सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर उबाल: जोधपुर जेल के बाहर तिरंगा यात्रा, समर्थक ने दी भूख हड़ताल की चेतावनी

जोधपुर सेंट्रल जेल में सोनम वांगचुक की NSA के तहत गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थक विजयपाल ने तिरंगा लहराकर विरोध जताया, पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। लद्दाख में पूर्ण राज्य और 6वीं अनुसूची की मांग को लेकर हिंसा में 4 की मौत, CBI ने वांगचुक की NGO की विदेशी फंडिंग जांच शुरू की।

Sep 27, 2025 - 16:12
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर उबाल: जोधपुर जेल के बाहर तिरंगा यात्रा, समर्थक ने दी भूख हड़ताल की चेतावनी

लद्दाख के प्रमुख पर्यावरण कार्यकर्ता और सामाजिक सुधारक सोनम वांगचुक की NSA के तहत गिरफ्तारी के बाद जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर आज सुबह एक नया विवाद खड़ा हो गया। चूरू जिले के सुजानगढ़ निवासी युवक विजयपाल ने तिरंगा थामे जेल पहुंचकर 'भारत माता की जय' के नारे लगाए और वांगचुक को 'देशभक्त' बताते हुए उनका समर्थन किया। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया, जबकि वह भूख हड़ताल की चेतावनी दे चुका है। यह घटना लद्दाख में जारी अशांति और केंद्र सरकार की कार्रवाई के बीच एक नया मोड़ ले रही है, जहां कर्फ्यू चौथे दिन में प्रवेश कर चुका है।

जेल के बाहर तिरंगा लहराने वाला समर्थक: 'वांगचुक ने ही कारगिल घुसपैठ की सूचना दी'

सुबह सवा दस बजे के करीब विजयपाल साइकिल से सुजानगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंचा और ट्रेन से जोधपुर आ गया। जेल गेट पर तिरंगा फहराते हुए उसने चिल्लाया, "सोनम वांगचुक देशभक्त हैं। लेह-लद्दाख के सभी नागरिक देशभक्त हैं। इन्होंने ही कारगिल की घुसपैठ के बारे में भारतीय सेना को सूचना दी थी।" पुलिस ने तुरंत रातानाडा थाना टीम भेजी और उसे हिरासत में ले लिया। पूछताछ में विजयपाल ने खुद को 'साधारण आदमी' बताया, लेकिन कहा कि अगर डिटेंशन लंबा चला तो वह भूख हड़ताल शुरू कर देगा। थानाधिकारी दिनेश लखावत ने पुष्टि की कि पूछताछ जारी है और कोई अतिरिक्त खतरा नहीं है।

यह घटना वांगचुक के समर्थकों की बढ़ती बेचैनी को दर्शाती है। विजयपाल ने कहा, "मैं पैदल ही उनके साथ चलने को तैयार हूं।" सोशल मीडिया पर #ISupportSonamWangchuk ट्रेंड कर रहा है, जहां कई यूजर्स इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहे हैं।

NSA गिरफ्तारी का बैकग्राउंड: लद्दाख हिंसा से जुड़ी 'उकसावे वाली' स्पीच का आरोप

शुक्रवार रात 8:30 बजे के करीब पुलिस और सेना की गाड़ियां लाल फाटक से जोधपुर सेंट्रल जेल में दाखिल हुईं। औपचारिकताओं के बाद वांगचुक को एक अलग वार्ड में शिफ्ट किया गया। लद्दाख प्रशासन ने आज स्पष्ट किया कि वांगचुक को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया क्योंकि उनकी "उकसावे वाली स्पीच" ने लेह में हिंसा भड़काई, जिसमें 4 लोगों की मौत और 90 से ज्यादा घायल हुए। प्रशासन ने इसे "अरब स्प्रिंग जैसी अराजकता" रोकने का कदम बताया, जबकि वांगचुक के समर्थक इसे राजनीतिक दमन करार दे रहे हैं।

वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और 6वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर 10 सितंबर से भूख हड़ताल पर थे। 24 सितंबर को प्रदर्शन हिंसक हो गए, जब सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। वांगचुक ने कहा था, "अगर सरकार हमारी बातें अनसुनी करती रहेगी तो बदकिस्मती से ऐसा आगे भी हो सकता है।"

CBI जांच और FCRA उल्लंघन: विदेशी फंडिंग का 'पाकिस्तानी कनेक्शन'?

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने वांगचुक की NGO – हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) और स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) – के खिलाफ विदेशी फंडिंग के मामले में छापेमारी शुरू कर दी है। सरकार ने दोनों NGO का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया, आरोप है कि बिना मंजूरी विदेशी चंदा लिया गया। CBI टीमें लद्दाख में डेरा डाले हुए हैं और एक रिपोर्ट में पाकिस्तानी PIO (पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन) से लिंक का जिक्र है।

वांगचुक का पक्ष: "हमारी संस्थाएं विदेशी चंदे पर निर्भर नहीं। हम जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त शिक्षा देते हैं और HIAL में छात्रों को प्रोजेक्ट्स पर स्टाइपेंड मिलता है।" 10 दिन पहले CBI टीम गृह मंत्रालय के आदेश के साथ उनके पास पहुंची थी।

कांग्रेस का तीखा विरोध, DGP का सवाल

कांग्रेस ने गिरफ्तारी की निंदा की, कहा कि "वांगचुक लद्दाख आंदोलन के प्रतीक हैं। उनकी गिरफ्तारी से शांति नहीं लौटेगी।" लद्दाख DGP ने वांगचुक को "सो-कॉल्ड एनवायरनमेंटल एक्टिविस्ट" कहा और उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। सोशल मीडिया पर समर्थन की बाढ़ आ गई है, जहां एक यूजर ने लिखा, "भगत सिंह की जयंती पर सोनम की आवाज पूरे देश में गूंज रही है।" कुछ पोस्ट्स में पुराने बयानों का हवाला देकर उन्हें 'एंटी-नेशनल' बताया जा रहा है।

लद्दाख में कर्फ्यू चौथे दिन जारी है, और प्रशासन ने शिफ्टिंग को "बड़े सार्वजनिक हित" में बताया। वांगचुक की अगली सुनवाई की कोई जानकारी नहीं, लेकिन समर्थक दिल्ली में जंतर-मंतर पर कैंडल मार्च की योजना बना रहे हैं। यह मामला केंद्र-राज्य संबंधों और पर्यावरण आंदोलनों पर नया बहस छेड़ सकता है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .