राजस्थान में जल रहा रेगिस्तान: 46 डिग्री की तपन में जिंदगी की जंग, रेड अलर्ट जारी"
राजस्थान में अप्रैल की शुरुआत के साथ ही भीषण गर्मी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। बाड़मेर, जैसलमेर, बालोतरा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और शाहपुरा में अगले 24 घंटों में तापमान 46 डिग्री तक पहुंच सकता है। बाड़मेर में 56 साल का रिकॉर्ड टूटने के बाद रेड अलर्ट जारी किया गया है। गर्म हवाओं और अति ऊष्ण लहर ने जनजीवन को ठप कर दिया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने और धूप से बचने की सलाह दी है।

जयपुर ,8 अप्रैल 2025: राजस्थान में अप्रैल की शुरुआत के साथ ही गर्मी ने अपने तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग, राजस्थान ने चेतावनी जारी की है कि अगले 24 घंटों में बालोतरा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर और शाहपुरा सहित कई इलाकों में अति ऊष्ण लहर (Severe Heatwave) चलने की प्रबल संभावना है। मौसम विभाग के ताजा बुलेटिन के अनुसार, इन क्षेत्रों में तापमान 44 से 46 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है, जो सामान्य से 6-8 डिग्री अधिक है।
#### बाड़मेर में टूटा 56 साल का रिकॉर्ड
पश्चिमी राजस्थान का बाड़मेर जिला इस समय गर्मी की सबसे ज्यादा मार झेल रहा है। बीते रविवार को बाड़मेर का अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछले 56 सालों में अप्रैल के पहले सप्ताह का सबसे ऊंचा तापमान है। इससे पहले 1969 में बाड़मेर में 45.8 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया था। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले 24 घंटों में स्थिति और गंभीर हो सकती है, जिसके चलते बाड़मेर के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
#### प्रभावित क्षेत्रों में अलर्ट
आपदा प्रबंधन विभाग ने बालोतरा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर और शाहपुरा के नागरिकों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। इन क्षेत्रों में अति ऊष्ण लहर के साथ-साथ गर्म हवाएं भी चलने की आशंका है। इसके अलावा, जैसलमेर में तापमान 45 डिग्री, चित्तौड़गढ़ में 43.2 डिग्री और भीलवाड़ा में 41.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि राज्य के अन्य हिस्सों में येलो अलर्ट लागू है।
#### आम जनजीवन पर असर
भीषण गर्मी के कारण इन क्षेत्रों में आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। बाड़मेर और जैसलमेर जैसे रेगिस्तानी इलाकों में लोग दिन के समय घरों से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं। बाजारों में सन्नाटा पसरा है और मजदूरों को काम करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि गर्म हवाओं के कारण सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है।
#### विभाग की ओर से सलाह
आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग ने लोगों को गर्मी से बचने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
- **धूप से बचाव**: दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच घर से बाहर न निकलें।
- **हाइड्रेशन**: दिनभर में खूब पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें।
- **कपड़े**: हल्के रंग के ढीले और सूती कपड़े पहनें।
- **खास ध्यान**: बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों की विशेष देखभाल करें।
विभाग ने यह भी कहा कि हीट स्ट्रोक या गर्मी से संबंधित किसी भी स्वास्थ्य समस्या होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
#### मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम केंद्र, जयपुर के अनुसार, अगले 24 घंटों तक राज्य में कोई बड़ा मौसमी बदलाव नहीं होगा। पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति के कारण मौसम शुष्क बना रहेगा, जिससे तापमान में और बढ़ोतरी हो सकती है। बाड़मेर, जैसलमेर और चित्तौड़गढ़ जैसे जिलों में अति ऊष्ण लहर की स्थिति बनी रहेगी, जबकि बालोतरा और शाहपुरा में भी गर्मी का असर तीव्र होगा।
#### प्रशासन की तैयारी
स्थानीय प्रशासन ने गर्मी से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। बाड़मेर और जैसलमेर में सार्वजनिक स्थानों पर पानी के टैंकर और छायादार स्थानों की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, अस्पतालों को हीट स्ट्रोक के मरीजों के इलाज के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने नागरिक सुरक्षा दलों को भी अलर्ट पर रखा है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
#### निष्कर्ष
राजस्थान में अप्रैल की शुरुआत में ही गर्मी का यह रिकॉर्ड तोड़ प्रकोप चिंता का विषय बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम के पैटर्न में बदलाव देखने को मिल रहा है। अगले 24 घंटों में बालोतरा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर और शाहपुरा के निवासियों को सतर्क रहने की जरूरत है। प्रशासन और नागरिकों के बीच समन्वय से ही इस संकट से पार पाया जा सकता है।