जेल में बंद गैंगस्टर के इशारे पर ट्रांसपोर्ट कारोबारी को धमकी: 2 साल से जान-पहचान, ड्राइवरों को निशाना बनाकर साजिश रची; पुलिस ने आरोपियों को 8 दिनों का रिमांड लिया
सीकर में ट्रांसपोर्ट कारोबारी श्याम सुंदर को जेल में बंद गैंगस्टर के इशारे पर 2 साल से जानने वाले दो आरोपियों ने ड्राइवरों के जरिए धमकी दी। पुलिस ने सुरेंद्र बांगड़वा और हेमंत शर्मा को गिरफ्तार कर कुल 8 दिन का रिमांड ले लिया है।
सीकर (राजस्थान), 27 नवंबर 2025: सीकर जिले के सदर थाना इलाके में ट्रांसपोर्ट कारोबारी को जेल में बंद एक गैंगस्टर के इशारे पर धमकी देने के मामले ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है। सदर थाना पुलिस ने इस सनसनीखेज साजिश के दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर अब तक कुल 8 दिनों का रिमांड ले लिया है। आरोपी जेल के अंदर से सक्रिय गैंगस्टर के संपर्क में थे और उन्होंने ट्रांसपोर्ट व्यवसायी के ड्राइवरों को ही निशाना बनाकर धमकी दी, ताकि कारोबारी पर दबाव बन सके। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपी पीड़ित को करीब दो साल से जानते थे, जिसका फायदा उठाकर उन्होंने यह कदम उठाया।
घटना का पूरा विवरण; सदर थाना इलाके के सेवद बड़ी गांव में रहने वाले ट्रांसपोर्ट कारोबारी श्याम सुंदर यादव पिछले कुछ समय से लगातार धमकियों का शिकार हो रहे थे। श्याम सुंदर का ट्रांसपोर्ट व्यवसाय सीकर और आसपास के जिलों में फैला हुआ है, जिसमें दर्जनों ट्रक और ड्राइवर कार्यरत हैं। धमकियों की शुरुआत लगभग दो महीने पहले हुई, जब श्याम सुंदर के ड्राइवरों को फोन पर अज्ञात नंबरों से धमकी भरे कॉल आने लगे। इन कॉलों में साफ कहा गया था कि "तुम्हारा मालिक (श्याम सुंदर) जेल में बंद हमारे भाई (गैंगस्टर) का पैसा चुकाए, वरना परिणाम भुगतेगा।" धमकियों में ट्रकों को आग लगाने, ड्राइवरों को नुकसान पहुंचाने और यहां तक कि श्याम सुंदर के परिवार को खतरे की बात कही गई।पीड़ित श्याम सुंदर ने बताया, "ये धमकियां मेरे ड्राइवरों को दी जा रही थीं, क्योंकि आरोपी जानते थे कि इससे सीधा असर मुझ पर पड़ेगा। मैंने शुरू में इसे नजरअंदाज किया, लेकिन जब धमकियां बढ़ गईं तो डर लगा। जेल में बंद गैंगस्टर का नाम लेते हुए पैसे मांगे जा रहे थे, जो मैंने कभी नहीं लिए।" श्याम सुंदर ने सदर थाना पुलिस में 15 नवंबर को मुकदमा दर्ज करवाया, जिसमें धमकी देने, उगाही और आपराधिक धमकी के तहत धाराएं 387, 506 और 34 आईपीसी जोड़ी गईं।
आरोपियों की गिरफ्तारी और जेल कनेक्शन का खुलासा पुलिस ने शिकायत मिलते ही जांच शुरू की। तकनीकी निगरानी (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) और मुखबिरों की मदद से दो मुख्य आरोपी सुरेंद्र बांगड़वा (उम्र 32 वर्ष, निवासी: सीकर शहर) और हेमंत शर्मा (उम्र 28 वर्ष, निवासी: लक्ष्मणगढ़) की पहचान हुई। दोनों आरोपी जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर "मुख्तार सिंह गैंग" के छोटे-मोटे सदस्य हैं। पूछताछ में सामने आया कि सुरेंद्र और हेमंत श्याम सुंदर को करीब दो साल से जानते थे। वे ट्रांसपोर्ट सर्कल में घूमते-फिरते थे और श्याम सुंदर के ड्राइवरों से दोस्ती का नाटक कर जानकारी इकट्ठा करते रहते थे।जेल में बंद गैंगस्टर ने दोनों को फोन के जरिए इशारे दिए थे कि "ट्रांसपोर्ट वाले से पुराना हिसाब चुकवाओ।" गैंगस्टर का दावा था कि श्याम सुंदर ने उसके गैंग से लोन लिया था, जो चुकाया नहीं गया। हकीकत में यह पुरानी दुश्मनी का मामला था, जो दो साल पुरानी एक सड़क दुर्घटना से जुड़ा था। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने ड्राइवरों को निशाना बनाया, क्योंकि ट्रक ड्राइवर आसानी से डर जाते हैं और बात मालिक तक पहुंचा देते हैं। एक ड्राइवर ने पुलिस को बताया, "मुझे रात के समय फोन आया, जिसमें कहा गया कि ट्रक रोक दो वरना जान से मार देंगे। मैंने तुरंत मालिक को बताया।"सदर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर ने बताया, "आरोपियों ने कबूल किया है कि वे जेल के अंदर से गैंगस्टर के इशारों पर काम कर रहे थे। हम उनके फोन रिकॉर्ड और व्हाट्सएप चैट्स की जांच कर रहे हैं। गैंगस्टर की पहचान हो चुकी है, जो सीकर सेंट्रल जेल में बंद है। मामले में और गिरफ्तारियां संभव हैं।"
रिमांड और पुलिस कार्रवाई 23 नवंबर को सदर थाना पुलिस ने दोनों आरोपियों को सीकर शहर के एक होटल से गिरफ्तार किया। कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें शुरुआती 3 दिनों का रिमांड मिला। रिमांड के दौरान ही जेल कनेक्शन और ड्राइवरों को निशाना बनाने की साजिश का खुलासा हुआ। बुधवार (26 नवंबर) को दोबारा कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस ने अतिरिक्त सबूत पेश कर 5 दिनों का और रिमांड हासिल किया। अब सुरेंद्र बांगड़वा और हेमंत शर्मा 1 दिसंबर तक रिमांड पर हैं। इस दौरान पुलिस उनके बैंक खातों, संपत्तियों और गैंग कनेक्शन्स की छानबीन कर रही है।पुलिस ने पीड़ित श्याम सुंदर को सुरक्षा प्रदान की है और सभी ड्राइवरों को सतर्क रहने की हिदायत दी है। एसपी सीकर ने कहा, "ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को ऐसी धमकियों से बचाने के लिए विशेष निगरानी बढ़ा दी गई है। जेलों से होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए जेल प्रशासन के साथ समन्वय किया जा रहा है।"