पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह की 93वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि: "राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पण को सलाम"
पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की 93वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी, उनके आर्थिक सुधारों और राष्ट्र सेवा को याद किया। कांग्रेस और अन्य नेताओं ने भी उनकी सादगी और योगदान को सराहा।

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह की 93वीं जयंती पर आज पूरे देश ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें राष्ट्र सेवा का प्रतीक बताया। डॉ. सिंह, जिन्हें भारत के आर्थिक उदारीकरण का शिल्पकार माना जाता है, ने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में देश की अर्थव्यवस्था और विकास को नई दिशा दी।
पीएम मोदी ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट साझा कर डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, "पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। हम उनके लंबे सार्वजनिक जीवन के दौरान देश के प्रति उनके योगदान को याद करते हैं।" पीएम मोदी ने डॉ. सिंह की सादगी, ईमानदारी और राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण की प्रशंसा की।
कांग्रेस और खड़गे ने भी किया याद
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें भारत के आर्थिक परिवर्तन का वास्तुकार बताया। खड़गे ने 'एक्स' पर लिखा, "डॉ. मनमोहन सिंह विनम्रता और बुद्धिमत्ता के प्रतीक थे। उनके आर्थिक सुधारों ने भारत को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाई और लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।" कांग्रेस ने भी अपने आधिकारिक हैंडल से डॉ. सिंह की समावेशी विकास और राजनीतिक शुचिता की विरासत को सम्मानित किया।
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन और योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के गाह गांव (अब पाकिस्तान के चकवाल जिले) में हुआ था। उन्होंने एक प्रख्यात अर्थशास्त्री के रूप में अपनी पहचान बनाई और 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे। इसके बाद, 1991 से 1996 तक पी.वी. नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने भारत के आर्थिक उदारीकरण की नींव रखी। इस दौरान उनके नेतृत्व में लागू किए गए सुधारों ने भारत को आर्थिक संकट से उबारा और वैश्विक मंच पर एक मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया।
डॉ. सिंह 2004 से 2014 तक भारत के 13वें प्रधानमंत्री रहे। उनके कार्यकाल में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) और सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए गए, जिन्होंने ग्रामीण रोजगार और सरकारी पारदर्शिता को बढ़ावा दिया। उनकी नीतियों ने भारत में मध्यम वर्ग के विकास और गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एक शांत और विद्वान नेता की विरासत
डॉ. मनमोहन सिंह का व्यक्तित्व उनकी सादगी, शालीनता और विद्वता के लिए जाना जाता था। उन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार बनाए रखा। उनके निधन (26 दिसंबर 2024) के बाद भी उनकी विरासत को देशभर में सम्मान के साथ याद किया जाता है। पीएम मोदी ने अपने एक वीडियो संदेश में कहा था, "डॉ. सिंह का जीवन सादगी और ईमानदारी का प्रतीक था। उन्होंने 1991 के आर्थिक संकट के दौरान देश को नई दिशा दी।"
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "उनके योगदान को देश हमेशा याद रखेगा।" डॉ. सिंह लगभग 33 वर्षों तक राज्यसभा सांसद रहे और उन्होंने भारतीय राजनीति में शालीनता और परिपक्वता का उदाहरण प्रस्तुत किया।
आर्थिक सुधारों का शिल्पकार
1991 में वित्त मंत्री के रूप में डॉ. सिंह ने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (LPG) की नीतियों को लागू कर भारत को आर्थिक संकट से बाहर निकाला। उनकी नीतियों ने न केवल भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया, बल्कि वैश्विक मंच पर देश की साख को भी बढ़ाया। उनके नेतृत्व में शुरू किए गए सुधारों ने भारत को एक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
देशभर से श्रद्धांजलि
डॉ. मनमोहन सिंह की जयंती पर देशभर के नेताओं, अर्थशास्त्रियों और आम नागरिकों ने उन्हें याद किया। सोशल मीडिया पर #ManmohanSinghJayanti ट्रेंड करते हुए लोगों ने उनके योगदान को सराहा। एक यूजर ने लिखा, "डॉ. सिंह ने भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का मार्ग प्रशस्त किया। उनकी सादगी और समर्पण हमेशा प्रेरणा देगा।"