गर्ल्स स्कूल में छत ढही, बाल-बाल बचीं छात्राएं ,भारी बारिश के बाद हुआ हादसा, प्रशासन ने शुरू की जांच

गर्ल्स स्कूल में जर्जर कमरे की छत ढहने से हादसा, पास में टेस्ट दे रही छात्राएं बाल-बाल बचीं। प्रशासन ने छात्राओं को बॉयज स्कूल में शिफ्ट करने के निर्देश दिए।

Aug 19, 2025 - 18:01
गर्ल्स स्कूल में छत ढही, बाल-बाल बचीं छात्राएं ,भारी बारिश के बाद हुआ हादसा, प्रशासन ने शुरू की जांच

राजस्थान के टोंक जिले के उनियारा उपखंड के ककोड़ गांव में मंगलवार सुबह एक बड़ा हादसा टल गया। राजकीय गर्ल्स सीनियर सैकंडरी स्कूल में करीब चार साल से बंद पड़े एक कमरे की छत अचानक धमाके के साथ ढह गई। इस दौरान पास ही बरामदे में कक्षा 9 की 20-25 छात्राएं टेस्ट दे रही थीं, जहां छत के मलबे के कंकड़ उछलकर पहुंचे। गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन स्कूल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

चार साल से बंद था कमरा, बारिश ने बिगाड़ी स्थिति

जानकारी के मुताबिक, सोमवार शाम से रात तक ककोड़ और आसपास के क्षेत्र में तेज बारिश हुई थी। बारिश के कारण स्कूल भवन में नमी बढ़ गई, जिसके चलते मंगलवार सुबह करीब 9:10 बजे पुराना और जर्जर कमरा अचानक भरभराकर ढह गया। स्कूल की प्रिंसिपल रतन कंवर ने बताया कि इस कमरे को चार साल से तालाबंद रखा गया था, क्योंकि यह पहले से ही जर्जर हालत में था। उन्होंने कहा, “हमने स्कूल भवन की स्थिति के बारे में उच्च अधिकारियों को कई बार अवगत कराया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।”

हादसे की आवाज इतनी तेज थी कि स्कूल में मौजूद छात्राएं और स्टाफ डर के मारे इधर-उधर भागने लगे। पास ही बरामदे में टेस्ट दे रही कक्षा 9 की छात्राएं बाल-बाल बच गईं। छात्रा टीया गौतम ने बताया, “हम टेस्ट दे रहे थे, तभी जोरदार आवाज आई। छत के टुकड़े और कंकड़ हमारे पास तक आए। हम बहुत डर गए थे। बारिश के दिनों में तो स्कूल की छतें टपकती रहती हैं, जिससे पढ़ाई में भी दिक्कत होती है।”

प्रशासन का त्वरित एक्शन, छात्राओं को बॉयज स्कूल में शिफ्ट करने के निर्देश

हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन हरकत में आ गया। करीब 40-50 मिनट बाद टोंक से जिला मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (सीबीईओ) सुनीता करनानी मौके पर पहुंचीं और स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद सुबह 10:43 बजे उनियारा के एसडीएम शत्रुघ्न सिंह गुर्जर और उनियारा सीबीईओ मीना लसारिया भी स्कूल पहुंचे। एसडीएम ने तत्काल प्रभाव से गर्ल्स स्कूल की सभी 125 छात्राओं को कस्बे के ही राजकीय बॉयज सीनियर सैकंडरी स्कूल में शिफ्ट करने के निर्देश दिए।

एसडीएम शत्रुघ्न गुर्जर ने कहा, “जिला प्रशासन स्कूलों की जर्जर स्थिति को लेकर पहले से सतर्क है। जहां भी जर्जर कक्ष हैं, उन्हें खाली कर तालाबंदी करने और विद्यार्थियों व स्टाफ को वहां न जाने की चेतावनी दी गई है। इस मामले में तुरंत कार्रवाई की गई है और छात्राओं की सुरक्षा के लिए उन्हें दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया जा रहा है।”

स्कूल भवन की हालत चिंताजनक

स्कूल में कुल 17 कक्षा कक्ष हैं, जिनमें से 15 जर्जर हालत में हैं। बारिश के मौसम में अधिकांश कमरों की छतें टपकती हैं, जिससे पढ़ाई का माहौल प्रभावित होता है। सीबीईओ सुशीला करनानी ने बताया, “यह स्कूल भवन बहुत पुराना और खस्ताहाल है। शाला प्रबंधन समिति को चाहिए था कि वह जर्जर कक्ष को ध्वस्त करने का प्रस्ताव देती, लेकिन चार साल से कमरे पर ताला लगाकर कोई कार्रवाई नहीं की गई।”

हादसे के बाद स्थानीय पुलिस, अभिभावक और ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे। सभी ने राहत की सांस ली कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन और जिला प्रशासन से भवन की मरम्मत या नए भवन के निर्माण की मांग की है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .