जेठालाल का जलवा: 45 दिनों में 16 किलो घटाकर दिलीप जोशी ने मचाई धूम!

दिलीप जोशी, यानी जेठालाल, ने 1992 में 45 दिनों में 16 किलो वजन घटाकर सुर्खियां बटोरीं, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल है। उनकी फिटनेस का राज रोजाना 45 मिनट की जॉगिंग थी, जो उन्होंने एक गुजराती फिल्म के लिए की।

Jul 19, 2025 - 14:20
Jul 19, 2025 - 14:21
जेठालाल का जलवा: 45 दिनों में 16 किलो घटाकर दिलीप जोशी ने मचाई धूम!

तारक मेहता का उल्टा चश्मा में जेठालाल के किरदार से घर-घर में मशहूर हुए अभिनेता दिलीप जोशी एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार वजह है उनकी शानदार फिटनेस जर्नी, जिसमें उन्होंने बिना जिम जाए और सख्त डाइट के बिना सिर्फ 45 दिनों में 16 किलो वजन घटाया। 57 साल की उम्र में दिलीप की यह उपलब्धि सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। हाल ही में मुंबई में एक इवेंट में पहुंचे दिलीप जोशी ने अपनी इस ट्रांसफॉर्मेशन पर खुलकर बात की और उनके जवाब ने सबका दिल जीत लिया।

रेड कार्पेट पर छाए जेठालाल

इवेंट में रेड कार्पेट पर पोज देते हुए दिलीप जोशी से फोटोग्राफर्स ने उनकी फिटनेस का राज पूछा। इस पर दिलीप ने हंसते हुए कहा, "अरे, 1992 में किया था भाई, अब पता नहीं किसने सोशल मीडिया पर चला दिया यार!" उनकी इस मजेदार प्रतिक्रिया ने सभी को हंसा दिया। जब फोटोग्राफर्स ने बताया कि उनकी वेट लॉस स्टोरी सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है, तो दिलीप ने हंसते हुए उनका शुक्रिया अदा किया और वेन्यू के अंदर चले गए।

सोशल मीडिया पर फैंस भी जेठालाल की इस फिटनेस जर्नी की जमकर तारीफ कर रहे हैं। एक फैन ने कमेंट किया, "जेठु द ओजी!" तो दूसरे ने लिखा, "वाह, क्या बात है!"

1992 में शुरू हुई थी फिटनेस की जर्नी

दिलीप जोशी ने अपनी इस फिटनेस जर्नी के बारे में 2023 में मशाबल इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में खुलासा किया था। उन्होंने बताया कि यह उपलब्धि उन्होंने 1992 में हासिल की थी, जब वे एक नियमित ऑफिस जॉब कर रहे थे। उस समय दिलीप ने अपनी डेली रूटीन में एक साधारण लेकिन अनुशासित आदत को शामिल किया था - रोजाना 45 मिनट की जॉगिंग।

दिलीप ने बताया, "मैं ऑफिस जाता था, फिर स्विमिंग क्लब में कपड़े बदलकर मरीन ड्राइव से ओबेरॉय होटल तक दौड़ता था, बारिश में भी। फिर वापस लौटता था। पूरी जॉगिंग में मुझे 45 मिनट लगते थे। इस तरह मैंने डेढ़ महीने में 16 किलो वजन कम किया।"

गुजराती फिल्म ने दी प्रेरणा

दिलीप की इस फिटनेस जर्नी के पीछे एक खास प्रेरणा थी। वे 1992 में गुजराती फिल्म 'हुन हूंशी हुंशीलाल' में एक साइंटिस्ट का किरदार निभाने की तैयारी कर रहे थे, जिसके लिए उन्हें टोन्ड फिजिक की जरूरत थी। इस किरदार ने उन्हें अपनी रूटीन में अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। दिलीप की मेहनत और लगन ने न सिर्फ उनकी फिटनेस को नया आयाम दिया, बल्कि उनके फैंस के लिए भी एक मिसाल कायम की।

सादगी और लगन का कमाल

दिलीप जोशी की कहानी हमें सिखाती है कि फिटनेस के लिए महंगे जिम या सख्त डाइट की जरूरत नहीं है। सादगी और नियमितता से भी बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। उनकी यह जर्नी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपनी व्यस्त जिंदगी में फिटनेस के लिए समय निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

जेठालाल के इस फिटनेस मंत्र ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अगर दिल में लगन हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .