ज़मीन के झगड़े ने लिया हिंसक रूप, महिला की मौत, 9 लोग घायल , गुस्से में ग्रामीणों ने हाईवे किया जाम

जमीनी विवाद में गोलीबारी और मारपीट में एक महिला की मौत, नौ लोग घायल। गुस्साए ग्रामीणों ने थाने के सामने शव रखकर प्रदर्शन किया, हाईवे जाम। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग, पुलिस ने जांच शुरू की।

Sep 25, 2025 - 13:11
Sep 25, 2025 - 13:14
ज़मीन के झगड़े ने लिया हिंसक रूप, महिला की मौत, 9 लोग घायल , गुस्से में ग्रामीणों ने हाईवे किया जाम

दौसा जिले के बसवा इलाके में गुरुवार सुबह एक जमीनी विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। इस दौरान हुई गोलीबारी और मारपीट में एक महिला की मौत हो गई, जबकि नौ अन्य लोग घायल हो गए। गुस्साए ग्रामीणों ने मृतका का शव बसवा थाने के सामने रखकर प्रदर्शन किया और अलवर-सिकंदरा मेगा हाईवे को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की और इस दौरान एक रोडवेज बस में तोड़फोड़ की भी कोशिश की गई।

बसवा के बागड़ियों की बास की रहने वाली कैलाशी देवी (52) पत्नी गोपाल गुरुवार सुबह करीब 7:30 बजे अपने खेत पर गई थीं। वहां पहले से चले आ रहे जमीनी विवाद को लेकर पड़ोसियों के साथ उनकी कहासुनी हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि दूसरे पक्ष के राजेंद्र (37) पुत्र पप्पूराम ने कथित तौर पर पिस्तौल से फायरिंग कर दी। इस गोलीबारी में कैलाशी देवी के सीने में गोली लगी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। उनकी जेठानी बिदाम देवी (53) के सिर में गोली लगी और उन्हें गंभीर हालत में दौसा जिला अस्पताल में रेफर किया गया।

इसके अलावा, लाठी-डंडों और कुल्हाड़ी से हुए हमले में कैलाशी के पति गोपाल (53), रामदयाल, कुलदीप, शंकर, बिदाम देवी, शांति देवी, कोमल देवी, खुशी और मांगीलाल घायल हो गए। सभी घायलों को बसवा अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

विवाद की जड़ क्या थी?

गोपाल ने बताया कि उनके और पप्पूराम के परिवार के बीच लंबे समय से जमीनी विवाद चल रहा है। दोनों पक्षों के खेत एक-दूसरे के पास हैं और पप्पूराम पक्ष उनके खेत पर अपना दावा करता रहा है। बुधवार रात को पप्पूराम के लोगों ने खेत की सीमा पर लगे खंभे और तारबंदी को उखाड़ दिया था। गुरुवार सुबह जब गोपाल का परिवार तारबंदी को ठीक करने लगा, तो विवाद शुरू हो गया। आपसी कहासुनी के बाद पप्पूराम पक्ष ने लाठी-डंडों और कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। इसी दौरान राजेंद्र ने पिस्तौल से फायरिंग की, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।

ग्रामीणों का गुस्सा और प्रदर्शन

घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने कैलाशी देवी का शव बसवा थाने के सामने अलवर-सिकंदरा स्टेट हाईवे पर रखकर धरना शुरू कर दिया। उन्होंने सड़क जाम कर दी, जिससे लंबा ट्रैफिक जाम लग गया और कई वाहन फंस गए। प्रदर्शनकारियों ने एक रोडवेज बस में तोड़फोड़ की भी कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। ग्रामीणों का कहना है कि घटना के बाद पुलिस ने अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है और वे आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

प्रशासन का हस्तक्षेप

सूचना मिलने पर बांदीकुई एसडीएम राम सिंह राजावत, बसवा एसडीएम रविकांत सिंह, बसवा तहसीलदार अनु शर्मा, बांदीकुई डिप्टी एसपी रोहिताश, और दौसा डिप्टी एसपी रवि शर्मा सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्रशासन लगातार परिवार वालों और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच

पुलिस के अनुसार, पप्पूराम पक्ष के सभी लोग घटना के बाद से फरार हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है। हालांकि, ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस की कार्रवाई में देरी हो रही है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .