राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गेहूं उठाव संकट: भंडारण की कमी और बारिश का खतरा

राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गेहूं उठाव संकट गहराया, एफसीआई गोदामों में भंडारण की कमी और जून-जुलाई का एक साथ आवंटन से जयपुर सहित राज्य में समस्या। जयपुर में 29,311 मीट्रिक टन में से 11,000 मीट्रिक टन 15 जून तक उठाना चुनौती, राशन डीलर्स के पास भंडारण की कमी।

Jun 8, 2025 - 13:30
राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गेहूं उठाव संकट: भंडारण की कमी और बारिश का खतरा

राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गेहूं का उठाव एक बड़े संकट का रूप ले चुका है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों में भंडारण क्षमता की कमी और राज्य सरकार द्वारा जून-जुलाई के लिए गेहूं का एक साथ आवंटन किए जाने से स्थिति जटिल हो गई है। जयपुर सहित पूरे राज्य में राशन डीलर्स और रसद विभाग के सामने गंभीर चुनौतियां खड़ी हैं।

जयपुर में गेहूं उठाव की स्थिति

जयपुर जिले को जून और जुलाई के लिए कुल 29,311 मीट्रिक टन गेहूं आवंटित किया गया है।

  • जून माह: 14,828 मीट्रिक टन में से 13,264 मीट्रिक टन गेहूं का उठाव हो चुका है।

  • जुलाई माह: 14,483 मीट्रिक टन में से केवल 2,852 मीट्रिक टन गेहूं ही उठाया गया है।

  • शेष गेहूं: 11,000 मीट्रिक टन गेहूं का उठाव 15 जून तक करना अनिवार्य है, जिसे रसद विभाग के अधिकारी "व्यावहारिक रूप से अत्यंत कठिन" मान रहे हैं।

राशन डीलर्स की मुश्किलें

राशन डीलर्स आमतौर पर किराए की छोटी दुकानों या गोदामों में गेहूं का भंडारण करते हैं। दो माह का गेहूं एक साथ आवंटित होने से भंडारण की समस्या गहरा गई है। डीलर्स का कहना है कि आगामी बारिश के मौसम में गेहूं को सुरक्षित रखना एक बड़ा सिरदर्द बन सकता है। कई डीलर्स के पास अतिरिक्त गोदाम की सुविधा नहीं है, जिससे गेहूं की गुणवत्ता पर भी असर पड़ सकता है।

एफसीआई गोदामों में जगह की कमी

भारतीय खाद्य निगम के गोदाम भी पूरी तरह भरे हुए हैं। भंडारण की कमी के कारण एफसीआई पर गेहूं को शीघ्र उठाने का दबाव बढ़ गया है। राज्य भर में अब तक केवल 23% गेहूं का ही उठाव हो सका है।

  • कुल आवंटन: 2,09,289 मीट्रिक टन

  • अब तक उठाव: 46,888 मीट्रिक टन

  • शेष उठाव: 1,62,401 मीट्रिक टन, जिसे अगले 7 दिनों में पूरा करना है।

रसद विभाग की चुनौतियां

रसद विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इतने कम समय में इतनी बड़ी मात्रा में गेहूं का उठाव और वितरण करना लगभग असंभव है। विभाग के सामने न केवल भंडारण की समस्या है, बल्कि परिवहन और वितरण की व्यवस्था भी एक बड़ी चुनौती है।

संभावित प्रभाव

  • गेहूं की गुणवत्ता पर खतरा: बारिश के मौसम में खुले में रखा गेहूं खराब हो सकता है, जिससे खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को गुणवत्तापूर्ण अनाज नहीं मिलेगा।

  • वितरण में देरी: भंडारण और परिवहन की कमी के कारण राशन वितरण में देरी हो सकती है, जिसका असर गरीब और जरूरतमंद परिवारों पर पड़ेगा।

  • आर्थिक नुकसान: गेहूं खराब होने की स्थिति में सरकार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

सरकार से अपील

राशन डीलर्स और स्थानीय संगठनों ने सरकार से मांग की है कि गेहूं के आवंटन और उठाव की प्रक्रिया को और व्यवस्थित किया जाए। साथ ही, अतिरिक्त भंडारण सुविधाओं और परिवहन के लिए संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।

राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गेहूं का उठाव और वितरण एक गंभीर समस्या बन चुका है। यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो यह संकट न केवल योजना के उद्देश्यों को प्रभावित करेगा, बल्कि लाखों लाभार्थियों के लिए खाद्य सुरक्षा को भी खतरे में डाल सकता है। सरकार और संबंधित विभागों को इस दिशा में त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .