राहुल गांधी का दावा: "भारत का चुनावी सिस्टम मर चुका,2024 लोकसभा चुनाव में धांधली, 15-20 सीटें न छीनी गईं तो मोदी न होते PM"

राहुल गांधी ने 2024 लोकसभा चुनाव में धांधली का सनसनीखेज आरोप लगाया, दावा किया कि 15-20 सीटों की हेराफेरी ने नरेंद्र मोदी को PM बनाया। उनके पास "एटम बम" जैसे सबूत हैं, जो साबित करते हैं कि वोटर लिस्ट में 1.5 लाख फर्जी वोट शामिल थे। राहुल ने चुनाव आयोग को "मृत" बताते हुए कानूनी और राजनीतिक लड़ाई का ऐलान किया।

Aug 2, 2025 - 14:05
राहुल गांधी का दावा: "भारत का चुनावी सिस्टम मर चुका,2024 लोकसभा चुनाव में धांधली, 15-20 सीटें न छीनी गईं तो मोदी न होते PM"

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर रहा और 'वोट चोरी' में शामिल है। दिल्ली में आयोजित कांग्रेस के विधि विभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए राहुल ने कहा कि उनके पास ऐसे पुख्ता सबूत हैं, जो "एटम बम" की तरह हैं और इनके सामने आने पर चुनाव आयोग की साख दांव पर लग जाएगी।

लोकसभा चुनाव 2024 में धांधली का दावा

लोकसभा चुनाव 2024 में धांधली का दावाराहुल गांधी ने कहा, "2024 का लोकसभा चुनाव गड़बड़ी से भरा था। हमारे पास अब इसके दस्तावेजी सबूत और डेटा मौजूद हैं।" उन्होंने एक लोकसभा सीट का उदाहरण देते हुए बताया कि उस सीट की वोटर लिस्ट में 6.5 लाख मतदाता थे, जिनमें से 1.5 लाख फर्जी पाए गए। उनका कहना है कि यह कोई इक्का-दुक्का मामला नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। राहुल ने दावा किया कि अगर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 15-20 सीटें कम मिली होतीं, तो नरेंद्र मोदी आज प्रधानमंत्री न होते।

चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल

राहुल ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, "भारत का चुनावी सिस्टम मर चुका है।" उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग अब स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर रहा और बीजेपी के इशारों पर चल रहा है। राहुल ने कहा कि उनकी पार्टी के पास ऐसे ठोस सबूत हैं, जो साबित करते हैं कि आयोग ने वोटर लिस्ट में हेरफेर कर बीजेपी को फायदा पहुंचाया।

2014 से था शक, महाराष्ट्र बना सबूत

राहुल गांधी ने बताया कि उन्हें 2014 के लोकसभा चुनाव से ही चुनावी प्रक्रिया पर शक था। गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में कांग्रेस को एक भी सीट न मिलना उनके लिए हैरान करने वाला था। उन्होंने कहा, "जब हम बोलते थे, लोग सबूत मांगते थे। अब हमारे पास सबूत हैं।" महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को उन्होंने टर्निंग पॉइंट बताया। राहुल के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के चार महीने बाद हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 1 करोड़ नए वोटर अचानक जोड़े गए, जिनमें से ज्यादातर वोट बीजेपी के पक्ष में गए। उन्होंने कहा, "लोकसभा में हमने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन विधानसभा में हार का सामना करना पड़ा। जांच में पता चला कि वोटर लिस्ट में भारी हेरफेर हुआ।" 

कानूनी और राजनीतिक लड़ाई का ऐलान

राहुल गांधी ने ऐलान किया कि कांग्रेस इस मुद्दे को कानूनी और राजनीतिक दोनों स्तरों पर उठाएगी। उन्होंने कहा, "हम इन तथ्यों और दस्तावेजों के साथ पूरे देश के सामने सच्चाई लाएंगे।" उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जो लोग इस "वोट चोरी" में शामिल हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे रिटायर हो जाएं या कहीं भी छिप जाएं।

चुनाव आयोग और बीजेपी का जवाब

चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को "बेबुनियाद" और "गैर-जिम्मेदाराना" करार देते हुए खारिज किया है। आयोग ने कहा कि राहुल ने न तो कोई औपचारिक शिकायत दर्ज की और न ही 12 जून 2025 को भेजे गए पत्र का जवाब दिया। आयोग ने अपने कर्मचारियों को ऐसे बयानों से प्रभावित न होने और निष्पक्षता के साथ काम करने का निर्देश दिया है। दूसरी ओर, बीजेपी ने राहुल के आरोपों को "हताशा" का नतीजा बताया। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, "राहुल गांधी बार-बार हारने के कारण निराश हैं। वे हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली हारे, और अब बिहार और बंगाल में भी हारने वाले हैं।" 

कर्नाटक और बिहार में भी गड़बड़ी का दावा

राहुल ने कर्नाटक की एक लोकसभा सीट का जिक्र करते हुए कहा कि वहां वोटर लिस्ट में हजारों फर्जी मतदाता जोड़े गए, जिनमें 45-65 साल की उम्र के लोग शामिल थे। बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर भी उन्होंने सवाल उठाए, इसे बीजेपी के लिए वोट चोरी की साजिश बताया।

क्या है आगे की रणनीति?

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस अब इन सबूतों को जनता के सामने लाएगी और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली को उजागर करेगी। उन्होंने यह भी मांग की कि वोटर लिस्ट और मतदान की वीडियोग्राफी सार्वजनिक की जाए। कांग्रेस का दावा है कि अगर आयोग पारदर्शी है, तो उसे इन मांगों को पूरा करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।

राहुल गांधी के इन आरोपों ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है। जहां कांग्रेस और विपक्षी दल उनके समर्थन में उतर आए हैं, वहीं बीजेपी और चुनाव आयोग ने इन दावों को सिरे से खारिज किया है। यह विवाद अब कानूनी और राजनीतिक लड़ाई का रूप ले सकता है, जिसका असर आगामी बिहार विधानसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है।