कायसन फार्मा पर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई: सभी 19 दवाओं पर पूर्ण प्रतिबंध, 2 साल से छोटे बच्चों को न दें कोई दवा; COPD सप्लाई पर सख्त कंट्रोल
राजस्थान में कफ सिरप से जुड़े विवाद ने अब पूरे देश का ध्यान खींच लिया है। जयपुर स्थित कायसन फार्मा कंपनी की दवाओं पर स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा एक्शन लेते हुए सभी 19 प्रकार की दवाओं की सप्लाई पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। यह कदम बच्चों की मौतों के मामलों के बाद उठाया गया, जहां जांच में कंपनी के सिरप को जिम्मेदार पाया गया।
प्रतिबंध के प्रमुख बिंदु
बच्चों के लिए सख्ती: सरकार ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि 2 साल से छोटे बच्चों को कायसन की किसी भी दवा को न दिया जाए। यह चेतावनी सभी डॉक्टरों, फार्मासिस्टों और माता-पिता के लिए अनिवार्य है।
COPD दवाओं पर नियंत्रण: क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की खरीद, बिक्री और सप्लाई पर अब सख्त निगरानी रखी जाएगी। कोई भी स्टॉक बिना विभागीय अनुमति के नहीं बेचा जा सकेगा।
कुल 19 दवाएं प्रभावित: डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड जैसे कफ सिरप सहित कंपनी की सभी दवाओं पर बैन है, जिसमें 22 बैच शामिल हैं।
पृष्ठभूमि: सिरप से मौतों का सिलसिला
यह विवाद तब शुरू हुआ जब राजस्थान और मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीने से कई मासूम बच्चों की मौत हो गई। जांच में पाया गया कि कायसन फार्मा के सिरप में खतरनाक तत्व थे, जो किडनी इंफेक्शन का कारण बने। 2023 में भी कंपनी की एक दवा पर सवाल उठे थे, लेकिन अब पूरा बैन लग गया है। कंपनी के मालिक फैक्ट्री और घर से गायब बताए जा रहे हैं, जिससे जांच में बाधा आ रही है।
आगे की कार्रवाई और प्रभाव
स्वास्थ्य विभाग ने सभी ड्रग इंस्पेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि बाजार में बची दवाओं को जब्त किया जाए। डॉक्टरों को वैकल्पिक दवाओं की सलाह देने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। इस प्रतिबंध से दवा बाजार पर असर पड़ेगा, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां ये सस्ती दवाएं आम थीं। सरकार ने अन्य कंपनियों से भी गुणवत्ता जांच के आदेश दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।