जयपुर में सेक्सटॉर्शन का खुलासा: प्यार के जाल में उलझाकर लाखों की उगाही, दो महिलाएं गिरफ्तार
जयपुर में सेक्सटॉर्शन रैकेट का पर्दाफाश, दो महिलाएं मीतू पारीक और इंदु वर्मा गिरफ्तार। अमीर लोगों को प्यार के जाल में फंसाकर रेप केस की धमकी से 50 लाख तक की उगाही। पुलिस ने 2.22 लाख नकद बरामद किए, जांच जारी।

राजस्थान की राजधानी जयपुर में चित्रकूट थाना पुलिस ने एक बड़े सेक्सटॉर्शन रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने दो महिलाओं, मीतू पारीक (47) निवासी विद्युत नगर, चित्रकूट और इंदु वर्मा (47) निवासी रामगंज, अजमेर को गिरफ्तार किया है। ये दोनों महिलाएं अमीर लोगों को प्यार के जाल में फंसाकर रेप केस में फंसाने की धमकी देकर मोटी रकम वसूलती थीं।
प्यार के जाल में फंसाकर ब्लैकमेलिंग
पुलिस के अनुसार, मीतू पारीक और इंदु वर्मा धनी व्यक्तियों को टारगेट करती थीं। वे पहले अपनी सहमति से उनके साथ समय बिताती थीं और फिर रेप केस दर्ज करवाने की धमकी देकर 50 लाख रुपए तक की मांग करती थीं। वसूली की रकम को वे किस्तों में लेती थीं और स्टाम्प पेपर पर पेमेंट का पूरा शेड्यूल लिखवाकर पीड़ित को देती थीं।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
डीसीपी (वेस्ट) अमित कुमार ने बताया कि 13 जून को पीड़ित सुनील कुमार (बदला हुआ नाम) ने चित्रकूट थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। सुनील ने बताया कि उनके दोस्तों, महेश कुमार और सुरेश कुमार (बदले हुए नाम), ने 21 मई की रात जयपुर के कूकस स्थित होटल हिल्टन में मीतू और इंदु के साथ समय बिताया था। इसके बाद दोनों महिलाओं ने रेप केस दर्ज करवाने की धमकी देकर 50 लाख रुपए की मांग की। पहली किस्त के रूप में 5 लाख रुपए नकद और 1 लाख रुपए ऑनलाइन दिए गए थे।
16 जून को सुनील को 3 लाख रुपए का चेक देने के लिए वैशाली नगर के कॉफी सूत्रा कैफे में बुलाया गया। पुलिस ने सिविल ड्रेस में अपनी टीम तैनात की और चेक लेते समय दोनों महिलाओं को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। मीतू के पर्स से 2.22 लाख रुपए नकद बरामद किए गए। पूछताछ में मीतू ने बताया कि यह रकम इंदु वर्मा के हिस्से के लिए थी।
मोबाइल से मिली अहम जानकारी
पुलिस ने दोनों महिलाओं के मोबाइल फोन की जांच की, जिसमें चार अन्य व्यक्तियों से ब्लैकमेलिंग की डिटेल्स मिलीं। इनमें कुछ लोगों से पैसे वसूलने, कुछ को धमकाने और नए टारगेट की योजना की बातचीत शामिल थी। पुलिस का मानना है कि पूछताछ में और भी कई खुलासे हो सकते हैं।
स्टाम्प पेपर पर लिखवाती थीं पेमेंट शेड्यूल
पुलिस जांच में सामने आया कि ये महिलाएं पीड़ितों से 50 लाख रुपए की मांग से शुरू करती थीं। इसके बदले वे एक एफिडेविट देती थीं और पीड़ित से स्टाम्प पेपर पर पेमेंट का समयबद्ध शेड्यूल लिखवाती थीं। जैसे ही पीड़ित पेमेंट शुरू करता, वे अगले शिकार को फंसाने की योजना बनाना शुरू कर देती थीं।
पुलिस की सख्ती और भविष्य की कार्रवाई
डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि इस रैकेट में अन्य लोगों के शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। पुलिस इस मामले में गहन जांच कर रही है और अन्य संभावित पीड़ितों से संपर्क करने की कोशिश कर रही है। साथ ही, जनता से अपील की गई है कि वे इस तरह के हनीट्रैप और ब्लैकमेलिंग के जाल में न फंसें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।