पुलिस कमिश्नरेट में बड़ा फेरबदल: नए चेहरों को सौंपी क्राइम कंट्रोल और ट्रैफिक सुधार की कमान
जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में 91 आईपीएस अधिकारियों के तबादले के साथ नए चेहरों को डीसीपी, ट्रैफिक और क्राइम कंट्रोल जैसे अहम पदों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ के नेतृत्व में अपराध नियंत्रण, ट्रैफिक सुधार और पुलिस छवि बेहतर बनाने पर जोर दिया जाएगा।

राजधानी जयपुर के पुलिस कमिश्नरेट में एक बार फिर बड़े पैमाने पर फेरबदल देखने को मिला है। शनिवार को राज्य सरकार द्वारा जारी 91 आईपीएस अधिकारियों की तबादला सूची में जयपुर कमिश्नरेट की पूरी टीम को नए सिरे से गठित किया गया है। हालांकि, कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ अपनी कुर्सी पर बने रहेंगे, लेकिन उनकी टीम में नए और अनुभवी चेहरों को शामिल किया गया है। इस फेरबदल में कमिश्नरेट के चारों जिलों के डीसीपी, ट्रैफिक डीसीपी, मुख्यालय और क्राइम डीसीपी को बदलकर नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। यह बदलाव शहर में अपराध नियंत्रण, कानून-व्यवस्था और ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
नए चेहरों को कमान, अनुभव का मिश्रण
तबादला सूची के मुताबिक, मनीष अग्रवाल को एडिशनल पुलिस कमिश्नर (प्रथम) की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले यह पद कुंवर राष्ट्रदीप के पास था। मनीष अग्रवाल का जयपुर कमिश्नरेट में डीसीपी (साउथ) के रूप में अनुभव रहा है और वे विशेष जांच दल (एसओजी) में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनके अनुभव को देखते हुए उनसे कमिश्नरेट की कार्यशैली को और मजबूत करने की उम्मीद है।
अभिजीत सिंह को डीसीपी (क्राइम) के पद पर नियुक्त किया गया है। अभिजीत पहले भी कमिश्नरेट में डीसीपी (ईस्ट) के रूप में कुछ महीनों तक कार्य कर चुके हैं। अपराध नियंत्रण के लिए उनकी नियुक्ति को गैंगस्टरों और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे गंभीर मुद्दों से निपटने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
संजीव नैन को डीसीपी (ईस्ट) की जिम्मेदारी दी गई है। नैन ने पहले डीसीपी (वेस्ट) के रूप में काम किया है और उनका अनुभव इस महत्वपूर्ण जिले में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में सहायक होगा। करण शर्मा को डीसीपी (नॉर्थ) का दायित्व सौंपा गया है। शर्मा का कमिश्नरेट में लंबा अनुभव रहा है, जिसके चलते उनसे इस क्षेत्र में प्रभावी कार्य की उम्मीद की जा रही है।
हनुमान प्रसाद मीणा डीसीपी (वेस्ट) के रूप में नई पारी शुरू करेंगे। वे पहले एडिशनल डीसीपी के रूप में कमिश्नरेट में कार्य कर चुके हैं। वहीं, राजर्षि राज वर्मा को डीसीपी (साउथ) की जिम्मेदारी दी गई है। वर्मा का जयपुर कमिश्नरेट में ज्यादा अनुभव नहीं है, लेकिन जोधपुर कमिश्नरेट में उनकी सेवाओं को देखते हुए उन्हें यह महत्वपूर्ण जिला सौंपा गया है। दक्षिण जयपुर में न केवल अपराध नियंत्रण, बल्कि वीवीआईपी मूवमेंट को संभालने की भी बड़ी जिम्मेदारी रहेगी।
ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने की चुनौती
जयपुर की बेतरतीब ट्रैफिक व्यवस्था लंबे समय से शहर की छवि को प्रभावित कर रही है। देश-विदेश में गुलाबी नगरी के नाम से मशहूर जयपुर में ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को परेशान किया है। इस चुनौती से निपटने के लिए सुमित मेहरड़ा को डीसीपी (ट्रैफिक) नियुक्त किया गया है। उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम बनाने और शहर की सड़कों को व्यवस्थित करने में सफल होंगे।
राजेश कुमार कांवट को डीसीपी (मुख्यालय) की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह पद कमिश्नरेट के समन्वय और प्रशासनिक कार्यों को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
राशि डोगरा को जयपुर ग्रामीण की कमान
जयपुर कमिश्नरेट में डीसीपी (नॉर्थ) के रूप में अपनी सेवाएं दे चुकीं राशि डोगरा डूडी को अब जयपुर ग्रामीण का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। राशि ने अपने कार्यकाल के दौरान नॉर्थ जयपुर में कानून-व्यवस्था को बन supposedly और अपराधियों पर प्रभावी कार्रवाई की थी। उनकी इस उपलब्धि को देखते हुए उन्हें जयपुर ग्रामीण की बड़ी जिम्म ेदारी सौंपी गई है।
क्राइम कंट्रोल और लॉ एंड ऑर्डर पर विशेष ध्यान
जयपुर, राजस्थान की राजधानी होने के नाते, पुलिस कमिश्नरेट की कार्यशैली पूरे प्रदेश में एक उदाहरण प्रस्तुत करती है। यहां अपराध नियंत्रण, कानून-व्यवस्था और वीवीआईपी मूवमेंट की जिम्मेदारी बेहद महत्वपूर्ण है। मादक पदार्थों की तस्करी, हथियारों की तस्करी और गैंगस्टरों पर प्रभावी कार्रवाई की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है। नए अधिकारियों की नियुक्ति के साथ कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ के नेतृत्व में इन चुनौतियों से निपटने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है।
पुलिस की छवि सुधारने की जरूरत
हाल के दिनों में जयपुर कमिश्नरेट के कुछ पुलिसकर्मियों के पद के विपरीत कार्यों को लेकर चर्चाएं जोरों पर रही हैं। इन घटनाओं ने पुलिस की छवि को प्रभावित किया है। ऐसे में नए अधिकारियों के सामने न केवल अपराध नियंत्रण और ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने की चुनौती है, बल्कि पुलिस की छवि को जनता के बीच बेहतर बनाने की भी जिम्मेदारी होगी।