मोदी के आने से पहले बांसवाड़ा में हंगामा, न्यूक्लियर प्लांट के खिलाफ सांसद रोत ने उठाई आवाज
बांसवाड़ा में पीएम मोदी के दौरे से पहले सांसद राजकुमार रोत ने माही न्यूक्लियर पावर प्लांट के विरोध में प्रदर्शन किया और जिला कलेक्टर को 30 सूत्री ज्ञापन सौंपा। उन्होंने प्रभावित आदिवासी परिवारों के लिए उचित मुआवजा, पुनर्वास और रोजगार की मांग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 25 सितंबर को प्रस्तावित बांसवाड़ा दौरे से पहले, स्थानीय सांसद राजकुमार रोत ने माही न्यूक्लियर पावर प्लांट के विरोध में मंगलवार को जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। रोत और उनके समर्थकों ने परियोजना से प्रभावित आदिवासी समुदाय के लिए उचित मुआवजा, पुनर्वास, और रोजगार की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को 30 सूत्री ज्ञापन सौंपा। सांसद ने चेतावनी दी कि जब तक प्रभावित लोगों की मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन और तेज होगा।
न्यूक्लियर पावर प्लांट पर विवाद
बांसवाड़ा के छोटी सरवन क्षेत्र में प्रस्तावित माही-बांसवाड़ा न्यूक्लियर पावर प्लांट का शिलान्यास पीएम मोदी 25 सितंबर को करेंगे। यह परियोजना 42,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रही है और 2800 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता रखती है, जो राजस्थान की 20% बिजली जरूरतों को पूरा करेगी। हालांकि, स्थानीय आदिवासी समुदाय और सांसद राजकुमार रोत इस परियोजना को क्षेत्र के लिए विनाशकारी बता रहे हैं। रोत ने लोकसभा में भी इस मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि यह परियोजना पर्यावरण और स्थानीय लोगों के लिए खतरा है, और इससे प्रभावित छह गांवों के सैकड़ों परिवारों को उचित मुआवजा और पुनर्वास नहीं मिला है।
प्रदर्शन और ज्ञापन की मुख्य मांगें
मंगलवार को भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के सांसद राजकुमार रोत के नेतृत्व में सैकड़ों समर्थक जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने न्यूक्लियर पावर प्लांट के कारण विस्थापित परिवारों के लिए निम्नलिखित मांगें उठाईं:
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उचित मुआवजा: प्रभावित किसानों को उनकी जमीन के लिए बाजार मूल्य से अधिक मुआवजा दिया जाए।
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पुनर्वास और रोजगार: विस्थापित परिवारों के लिए स्थायी आवास और रोजगार की गारंटी।
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पर्यावरण संरक्षण: परियोजना के पर्यावरणीय प्रभावों की स्वतंत्र जांच।
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आदिवासी अधिकार: आदिवासी समुदाय के हक और जमीन की रक्षा।
रोत ने कहा, "सरकार आदिवासियों की जमीन छीनकर परियोजना थोप रही है, लेकिन प्रभावित लोगों को न तो मुआवजा मिला है और न ही पुनर्वास। हमारी मांगें पूरी होने तक यह आंदोलन जारी रहेगा।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन और एनपीसीआईएल (न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) तानाशाही रवैया अपना रहे हैं, जिसके तहत विरोध करने वाले 40 लोगों, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं, को गिरफ्तार किया गया है।
पीएम के दौरे पर सियासी घमासान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा बांसवाड़ा में विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दौरान पीएम न केवल न्यूक्लियर पावर प्लांट का शिलान्यास करेंगे, बल्कि एक आम सभा को भी संबोधित करेंगे। साथ ही, वे आदिवासी अंचल के प्रसिद्ध शक्ति धाम मां त्रिपुरा के दर्शन भी कर सकते हैं।
हालांकि, सांसद रोत के प्रदर्शन ने दौरे से पहले सियासी माहौल को गरमा दिया है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने रोत के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रभावित लोगों को बाजार मूल्य से अधिक मुआवजा दिया गया है और स्थानीय लोग विकास की उम्मीद कर रहे हैं। राठौड़ ने रोत पर समाज को बांटने का आरोप लगाते हुए कहा, "राजनीति चमकाने के लिए समाज में दरार डालने की कोशिश ठीक नहीं है।"
प्रशासन की तैयारियां और सुरक्षा व्यवस्था
पीएम के दौरे को लेकर प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। उदयपुर संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी और आईजी गौरव श्रीवास्तव ने बांसवाड़ा का दौरा कर सभा स्थल और न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट परिसर का जायजा लिया। बारिश की संभावना को देखते हुए वाटरप्रूफ डोम की व्यवस्था की जा रही है, जिसमें एक लाख लोग बैठ सकें।