पूर्व मंत्री महेश जोशी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत: 900 करोड़ के जल जीवन मिशन घोटाले में 7 महीने की कैद के बाद राहत

राजस्थान के पूर्व जलदाय मंत्री और कांग्रेस नेता महेश जोशी को 900 करोड़ रुपये के जल जीवन मिशन घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। 24 अप्रैल 2025 से जयपुर जेल में बंद जोशी करीब 7 महीने बाद रिहा होंगे। हाईकोर्ट ने पहले जमानत खारिज की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी।

Dec 3, 2025 - 11:55
पूर्व मंत्री महेश जोशी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत: 900 करोड़ के जल जीवन मिशन घोटाले में 7 महीने की कैद के बाद राहत

जयपुर, 3 दिसंबर 2025: राजस्थान के पूर्व जलदाय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. महेश जोशी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है। इसके बाद जयपुर सेंट्रल जेल में लगभग 7 महीने से बंद जोशी जेल से बाहर आ सकेंगे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 24 अप्रैल 2025 को उन्हें गिरफ्तार किया था, जब से वे न्यायिक हिरासत में थे। यह फैसला राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है, खासकर कांग्रेस और भाजपा के बीच।

जमानत याचिका का सफर: हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक महेश जोशी की गिरफ्तारी के बाद ईडी की विशेष अदालत ने 13 जून 2025 को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने तर्क दिया कि मामले में गंभीर आरोप हैं और जांच लंबित है, इसलिए जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। इसके बाद जोशी ने राजस्थान हाईकोर्ट का रुख किया, जहां जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने 26 अगस्त 2025 को जमानत याचिका को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की धारा 45 के तहत आरोपी को जमानत तभी मिल सकती है, जब अदालत प्रथम दृष्टया संतुष्ट हो कि वह निर्दोष है। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की। 16 सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से जवाब मांगा था। सुनवाई के दौरान जोशी के वकीलों ने तर्क दिया कि मूल एसीबी मामले में उनका नाम नहीं है, ईडी के आरोप (जैसे 2.01 करोड़ रुपये की रिश्वत) पर कोई ठोस सबूत नहीं हैं, और गवाहों की वीडियोग्राफी तक नहीं की गई, जो सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। आखिरकार, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत मंजूर कर ली, हालांकि शर्तों का अभी विस्तार से पता नहीं चला है।इस बीच, जोशी को व्यक्तिगत संकट भी झेलना पड़ा। 28 अप्रैल 2025 को उनकी पत्नी कौशल जोशी का निधन हो गया, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 4 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी।  पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी उन्हें सांत्वना दी थी।

जल जीवन मिशन घोटाला: क्या है मामला? जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य 2024 तक देश के हर घर में नल से जल पहुंचाना है। राजस्थान में पूर्व कांग्रेस सरकार (2018-2023) के दौरान इस योजना में कथित रूप से 900 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने नवंबर 2024 में पूर्व मंत्री महेश जोशी समेत 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

मुख्य आरोप:फर्जी टेंडर और प्रमाण-पत्र: ठेकेदार महेश मित्तल और पदमचंद जैन ने इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र बनाकर टेंडर हासिल किए। विभाग के अधिकारी (वित्तीय सलाहकार, चीफ इंजीनियर आदि) ने इसे अनदेखा किया और अयोग्य फर्मों को भुगतान किया।  

 रिश्वतखोरी: जोशी पर टेंडर प्रक्रिया में रिश्वत लेने का आरोप है। ईडी ने दावा किया कि जोशी के बेटे की कंपनी को 2.01 करोड़ रुपये का लोन दिया गया, जो वास्तव में रिश्वत था (हालांकि जोशी पक्ष का कहना है कि यह लोन लौटा दिया गया और सिविल केस लंबित है)।

 संपत्ति अटैचमेंट: ईडी ने जोशी सहित 5 आरोपियों की 47.80 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की।

अन्य गिरफ्तारियां: अब तक पीयूष जैन, पदमचंद जैन, महेश मित्तल और संजय बड़ाया गिरफ्तार हो चुके हैं। दिलचस्प बात, जनवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य आरोपी ठेकेदार पदमचंद जैन को जमानत दे दी, जिस पर कोर्ट ने ईडी की जांच पर सवाल उठाए।