बल्कि उन्हें साकार करने की दिशा भी दिखाई।”
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को शिलांग में एक व्याख्यान के दौरान हुआ था। उनके निधन से देश में शोक की लहर दौड़ गई थी, लेकिन उनकी विरासत आज भी जीवित है। एक वैज्ञानिक के रूप में उन्होंने भारत के मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, और एक राष्ट्रपति के रूप में ‘जनता का राष्ट्रपति’ बनकर हर भारतीय के दिल में जगह बनाई। उनकी सादगी, समर्पण और युवाओं को प्रेरित करने की अद्भुत क्षमता आज भी देश को एक उज्जवल भविष्य की ओर प्रेरित करती है।