पहलगाम आतंकी हमले पर शिक्षक की बेहूदी टिप्पणी से मचा बवाल, जनता ने की कड़ी निंदा और कार्रवाई की मांग

Apr 25, 2025 - 16:14
पहलगाम आतंकी हमले पर शिक्षक की बेहूदी टिप्पणी से मचा बवाल, जनता ने की कड़ी निंदा और कार्रवाई की मांग

रिपोर्ट जसवंत सिंह शिवकर - जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस नृशंस हमले में 26 से 30 लोगों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। देशभर में इस घटना की कड़ी निंदा हो रही है, और लोग आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लेकिन इस दुखद मौके पर राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक सरकारी शिक्षक की आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणी ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। 

शिक्षक की संवेदनहीन टिप्पणी

बाड़मेर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय दीपाजी की ढाणी, PEEO आमलीयाला में कार्यरत शिक्षक जसवंत डाभी ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर पहलगाम हमले को लेकर बेहद गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी की। डाभी ने लिखा, "अगर धर्म पूछकर मारा होता तो सैयद आदिल हुसैन शाह जिंदा होता, मिडिया ने झूठ फैलाया है। यह हमला भी पुलवामा की तरह महज एक प्रोपेगेंडा होगा।" इस बयान में डाभी ने न केवल हमले की गंभीरता को नकारने की कोशिश की, बल्कि इसे प्रचार और झूठ का हिस्सा बताकर शहीदों और पीड़ितों के परिवारों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई।

यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब हमले में मारे गए लोगों में स्थानीय निवासी सैयद आदिल हुसैन शाह भी शामिल थे, जिन्होंने वीरतापूर्वक आतंकियों का मुकाबला करने की कोशिश की थी। डाभी का यह बयान न केवल तथ्यों के खिलाफ है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वाला और शहीदों का अपमान करने वाला माना जा रहा है।

स्थानीय लोगों में गुस्सा, कार्रवाई की मांग

जसवंत डाभी के इस स्टेटस के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों और नेटिज़न्स में भारी आक्रोश फैल गया। बाड़मेर के नागरिकों ने इसे शहीदों और उनके परिवारों का अपमान बताते हुए शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि एक शिक्षक, जिससे बच्चों को नैतिकता और देशभक्ति की शिक्षा देने की उम्मीद की जाती है, ऐसी संवेदनहीन टिप्पणी कैसे कर सकता है।

स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने कहा, "यह बेहद शर्मनाक है कि एक शिक्षक ऐसी बात कहे। यह न केवल शहीदों का अपमान है, बल्कि देश के खिलाफ एक गलत संदेश भी देता है। प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।" सोशल मीडिया पर भी लोगों ने डाभी की टिप्पणी की निंदा करते हुए इसे "देशद्रोही" और "असंवेदनशील" करार दिया।

शिक्षा जगत में हड़कंप

शिक्षक जसवंत डाभी की इस टिप्पणी ने शिक्षा जगत को भी शर्मसार किया है। शिक्षक समाज में एक आदर्श की भूमिका निभाते हैं, और उनसे देशभक्ति, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की उम्मीद की जाती है। लेकिन डाभी का यह बयान इन सभी मूल्यों के खिलाफ माना जा रहा है। बाड़मेर के शिक्षक समुदाय ने भी इस घटना पर दुख जताया और माना कि इस तरह की टिप्पणी पूरे पेशे की छवि को धूमिल करती है। 

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ